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खेल-कूद

जमीनी स्तर पर सरकार को खिलाड़ियों को सुविधाएं देनी चाहिए : अंकुर मित्तल

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नई दिल्ली, 8 अक्टूबर (आईएएनएस)| निशानेबाजी में नई प्रेरणा के रूप में उभर रहे भारतीय निशानेबाज अंकुर मित्तल आज विश्व रैंकिंग में डबल ट्रैप वर्ग में शीर्ष स्थान पर काबिज हैं।

मानव रचना इंस्टिट्यूट से एमबीए की पढ़ाई कर रहे अंकुर आज भले ही अपना नाम बना चुके हैं, लेकिन इस ख्याति का श्रेय वह पूरी तरह से अपने पिता को देते हैं, जिन्होंने हर प्रकार से उनका समर्थन किया है।

सरकार से मिलने वाली सहायता के बारे में आईएएनएस से एक साक्षात्कार में अंकुर ने कहा कि सरकार खिलाड़ियों की सहायता, तो करती है लेकिन उनकी उपलब्धियों के बारे में जानने के बाद।

अंकुर ने कहा, अगर कोई खिलाड़ी शानदार प्रदर्शन करते हुए ख्याति बटोरता है, तो सरकार भी उसकी मदद के लिए आगे आती है, जबकि सरकारी की इस मदद की जरूरत एक खिलाड़ी को तब होती है, जब वह अपने करियर की शुरूआत करता है।

बकौल अंकुर, अब आप निशानेबाजी के देख लीजिए। यह काफी महंगा खेल है और इसमें काफी खर्चा भी आता है। एक आम इंसान के लिए इस खेल को करियर बनाना आसान नहीं। ऐसे में जमीनी स्तर पर सरकार को ऐसी प्रतिभाओं की मदद करने की जरूरत है। उनके लिए सुविधाएं बनाने की जरूरत है। जैसे प्रशिक्षण शिविर का आयोजन करना और कार्यक्रमों का आयोजन करना आदि।

अंकुर का कहना है कि एक ओर सरकार को उम्मीद रहती है कि उनके देश के खिलाड़ी प्रतियोगिताओं में पदक लेकर आएंगे, लेकिन इस उम्मीद को बनाए रखने के लिए सरकार को जमीनी स्तर पर नई प्रतिभाओं को तराशने के लिए सुविधाएं देनी चाहिए।

अंकुर ने कहा कि एक आम इंसान के लिए निशानेबाज बनना बेहद मुश्किल होता है। उन्होंने कहा, खिलाड़ी बन सकता है लेकिन उसे सुविधाएं चाहिए और वो महंगी हैं। अब आप देख लें कि किन हालातों में एक निशानेबाज तैयार होता है। मैं अपने घर वालों की मदद की बदौलत यहां तक पहुंचा हूं। भारत में ऐसे युवाओं के लिए नि:शुल्क अभ्यास के लिए कोई सुविधा नहीं है।

अंकुर ने 2010 में अपने करियर की शुरूआत की थी। उन्हें निशानेबाजी की प्रेरणा अपने पिता अशोक मित्तल और बड़े भाई अजय मित्तल से मिली। दोनों ही निशानेबाज रहे हैं। अंकुर के बड़े भाई अजय राष्ट्रीय चैम्पियन और जूनियर एशियन चैम्पियनशिप का खिताब जीत चुके हैं।

उन्होंने कहा, बचपन से मैं अपने पिता और भाई को निशानेबाजी करते देखा था। 2011 में इटली में जूनियर चैम्पियनशिप में मैंने पहला पदक लिया था। इसके बाद मैं वरिष्ठ वर्ग में शामिल हो गया। 2014 में मैंने राष्ट्रमंडल खेलों और एशियाई खेलों में हिस्सा और केवल एक अंक के अंतर से मैं पदक हासिल नहीं कर पाया।

अंकुर के जीवन में सबसे बड़ा मोड़ 2014 में आया। उन्होंने एशियाई शॉटगन चैम्पियनशिप के चौथे संस्करण में डबल ट्रैप वर्ग में स्वर्ण पदक जीता और इसके बाद पीछे मुड़कर नहीं देखा।

केवल यहीं नहीं। अंकुर ने इस साल मार्च में मेक्सिको में आईएसएसएफ शॉटगन वल्र्ड कप टूर्नामेंट में डबल ट्रैप प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीता था।

दिल्ली में अक्टूबर में आयोजित होने वाले वल्र्ड कप फाइनल्स-2017 में भी अंकुर का लक्ष्य स्वर्ण पदक पर कब्जा जमाना होगा।

आगे के लक्ष्य के बारे में अंकुर ने कहा, मेरा लक्ष्य अभी दिल्ली में अक्टूबर में आयोजित हो रहे शूटिंग वल्र्ड कप फाइनल्स में जीत हासिल करना है। उसके साथ ही मेरा ध्यान अगले साल आयोजित होने वाले एशियाई खेलों पर भी है।

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खेल-कूद

भारत और साउथ अफ्रीका के बीच आज खेला जाएगा चौथा और आखिरी टी -20 मैच, जानें कितने बजे शुरू होगा मैच

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जोहानसबर्ग। भारत ने साउथ अफ्रीका को टी20 सीरीज के तीसरे टी20 मैच में 11 रन से मात दी और चार मैचों की सीरीज में 2-1 से अजेय बढ़त भी हासिल की। यह मैच सेंचुरियन के सुपरस्पोर्ट पार्क में खेला गया था। साउथ अफ्रीका के कप्तान एडेन मार्कराम ने टॉस जीतकर गेंदबाजी चुनी। भारतीय टीम ने रमनदीप सिंह को डेब्यू का मौका दिया।

कितने बजे होगा टॉस

हालांकि टीम इंडिया के लिए ये इतना भी आसान नहीं होगा क्योंकि पिछले 2 मैचों में सलामी बल्लेबाज संजू सैमसन अपना खाता भी नहीं खोल पाए थे। वहीं, भारतीय टीम के लिये रिंकू सिंह का बल्लेबाजी क्रम और खराब फॉर्म भी चिंता का सबब बना हुआ है।अब चौथे मैच पर सभी की निगाहें टिकी हैं। हालांकि इस बार भी फैंस की रात काली होने वाली है क्योंकि पिछले मैच की तरह चौथे T20I मैच का आगाज भी 8 बजकर 30 मिनट पर होगा। टॉस आधे घंटे पहले यानी रात 8 बजे होगा।

दोनों टीमें इस प्रकार हैं:

भारतीय टीम: सूर्यकुमार यादव (कप्तान), अभिषेक शर्मा, संजू सैमसन (विकेटकीपर), रिंकू सिंह, तिलक वर्मा, जितेश शर्मा (विकेटकीपर), हार्दिक पंड्या, अक्षर पटेल, रमनदीप सिंह, वरुण चक्रवर्ती, रवि बिश्नोई, अर्शदीप सिंह, विजयकुमार विशक। आवेश खान, यश दयाल।

साउथ अफ्रीका की टीम: एडेन मारक्रम (कप्तान), ओटनील बार्टमैन, गेराल्ड कोएत्जी, डोनोवन फरेरा, रीजा हेंड्रिक्स, मार्को जानसन, हेनरिक क्लासेन, पैट्रिक क्रुगर, केशव महाराज, डेविड मिलर, मिहलाली मपोंगवाना, नकाबा पीटर, रयान रिकेलटन, एंडिले सिमलेन, ट्रिस्टन स्टब्स।

 

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