Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

नेशनल

भाजपा के लिए संघ करेगा गांवों में जमावट

Published

on

Loading

भोपाल, 15 अक्टूबर (आईएएनएस)| अगले लोकसभा चुनाव में डेढ़ साल और कई राज्यों के विधानसभा चुनाव में कुछ माह का वक्त रह गया है, मगर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के खिलाफ कई क्षेत्रों में असंतोष पनप रहा है। इससे भाजपा तो चिंतित है ही, उसके मातृ संगठन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के माथे पर भी कम बल नहीं पड़े हैं। यही कारण है कि संघ ने भाजपा की जीत के लिए नए सिरे से रणनीति बनाकर जमावट शुरू करने की ठान ली है। संघ अब गांवों की ओर रुख करेगा।

संघ की यहां के शारदा विहार आवासीय विद्यालय परिसर में तीन दिन चली अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल की बैठक में देश की वर्तमान राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक मसलों पर चर्चा हुई। इस दौरान विभिन्न प्रतिनिधियों ने बताया कि किसान, नौजवान और कारोबारी से लेकर राज्यों के कर्मचारियों तक में आक्रोश पनप रहा है।

सूत्रों की मानें तो संघ ने बढ़ते असंतोष को जानते हुए नई रणनीति पर अभी से काम करने का मन बना लिया है। वह शहरी और नगरीय इलाकों की बजाय ग्रामीण और कस्बाई इलाकों पर ज्यादा जोर देगा। संघ गांवों में शाखाएं लगाएगा और अपने अनुषांगिक संगठनों को सक्रिय करेगा।

बैठक में तय किया गया है कि संघ की ज्यादा से ज्यादा शाखाओं में इजाफा ग्रामीण इलाकों में किया जाए। किसानों से सीधे संवाद कर उनकी समस्याओं के निदान के प्रयास हों, साथ ही उन्हें फसल का लाभकारी मूल्य मिले इस दिशा में भी प्रयास हों। इसके अलावा किसानों को जैविक खेती की ओर मोड़ा जाए, इसके फायदे बताए जाएं।

सूत्रों का कहना है कि तीन दिन की बैठक में किसानों के बाद सबसे ज्यादा जोर गांव के नौजवानों को संघ से जोड़ने पर दिया गया। ऐसा इसलिए, क्योंकि देश में 30-35 वर्ष के युवाओं की संख्या सबसे ज्यादा है।

संघ के सर कार्यवाह सुरेश भैयाजी जोशी ने इसे स्वीकारा भी है कि ‘संघ अब ग्रामीण इलाकों पर विशेष ध्यान देगा, क्योंकि वहां सामाजिक बदलाव बड़ी चुनौती है। चाहे वह हिंदुत्व को लेकर हो या फिर सामाजिक संदर्भ के लिए, वहां के युवाओं को साथ लिया जाएगा।’

उन्होंने कहा, देश की 60 फीसदी आबादी गांवों में बसती है और संघ की शाखाओं का प्रभाव भी गांवों में ज्यादा है। दो-तिहाई शाखाएं गांवों में लगती हैं, वहीं एक-तिहाई शहरों में लगती हैं। वहां के किसान और नौजवान संघ से जुडें़, इसकी कोशिश तेज होगी।

वरिष्ठ पत्रकार भारत शर्मा का कहना है, संघ वास्तव में भाजपा के लिए काम करता है, उसके कई मुखौटे हैं। जैसे- किसान संघ, विद्यार्थी परिषद, स्वदेशी जागरण मंच, भारतीय मजदूर संघ आदि। इनके जरिए संघ सरकार के खिलाफ भी आवाज उठवाता रहता है, ताकि आम लोगों को लगे कि संघ के संगठन भी नीतियों का विरोध कर रहे हैं।

शर्मा आगे कहते हैं, संघ अपने को सामाजिक और गैर राजनीतिक संगठन बताता है, मगर ऐसा है नहीं। वह तो पर्दे के पीछे से सारा खेल खेलता है। जब चुनाव करीब आते हैं, संघ अपनी तरह से जमीनी स्तर पर काम शुरू कर देता है। उसे पता है कि असंतोष बढ़ रहा है, इसीलिए उसके अनुषांगिक संगठन सरकार के खिलाफ आवाज उठाकर जनता में भ्रम पैदा करते हैं।

कांग्रेस नेता व विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह का कहना है, भाजपा 2014 के चुनाव में यूपीए की सत्ता के खिलाफ बने माहौल में जीत गई, मगर अब भाजपा की हकीकत सामने आने लगी है, उसके खिलाफ माहौल बन रहा है, जिससे वह डरी हुई है। ऐसे में वह समाज को बांटकर चुनाव जीता चाहती है। इसके लिए उसके पास संघ जैसा संगठन है। संघ अभी शहरी इलाकों में हिंदुत्व के नाम पर समाज को बांटकर ध्रुवीकरण करता रहा है, अब वह हिंदुत्व के नाम पर गांव में भी ध्रुवीकरण चाहता है।

यहां बताना लाजिमी होगा कि संघ ने स्पष्ट कर दिया है कि वह अपने तीन मुद्दों- राममंदिर, धारा 370 और समान नागरिक संहिता से पीछे नहीं हटा है। जहां तक भाजपा की बात है, वह संघ के कहने से नहीं चलती। हां, विचारधारा के मामले में दोनों एक हैं। इतना ही नहीं, सरकार में संघ का कोई दखल नहीं है।

भाजपा की प्रदेश इकाई के मुख्य प्रवक्ता दीपक विजयवर्गीय ने कहा, संघ 1925 से समाज के लिए काम कर रहा है, उसका शहरी और ग्रामीण इलाकों में अपनी स्थापना से काम चल रहा है। देश की 70 फीसदी आबादी गांव में रहती है, शहरी लोग विचारधारा को जल्दी समझ लेते हैं। गांव तक विस्तार करने में वक्त लगना स्वाभाविक है। इस वजह से संघ ने ग्रामीण क्षेत्र में विस्तार की योजना बनाई होगी। संघ को बेवजह राजनीति से नहीं जोड़ना चाहिए।

संघ को उत्पाद एवं सेवा कर (जीएसटी), नोटबंदी, किसानों, व्यापारियों, युवाओं की समस्याओं को लेकर पूरे देश से आए 350 प्रतिनिधियों से मिले फीडबैक ने नई रणनीति पर काम करने को मजबूर कर दिया है। उसने इस पर मंथन करने के बाद अब गांव की ओर रुख करने का मन बनाया है।

संघ जानता है कि वर्ष 2014 का लोकसभा चुनाव भाजपा ने सत्ता विरोधी लहर के कारण जीता था, इसलिए अगले चुनाव में सिर्फ हिंदुत्व कार्ड खेलकर काम बनाया जा सकता है, यह संघ समझ चुका है।

Continue Reading

नेशनल

केरल के कन्नूर जिले में चोरों ने व्यवसायी के घर से उड़ाए एक करोड़ रुपये, सोने के 300 सिक्के

Published

on

Loading

कन्नूर। केरल के कन्नूर जिले में चोरों के एक गिरोह ने वालापट्टनम में एक व्यवसायी के घर से एक करोड़ रुपये की नकदी और सोने की 300 गिन्नियां चुरा लिए। पुलिस ने सोमवार को यह जानकारी दी।पुलिस के मुताबिक चोरी की यह घटना उस समय हुई जब व्यवसायी और उसका परिवार एक विवाह समारोह में भाग लेने के लिए तमिलनाडु के मदुरै गए हुए थे। उन्होंने बताया कि चोरी का पता तब चला जब रविवार रात को व्यवसायी का परिवार घर लौटा और लॉकर में रखा कीमती सामान गायब पाया।

सीसीटीवी फुटेज में तीन लोगों को दीवार फांदकर घर में घुसते देखा

पुलिस सूत्रों ने बताया कि घर के सभी लोग 19 नवंबर से ही घर से बाहर थे। और संदेह है कि चोरों ने रसोई की खिड़की की ग्रिल काटकर घर में प्रवेश किया। सीसीटीवी फुटेज में तीन लोगों को दीवार फांदकर घर में घुसते देखा जा सकता है।

चोरों को लिए गए फिंगरप्रिंट

पीड़ित परिवार के एक रिश्तेदार ने मीडिया को बताया कि नकदी, सोना और अन्य कीमती सामान आलमारी में बंद करके रखे गए थे। इसकी चाबी दूसरे कमरे में रखी गई थी। पुलिस और ‘फिंगरप्रिंट’ (अंगुलियों के निशान) लेने वाले विशेषज्ञों की एक टीम घर पहुंची और सुबूत एकत्र किए तथा आरोपियों को पकड़ने के लिए व्यापक तलाश अभियान चलाया गया है।

Continue Reading

Trending