प्रादेशिक
बेंगलुरु-एर्नाकुलम इंटरसिटी एक्सप्रेस दुर्घटनाग्रस्त, 12 की मौत
बेंगलुरू/चेन्नई/कोच्चि | बेंगलुरू के नजदीक शुक्रवार सुबह बेंगलुरू-एर्नाकुलम इंटरसिटी एक्सप्रेस के आठ डिब्बे पटरी से उतर गए। हादसे में 12 लोगों की मौत हो गई और लोग घायल हो गए। केरल के मुख्यमंत्री ओमन चांडी ने कोच्चि में संवाददाताओं को बताया कि उन्होंने इस बारे में कर्नाटक के गृह मंत्री के.जे.जार्ज से बात की है। उन्होंने केरल के बिजली मंत्री आर्यादन मोहम्मद के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल दुर्घटनास्थल की तरफ रवाना हो गया है।
रेल अधिकारी ने बताया कि दुर्घटना सुबह 7.35 बजे हुई, जब रेलगाड़ी बेंगलुरू के नजदीक अनकेल स्टेशन से निकलते हुए तमिलनाडु में होसुर की तरफ जा रही थी। रास्ते में रेलगाड़ी का इंजन और आठ डिब्बे पटरी से उतर गए। रेलगाड़ी सुबह 6.15 बजे शहर के मुख्य स्टेशन से निकली। दुर्घटना बेंगलुरू-सालेम रेलखंड स्थित कर्नाटक-तमिलनाडु सीमा पर अंकेल मार्ग और होसुर शहर के बीच हुई। चांडी ने कहा, “अब तक केरल के दो नागरिकों की मौत की सूचना है। हमें बताया गया है कि दो डिब्बे सबसे अधिक प्रभावित हुए हैं। एर्नाकुलम, थ्रिसुर, तिरुवनंतपुमर में अलग-अलग हेल्पलाइन शुरू किया गया है।”
विभिन्न रपाटों के अनुसार, डी8 और डी9 डिब्बे को अत्यधिक नुकसान पहुंचा है, जिसमें 109 लोग सवार थे, इसलिए हताहतों की संख्या बढ़ सकती है। बेंगलुरू से एक अधिकारी ने बताया, घटनास्थल पर विशेषज्ञों की टीम भेज दी गई है, जो रेलगाड़ी के पटरी से उतरने की वजह का पता लगाएंगे। घटना के बाद दो डिब्बे एक-दूसरे पर चढ़ गए थे। रेलगाड़ी के एक यात्री अनीश ने कोच्चि से फोन पर मीडिया को बताया कि राहत टीम ने दो डिब्बे को रेलगाड़ी से अलग कर दिया है और घायलों को अस्पताल भेज दिया है। रेल अधिकारियों को दो घंटे बाद तक घटना की वजह का पता नहीं चल पाया। उनकी पहली प्राथमिकता घायलों को बचाना और फंसे हुए यात्रियों को राहत पहुंचाना था।
रेलगाड़ी में यात्रा कर रहे एक अन्य यात्री सारिएक मैथ्यू ने फोन पर बताया, रेलगाड़ी के नौ डिब्बे पटरी से उतर गए हैं। सबसे अधिक क्षति डी-8 को हुई है। मैंने दो पुरुषों और एक महिला का शव देखा। मैथ्यू ने कहा, पुलिस और एंबुलेंस एक घंटे के बाद घटनास्थल पर पहुंचे। दक्षिण-पश्चिम रेलवे ने शहर के रेलवे स्टेशन और घटनास्थल पर घायलों एवं फंसे हुए यात्रियों की मदद के लिए सहायता केंद्र स्थापित किया है।
IANS News
वसुधैव कुटुंबकम’ भारत का शाश्वत संदेश : योगी आदित्यनाथ
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘वसुधैव कुटुंबकम’ के आदर्श वाक्य के महत्व पर जोर देते हुए इसे भारत की वैश्विक मानवता के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक बताया है। उन्होंने इसे भारत का शाश्वत संदेश बताते हुए कहा कि हमने हमेशा से शांति, सौहार्द और सह-अस्तित्व को प्राथमिकता दी है। सीएम योगी ने यह बात शुक्रवार को एलडीए कॉलोनी, कानपुर रोड स्थित सिटी मॉन्टेसरी स्कूल (सीएमएस) के वर्ल्ड यूनिटी कन्वेंशन सेंटर में विश्व के मुख्य न्यायाधीशों के 25वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करने के दौरान अपने संबोधन में कही। कार्यक्रम में 56 देशों के 178 मुख्य न्यायाधीश और डेलिगेट्स ने भाग लिया।
‘अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक’
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक बताया। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद सम्मानजनक अंतरराष्ट्रीय संबंधों को विकसित करने और संघर्षों को शांतिपूर्ण ढंग से हल करने के लिए नैतिक मार्ग का अनुसरण करने के लिए हम सभी को प्रेरित करता है। उन्होंने समारोह को प्रेरणादायक बताते हुए कहा कि 26 नवंबर 2024 को संविधान अंगीकरण के 75 वर्ष पूरे होंगे। यह संविधान के अंगीकृत होने के अमृत महोत्सव वर्ष की शुरुआत के दौरान आयोजित हो रहा है।
‘युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है’
योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संयुक्त राष्ट्र के ‘समिट ऑफ दि फ्यूचर’ में दिये गये संबोधन की चर्चा करते हुए कहा कि युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है। युद्ध ने दुनिया के ढाई अरब बच्चों के भविष्य को खतरे में डाला है। उन्होंने दुनिया के नेताओं से आग्रह किया कि वे एकजुट होकर आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वच्छ, सुरक्षित और भयमुक्त समाज का निर्माण करें। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सम्मेलन को वैश्विक संवाद और सहयोग का मंच बताते हुए विश्वास व्यक्त किया कि अनुच्छेद 51 की भावना के अनुरूप यह आयोजन विश्व कल्याण के मार्ग को प्रशस्त करेगा। उन्होंने दुनिया भर के न्यायाधीशों से इस दिशा में सक्रिय योगदान देने का भी आह्वान किया।
‘भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध’
मुख्यमंत्री ने संविधान के अनुच्छेद 51 की चर्चा करते हुए कहा कि यह वैश्विक शांति और सौहार्द की दिशा में भारत की सोच को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद संघर्षों के शांतिपूर्ण समाधान और सभी देशों के बीच सम्मानजनक संबंधों को बढ़ावा देने का संदेश देता है। मुख्यमंत्री ने भारत की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की सक्रिय भागीदारी से यह स्पष्ट होता है कि भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध है।
सीएमएस के संस्थापक को दी श्रद्धांजलि
सीएमएस के संस्थापक डॉ. जगदीश गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी दूरदृष्टि और प्रयासों से यह सम्मेलन एक महत्वपूर्ण मंच बना है। उन्होंने डॉ. भारती गांधी और गीता गांधी को इस कार्यक्रम को अनवरत जारी रखने के लिए धन्यवाद दिया।
इस अवसर पर हंगरी की पूर्व राष्ट्रपति, हैती रिपब्लिक के पूर्व प्रधानमंत्री सहित दुनिया के 56 देशों से आए हुए न्यायमूर्तिगण, सीएमएस की संस्थापक निदेशक डॉ भारती गांधी, प्रबंधक गीता गांधी किंगडन समेत स्कूली बच्चे और अभिभावकगण मौजूद रहे।
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