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प्रादेशिक

दिवाली से पहले योगी सरकार की सौगात, डिफॉल्टर किसानों का भी कर्जा माफ

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई कैबिनेट की बैठक में 11 फैसले लिए गए। सबसे महत्वपूर्ण फैसला यह कि को-ऑपरेटिव में कर्ज न चुका पाने की वजह से करीब 12 लाख 61 हजार किसानों (डिफॉल्टर) के बैंक खाते बंद कर दिए गए थे। सरकार ने 75 फीसद इनका कर्ज देकर और को-ऑपरेटिव बैंक ने 25 फीसद माफ कर इनके डेड खातों को फिर से चालू करने का फैसला किया है।

सरकार के प्रवक्ता श्रीकांत शर्मा ने बताया कि राजस्व निरीक्षक की सीधी भर्ती समाप्त कर दी गई। पहले 25 फीसद पदों पर सीधी भर्ती और 75 फीसद प्रोन्नत से भरी जाती थी, लेकिन अब सभी पदोन्नत से भरे जाएंगे। इसका सर्वाधिक लाभ लेखपालों को मिलेगा।

श्रीकांत शर्मा ने संवाददाता सम्मेलन में कैबिनेट के फैसलों पर जानकारी दी। उन्होंने बताया कि 70 जिलों के भू-मानचित्रों को डिजिटल किया जाएगा।

शर्मा ने बताया, “उप्र अधीनस्थ राजस्व निरीक्षक सेवा नियमावली में संसोधन कर 4,281 पद स्वीकृत किए गए हैं। इसमें 25 फीसदी पद लोकसेवा आयोग के माध्यम से और बाकी 75 फीसदी पद, जिसमें 55 फीसदी लेखपाल संवर्ग, 18 अमीन संवेग से भरे जाने हैं। चट्टान और ग्रेनाइट, डोलो स्टोन, सिलिका सेंड पैराफाइड आदि के खनन को ई-टेंडर से किए जाने को लेकर नोडल एजेंसी के निर्धारण को मंजूरी मिली।”

सरकार के मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने बताया, “पीडब्ल्यूडी, एनएचएआई को कुछ समय के लिए खनन क्षेत्र आरक्षित किया जाएगा। पीडब्ल्यूडी को सात क्षेत्र, सोनभद्र, झांसी, महोबा, बांदा खनन क्षेत्र दिया गया। एनएचएआई को छह खनन क्षेत्र दिया जा रहा है। डेडिकेटेड फ्रंट कोरीडोर को सात खनन क्षेत्र आरक्षित किए गए हैं।”

IANS News

महाकुंभ मेला क्षेत्र के सभी सेक्टरों में नियुक्त किए गए सेक्टर मजिस्ट्रेट

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प्रयागराज। महाकुंभ 2025 को लेकर प्रयागराज में तेजी से निर्माण कार्य चल रहा है। सीएम योगी के दिव्य भव्य महाकुंभ की योजना के मुताबिक महाकुंभ नगरी ने संगम तट पर आकार लेना शुरू कर दिया है। महाकुंभ में आने वाले करोड़ों श्रद्धालुओं, कल्पवासियों और साधु-संन्यासियों के रहने और स्नान के लिए घाटों, अस्थाई सड़कों व टेंट सिटी का निर्माण शुरू हो गया है। प्रयागराज मेला प्रधिकरण ने योजना के मुताबिक पूरे मेला क्षेत्र को 25 सेक्टरों में बांटा हैं। सेक्टर और कार्य के मुताबिक सेक्टर मजिस्ट्रेटों की नियुक्ति कर दी गई है। सभी सेक्टर मजिस्ट्रेट अपने – अपने सेक्टर में भूमि अधिग्रहण से लेकर प्रशासन व्यवस्था के लिए जिम्मेदार रहेंगे। महाकुंभ के दौरान सेक्टर मजिस्ट्रेट आम जनता और प्रशासन के बीच कड़ी का कार्य करेंगे।

विभागीय समन्वय का करेंगे कार्य

महाकुंभ 2025 में लगभग 45 करोड़ श्रद्धालुओं के आने और लगभग 1 लाख से अधिक लोगों के कल्पवास करने की संभावना है। इसके साथ ही हजारों की संख्या में साधु-संन्यासियों और मेला प्रशासन के लोग महाकुंभ के दौरान मेला क्षेत्र में रहेंगे। इन सबके रहने के लिए टेंट सिटी व स्नान के लिए घाटों और मार्गों का निर्माण कार्य युद्धस्तर पर चल रहा है। पूर्व योजना के मुताबिक प्रयागराज मेला प्राधिकरण ने पूरे महाकुंभ क्षेत्र को 25 सेक्टरों में बांटा है। 4000 हेक्टेयर और 25 सेक्टरों में बंटा महाकुंभ मेला क्षेत्र इससे पहले के किसी भी महाकुंभ मेले से सबसे बड़ा क्षेत्र है। मेला प्राधिकरण ने प्रत्येक सेक्टर में भूमि अधिग्रहण से लेकर प्रशासन व्यवस्था और विभागीय समन्वय के लिए उप जिलाधिकारियों को सेक्टर मजिस्ट्रेट के तौर पर नियुक्ति किया है। ये सेक्टर मजिस्ट्रेट पूरे महाकुंभ के दौरान अपने-अपने सेक्टर, कार्य विभाग और विभागीय समन्वयन का कार्य करेंगे।

अधिकांश ने ग्रहण किया कार्यभार

प्रयागराज मेला प्राधिकरण ने सेक्टर वाईज सेक्टर मजिस्ट्रेट की लिस्ट जारी कर दी है। इस सबंध में एसडीएम मेला अभिनव पाठक ने बताया कि अधिकांश सेक्टर मजिस्ट्रेटों ने कार्यभार ग्रहण कर लिया है। शेष अपनी विभागीय जिम्मेदारियों से मुक्त होकर जल्द ही मेला क्षेत्र में अपना कार्यभार ग्रहण कर लेंगे। जो कि महाकुंभ के दौरान अपने-अपने सेक्टर की प्रशासन व्यवस्था व विभागीय समन्वयन का कार्य करेंगे। प्रत्येक सेक्टर में भूमि आवंटन की प्रगति और लोगों की समस्याओं के त्वरित निस्तारण में ये सेक्टर मजिस्ट्रेट मददगार होंगे।

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