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आईआरसीटीसी मामला : तेजस्वी सीबीआई के समक्ष पेश

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नई दिल्ली, 6 अक्टूबर (आईएएनएस)| राजद प्रमुख लालू प्रसाद के पुत्र तेजस्वी यादव 2006 के आईआरसीटीसी होटल मामले में चल रही जांच के सिलसिले में शुक्रवार को सीबीआई के समक्ष पेश हुए। सीबीआई के प्रवक्ता अभिषेक दयाल ने आईएएनएस को बताया कि तेजस्वी से यहां सीबीआई मुख्यालय में पूछताछ की गई।

इस मामले में कल लालू प्रसाद से भी सात घंटों तक पूछताछ की गई थी।

सीबीआई ने भारतीय रेलवे खानपान और पर्यटन निगम (आईआरसीटीसी) के ठेके के मामले में लालू और तेजस्वी को 26 सितंबर को एक महीने में तीसरी बार समन भेजा था।

तेजस्वी तीसरे समन के बाद सीबीआई के समक्ष पेश हुए।

सीबीआई ने पांच जुलाई को लालू, उनकी पत्नी राबड़ी देवी और तेजस्वी के खिलाफ 2006 में रांची और पुरी में आईआरसीटीसी के दो होटलों का ठेका निजी कंपनियों को देने में हुई कथित अनियमितताओं के कारण भ्रष्टाचार का मामला दायर किया था। उस समय लालू रेल मंत्री थे।

सीबीआई ने कहा कि विजय और विनय कोचर की स्वामित्व वाली एक कंपनी सुजाता होटल्स को ठेके दिए गए, जिन्होंने कथित तौर पर बिहार में एक प्रमुख भूखंड रिश्वत के रूप में लालू को दिया था।

प्रारंभिक सीबीआई जांच में पाया गया कि कोचर ने यह भूखंड डीलाइट मार्केटिंग को बेची और इसका भुगतान अहलूवालिया कॉन्ट्रैक्टर्स और इसके प्रमोटर बिक्रमजीत सिंह अहलूवालिया के माध्यम से किया गया।

प्रवर्तन निदेशालय ने 27 जुलाई को सीबीआई की प्राथमिकी के बाद धन शोधन निवारण रोकथाम अधिनियम के तहत एक अलग मामला दर्ज किया। वह शेल कंपनियों के माध्यम से धन के कथित हस्तांतरण के लिए लालू प्रसाद, तेजस्वी और अन्य की जांच भी कर रहा था।

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नेशनल

रेलवे बोर्ड ने अपने सभी जोन के लिए जारी किया निर्देश, ट्रेन में या ट्रेन की पटरियों पर रील बनाने वालों के खिलाफ दर्ज होगा केस

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नई दिल्ली। रेलवे बोर्ड ने अपने सभी जोन के लिए निर्देश जारी कर कहा है कि रेल सुरक्षा के लिए खतरा पैदा करने पर केस दर्ज किया जाएगा। यानी अगर कोई शख्स ट्रेन में या ट्रेन की पटरियों पर रील बनाएगा तो उसके खिलाफ केस दर्ज किया जाएगा।

क्या है पूरा मामला?

दरअसल लोग सोशल मीडिया पर वायरल होने के लिए रेल और रेल की पटरियों पर रील बनाते हैं। कई जगह ये भी देखा गया है कि रील बनाते-बनाते लोग चलती ट्रेन से घायल भी हुए हैं। युवाओं में खासकर यह क्रेज है कि वह रेलवे की पटरियों पर जाकर एक्शन रील बनाते हैं या फिर कुछ एक्सपेरिमेंट करते हैं, जैसेकि ट्रेन की पटरी पर पत्थर रख दिया या कोई सामान रख दिया। इस तरह की रील बनाने वाले लोग खुद के साथ-साथ रेल यात्रियों की जिंदगी भी खतरे में डालते हैं।

ऐसे में रेल पटरियों और चलती ट्रेनों में रील बनाने को लेकर सरकार सख्त रवैया अपना रही है। ऐसा करने पर आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज किया जाएगा। रेलवे बोर्ड ने इस मामले में अपने सभी जोन को निर्देश दिया है, जिसमें कहा गया है कि अगर रील बनाने वाले सुरक्षित रेल परिचालन के लिए खतरा उत्पन्न करते हैं या कोचों या रेल परिसरों में यात्रियों के लिए असुविधा का कारण बनते हैं तो उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जाए।

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