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नोटबंदी के बाद 75000 भारतीय उद्योगपति बने एनआरआई : ममता

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कोलकाता, 8 नवंबर (आईएएनएस)| पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को दावा किया कि नोटबंदी के बाद उत्पीड़न और मंदी के चलते लगभग 75,000 भारतीय उद्योगपतियों ने देश छोड़ दिया और वे एनआरआई बन गए।

ममता ने कहा कि इन उद्योगपतियों के जाने से सरकारी खजाने को सात लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। ममता ने कहा, लगभग 75,000 भारतीय उद्योगपतियों ने उत्पीड़न और मंदी का सामना करते हुए देश छोड़ दिया है और वे एनआरआई बन गए हैं। वे यातना और मानसिक पीड़ा सहन नहीं कर सकते थे।

नोटबंदी की पहली वर्षगांठ पर उन्होंने कहा, मुझे लगता है कि अगर वे 50 करोड़ रुपये से लेकर 500 करोड़ रुपये के बीच निवेश करते थे, तो इसका मतलब यह है कि सात लाख करोड़ रुपये पहले से ही देश से बाहर जा चुके हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए ममता ने कहा, काला धन लाने के बजाय, यहां हमारा पैसा ही देश से बाहर हो गया है। दरअसल मोदी ने नोटबंदी के दौरान कुछ भारतीयों द्वारा विदेशों में छुपाए काले धन को वापस लाने का वादा किया था।

उन्होंने सरकार द्वारा डिजिटल भुगतान समाधान एप पेटीएम मॉल का समर्थन करने को लेकर जांच की मांग की है। पेटीएम चीन की ई-कॉमर्स साइट दिग्गज अलीबाबा का मुख्य सर्मथक है। अलीबाबा के खिलाफ चीन में ‘सूचना न देने’ के लिए जांच चल रही है।

उन्होंने कहा, इस मामले की जांच जरूर होनी चाहिए। जितने लंबे समय तक यह पार्टी (भाजपा) केंद्र में बैठी रहेगी, सच्चाई बाहर नहीं आएगी। लेकिन वे हमेशा सत्ता में नहीं रहेंगे। फिर जांच होगी और सच्चाई जनता के बीच पहुंचेगी।

केंद्र सरकार द्वारा पिछले साल आठ-नौ नवंबर की रात 500 और 1000 रुपये के नोटों को बंद करने के फैसले पर निशाना साधते हुए ममता ने कहा, 100 से अधिक लोगों की मौत हो गई, 12,500 किसानों ने आत्महत्या कर ली। 50 लाख से अधिक लोगों ने नौकरी खो दी। टेक्सटाइल से लेकर असंगठित क्षेत्र, सभी नोटबंदी से पीड़ित हैं। अगले दो वर्षों में भी कोई नया रोजगार नहीं बनाया जाएगा।

उन्होंने कहा, यह फैसला, राजनीतिक और शासन के लिए एक बुरा निर्णय रहा है।

उन्होंने जुलाई में वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को लागू करने के लिए मोदी सरकार पर हमला बोला।

ममता ने कहा, हमने उनसे एक योजनाबद्ध तरीके से तैयारी करने के साथ ही इंतजार करने और जल्दबाजी न करने को कहा था। लेकिन उन्होंने खुद ही जुलाई में इसे लागू कर दिया। ऐसा लगता है कि वे कुछ वर्गो के प्रति निष्ठा रखते हैं।

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लॉरेंस बिश्नोई गैंग के निशाने पर श्रद्धा वॉकर का हत्यारा आफताब पूनावाला

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नई दिल्ली । लॉरेंस बिश्नोई गैंग से जुड़ी एक बड़ी खबर सामने आ रही है. सूत्रों के मुताबिक, मीडिया में चल रही खबरों का संज्ञान लेते हुए तिहाड़ जेल प्रशासन, आफताब पूनावाला की सुरक्षा को लेकर अलर्ट हो गया है क्योंकि उसे लॉरेंश बिश्नोई गैंग से खतरे की बात सामने आई है. तिहाड़ जेल के अंदर जेल नंबर 4 में आफताब पूनावाला को रखा गया है. आफताब, श्रद्धा वॉल्कर हत्याकांड का आरोपी है. दिल्ली के छतरपुर इलाके में आफताब ने श्रद्धा की हत्या करके उसके शरीर को कई टुकड़ों में बांट दिया था.

तिहाड़ जेल से जुड़े सूत्रों के मुताबिक, मुंबई पुलिस से कोई आधिकारिक जानकारी नहीं मिली है लेकिन प्रशासन ने मीडिया में आई खबरों का संज्ञान लिया है. मुंबई पुलिस के मुताबिक, आफताब पूनावाला लारेंस बिश्नोई गैंग के शूटरों के निशाने पर है.

क्या है मामला ?

पुलिस की जांच में सामने आया था कि 18 मई 2022 की शाम करीब 6:30 से 7:00 बजे के बीच श्रद्धा विकास वॉल्कर की हत्या कर दी गई थी. इस मामले में आरोपी आफताब और पीड़िता के बीच रिलेशनशिप की टाइम लाइन अहम रही. मई 2019 से मार्च 2022 के दौरान मुंबई में आरोपी और पीड़िता की मुलाकात हुई और प्रेम संबंध बन गए थे. दोनों लिव-इन रिलेशनशिप में रहने लगे थे और खुद को शादीशुदा जोड़े के तौर पर दिखाते थे. उन्होंने 3 जगहों पर एक के बाद एक किराए का मकान लिया था, जहां वे रहते थे. दोनों 2 जगहों पर साथ काम कर चुके थे.

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