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पाकिस्तान को तबाही से बचने के लिए व्यापक नीति की जरूरत
नई दिल्ली, 31 अक्टूबर (आईएएनएस)| फ्रेजाइल स्टेट्स इंडेक्स की 2017 की रपट में पाकिस्तान को उन 20 असफल देशों की फेहरिस्त में रखा गया है, जिन्हें खुद की सुरक्षा की चिंता करनी चाहिए। इसके बजाय कि पाकिस्तान अपने पड़ोसी देशों के खिलाफ धीमा युद्ध छेड़े, उसे विभिन्न क्षेत्रों में सुधारों को लागू करने के प्रयास करने चाहिए।
पाकिस्तान द्विराष्ट्र के सिद्धांत के आधार पर भारत से अलग हुआ था और यह सिद्धांत अलगाव और नफरत से भरा था।
पाकिस्तान ने अपनी दुष्ट नीतियों की वजह से वहाबी सऊदी अरब की ओर से आतंकवादी संगठनों की मदद कर अपने एक अन्य पड़ोसी अफगानिस्तान से दुश्मनी मोल ली, जबकि शियाओं का ईरान सुन्नी पाकिस्तान पर भरोसा नहीं कर सकता।
ईरान ने हाल ही में पाकिस्तान को चेताते हुए कहा कि यदि वह आतंकवादियों को नियंत्रण में नहीं रख पाया, तो उसके खिलाफ सख्त कदम उठाने पड़ेंगे।
पाकिस्तान के इससे पहले अफगानिस्तान और ईरान से सामान्य संबंध थे। 1965 और 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में पाकिस्तान को अफगानिस्तान और ईरान सीमाओं पर सेनाओं की तैनाती करने की जरूरत नहीं थी, क्योंकि उन्हें उससे कोई खतरा नहीं था, लेकिन अब स्थिति में बेहद बदलाव आया है।
पाकिस्तान का चौथा पड़ोसी चीन है। कूटनीतिक रूप से दोनों देश अच्छे दोस्त हैं। चीन ने कई मौकों पर पाकिस्तान को बचाया है, लेकिन चीन ने शिनजियांग स्वायत्त क्षेत्र में अलग देश बनाने के लिए जंग लड़ रहे उइगर मुसलमानों की मदद कर रहे कुछ इस्लामिक आतकंवादी संगठनों के मद्देनजर पाकिस्तान से लगी अपनी सीमा पर सख्त प्रतिबंध लगाए।
हाल ही में चीन में संपन्न हुए ब्रिक्स सम्मेलन के संयुक्त घोषणा-पत्र में पाकिस्तान के कई आतंकवादी संगठों के नाम थे। इससे संकेत मिलते हैं कि चीन भी पाकिस्तान और आतंकवाद की ओर अपने रुख में सख्ती ला रहा है।
पाकिस्तान खुद ही अनुकूल परिस्थितियों और ऐसे पड़ोसियों से घिरा है, जो उसके लिए खतरा बन सकते हैं। हालांकि, पाकिस्तान के समक्ष प्रमुख खतरा उसके आंतरिक बलों, विरोधाभासी मानसिकता, सैन्य प्रभुत्व, भ्रष्टाचार और अनुपयुक्त नेताओं, विभिन्न राष्ट्रीयताओं, बढ़ रही आबादी, घटते जल संसाधन और बिगड़ रही आर्थिक स्थिति से है। ये ताकतें पाकिस्तान के पतन का कारण बन सकती हैं।
पंजाबी बहुल पाकिस्तानी सेना ने नागरिक संस्थानों को मजबूत नहीं होने दिया और अन्य देशों से यहां आकर बसे लोगों का शोषण किया। 1971 में पाकिस्तान का बंटवारा हुआ और बांग्लादेश अलग देश बना। अब बलूचिस्तान, सिंध, खैबर, पख्तूनख्वा और कश्मीर सभी अलग देश बनना चाहते हैं।
गिलगिट और बाल्टिस्तान के लोग स्वतंत्र बलावरिस्तान के लिए संघर्ष कर रहे हैं। मुहाजिरिस, सराइकिस और चित्ररालिस पंजाबियों द्वारा शोषण करने की वजह से स्वायत्तता चाहते हैं। पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने कहा था कि देश विघटन के खतरे का सामना कर रहा है।
पूर्व राष्ट्रपति जनरल जिया-उल-हक ने अफगानिस्तान से सोवियत संघ को उखाड़ फेंकने के लिए अमेरिका से हाथ मिलाने का फैसला किया। उन्हें ऐसा करने के लिए जिहादियों की जरूरत थी, उन्हें इसके लिए राजनीति में धर्म को शामिल करने और सेना और देश को इस्लामिक बनाने की जरूरत थी। सऊदी अरब और अन्य पश्चिमी एशियाई देशों ने पाकिस्तान पर अरबों डॉलर उड़ाए और देश में मदरसा संस्कृति को पनपने देने में मदद की, जिसने बाद में कई पाकिस्तानियों को कट्टरपंथी बनाया। देश अभी भी चरमपंथ की भारी कीमत चुका रहा है।
पाकिस्तान ने भारत और अफगानिस्तान के खिलाफ धीमा युद्ध छेड़ रखा है और उसने इसके लिए लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी), जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम), हिजबुल मुजाहिदीन (एचएम), हरकत-उल-मुजाहिदीन (एचयूएम), सिपह-ए-साहब पाकिस्तान (एसएसपी), अहले सुन्नत वल जमात (एएसडब्ल्यूजे), लश्कर-ए-झांगवी और तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) जैसे आतंकवादी संगठन खड़े किए।
इन आतंकवादी संगठनों में से कुछ टूट गए और कुछ ने इंटर सर्विसिस इंटेलिजेंस (आईएसआई) की खिदमत करने से इनकार कर दिया और ये अब देश के भीतर ही आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम दे रहे हैं। एसएसपी और एएसडब्ल्यूजे जैसे सुन्नी संगठन शियाओं को मार रहे हैं। इन दो प्रमुख मुस्लिम संप्रदाय के बीच दुश्मनी बढ़ रही है। शिया मुसलमान पाकिस्तान की आबादी का 20 फीसदी से अधिक हैं।
इससे पहले पाकिस्तान का सबसे बड़ा आर्थिक अनुदानकर्ता अमेरिका ने हाल ही में पाकिस्तान को उसकी नीतियां बदलने की चेतावनी दी थी। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने यह भी कहा था कि पाकिस्तान आतंकवादियों का सुरक्षित ठिकाना बना हुआ है।
पाकिस्तान को अब चीन से वह आर्थिक मदद मिल रही है। उम्मीद है कि चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपीईसी) के लिए चीन 50 अरब डॉलर से अधिक का निवेश करेगा। संभावना है कि चीन, पाकिस्तान के कई हिस्सों को स्वयं में मिला लेगा, क्योंकि पाकिस्तान इतने बड़े कर्ज को चुकाने में कभी सक्षम नहीं होगा।
पाकिस्तान की जीडीपी दर तीन फीसदी है। उसे 73 अरब डॉलर और उससे अधिक का कर्ज चुकाना है। निर्यात घट रहा है, जबकि आयात बढ़ रहा है। देश की शिक्षा प्रणाली डगमगा गई है। विश्वभर के आतंकवादी प्रशिक्षण लेने के लिए पाकिस्तान पहुंच रहे हैं और बम बनाकर तबाही फैला रहे हैं। पाकिस्तान की डगमगाती शिक्षा प्रणाली को पूरी तरह से बदलने की जरूरत है, ताकि देश को टूटने से बचाया जा सके।
रक्षा बजट को कम करना चाहिए और शिक्षा, परिवार नियोजन और स्वास्थ्य क्षेत्र पर अधिक धनराशि खर्च करनी चाहिए। नागरिक संस्थानों को मजबूत करना चाहिए और सेना को बैरकों में लौटना चाहिए।
आईएसआई की शक्तियों को कम करनी चाहिए और पाकिस्तान को सभी आतंकवादी प्रशिक्षण केंद्रों को नष्ट करना पड़ेगा। सभी देश के लोगों की जायज शिकायतों का निवारण करना चाहिए और शियाओं सहित अल्पसंख्यकों के अधिकारों को सुनिश्चित करना चाहिए।
पाकिस्तान ने आतंकवादियों के खिलाफ कई अभियान शुरू किए हैं, लेकिन इन अभियानों के वांछित नतीजे सामने नहीं आए हैं। क्योंकि सुरक्षाबल अच्छे और बुरे में बंटे हुए हैं।
अगस्त 2017 में जमात-उद-दावा (जेयूजी) ने मिल्ली मुस्लिम लीग (एमएमएल) नामक एक राजनीतिक दल का गठन किया और चुनाव लड़ने की अपनी मंशा का ऐलान किया। इन राजनीतिक दलों में चरमपंथ और कट्टरपंथ चरम पर है और ये परमाणु हथियार हासिल कर सकते हैं।
पाकिस्तान तबाही की ओर बढ़ रहा है। यदि आतंकवादी देश पर पकड़ बना लेते हैं तो यह सिर्फ पाकिस्तान के लिए नहीं, बल्कि विश्व के लिए भी खतरनाक होगा। पाकिस्तान के शासकों को देश को इस खतरे से बचाने के लिए व्यापक नीति बनानी चाहिए।
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लॉरेंस बिश्नोई गैंग के निशाने पर श्रद्धा वॉकर का हत्यारा आफताब पूनावाला
नई दिल्ली । लॉरेंस बिश्नोई गैंग से जुड़ी एक बड़ी खबर सामने आ रही है. सूत्रों के मुताबिक, मीडिया में चल रही खबरों का संज्ञान लेते हुए तिहाड़ जेल प्रशासन, आफताब पूनावाला की सुरक्षा को लेकर अलर्ट हो गया है क्योंकि उसे लॉरेंश बिश्नोई गैंग से खतरे की बात सामने आई है. तिहाड़ जेल के अंदर जेल नंबर 4 में आफताब पूनावाला को रखा गया है. आफताब, श्रद्धा वॉल्कर हत्याकांड का आरोपी है. दिल्ली के छतरपुर इलाके में आफताब ने श्रद्धा की हत्या करके उसके शरीर को कई टुकड़ों में बांट दिया था.
तिहाड़ जेल से जुड़े सूत्रों के मुताबिक, मुंबई पुलिस से कोई आधिकारिक जानकारी नहीं मिली है लेकिन प्रशासन ने मीडिया में आई खबरों का संज्ञान लिया है. मुंबई पुलिस के मुताबिक, आफताब पूनावाला लारेंस बिश्नोई गैंग के शूटरों के निशाने पर है.
क्या है मामला ?
पुलिस की जांच में सामने आया था कि 18 मई 2022 की शाम करीब 6:30 से 7:00 बजे के बीच श्रद्धा विकास वॉल्कर की हत्या कर दी गई थी. इस मामले में आरोपी आफताब और पीड़िता के बीच रिलेशनशिप की टाइम लाइन अहम रही. मई 2019 से मार्च 2022 के दौरान मुंबई में आरोपी और पीड़िता की मुलाकात हुई और प्रेम संबंध बन गए थे. दोनों लिव-इन रिलेशनशिप में रहने लगे थे और खुद को शादीशुदा जोड़े के तौर पर दिखाते थे. उन्होंने 3 जगहों पर एक के बाद एक किराए का मकान लिया था, जहां वे रहते थे. दोनों 2 जगहों पर साथ काम कर चुके थे.
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