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खेल-कूद

पहले सीजन में ही आईएसएल खिताब का दावेदार है बेंगलुरू

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नई दिल्ली, 13 नवंबर (आईएएनएस)| हीरो इंडियन सुपर लीग (आईएसएल) के चौथे सीजन में पदार्पण कर रही नई टीम बेंगलुरू एफसी अपने पहले ही सीजन में खिताब की प्रबल दावेदार मानी जा रही है। बेंगलुरू ने पदार्पण करते हुए ही आई-लीग का खिताब जीता था। वह दूसरी बार भी यह ट्रॉफी जीत चुकी है। इस बीच उसने दो बार फेडरेशन कप पर कब्जा जमाया और एएफसी कप के फाइनल में क्वालीफाई करने वाली पहली टीम बनी। थोड़े बहुत भाग्य की मदद से वह इस सीजन लगातार दूसरी बार एएफसी कप का फाइनल खेल सकती थी, लेकिन ताजाकिस्तान के फुटबाल क्लब इस्तीकोल के कुछ और ही इरादे थे।

इस हार से बेंगलुरू एफसी निराश जरूर होगी, लेकिन इसने उसे और खतरनाक बना दिया है।

टीम के कोच अल्बर्ट रोका ने कहा, मैं आश्वस्त हूं कि खिलाड़ियों ने इसके बारे में बात की होगी। एएफसी कप में हमने शानदार प्रदर्शन किया था। बस हम थोड़े से अभागे रहे कि लगातार दूसरी बार फाइनल में नहीं पहुंच सके।

बेंगलुरू एफसी भले ही इस साल आईएसएल में पदार्पण कर रही हो लेकिन वह इस नई शुरूआत का लुत्फ उठाएगी। उन्होंने स्पेन में प्री सीजन कैम्प भी लगाया वो भी तब जब बाकी टीमें अपनी टीम बनाने में लगी थीं। स्पेन में उन्होंने अच्छी टीमों के साथ खेला था और एएफसी कप में चार मैचों से उसे अपनी गलतियों को सुधारने में मदद मिली थी। आईएसएल में वह अपना पहला मैच घर में 19 नवंबर को मुंबई सिटी एफसी के साथ खेलेगी।

स्पेनिश कोच ने कहा, एएफसी कप के कारण हमने इस सीजन की शुरूआत बाकी आईएसएल टीमों से पहले ही कर दी थी। इससे नए टूनार्मेंट में हमें काफी फायदा होगा।

कागज पर और मैदान पर दोनों जगह बेंगलुरू एफसी एक मुश्किल टीम है। भारतीय फुटबाल टीम के कप्तान सुनिल छेत्री उनके सबसे बड़े खिलाड़ी हैं जबिक रिजर्व टीम में से गोलकीपर गुरप्रीत सिंह संधू के रहने से उनकी टीम और मजबूत हो जाती है। युवा उदांता सिहं, निशु कुमार, मालस्वाम्जुयला और डेनियल लालहिमपुई (रिजर्व टीम) को टीम ने बनाए रखा है जबकि राहुल भीके, लेनी रोड्रीग्वेज और हरमनजोत खाबर अन्य खिलाड़ियों की तरह खतरनाक साबित हो सकते हैं।

टीम में कई अच्छे विदेशी खिलाड़ी हैं। सेंटर बैक जॉन जॉनसन एक बार फिर टीम का हिस्सा हैं और टीम में मौजूदा स्पेन के खिलाड़ियों की टीम के आखिरी सदस्य। पांच और जाने-माने विदेशी नाम टीम में हैं।

स्पेन के वरिष्ठ खिलाड़ी अल्वारो रुबियो, रियल मेड्रिड के पूर्व सेंटर हाफ जुयान एंटोनियो, स्पेन की अंडर-20 टीम का हिस्सा रह चुके ब्रायूलियो,वेस्टर्न सिडनी वंडर्स के पूर्व कप्तान डिमास डेलगाडो बेंगलुरू एफसी टीम को मजबूती देते हैं।

इसमें कोई हैरानी की बाती नहीं है कि लोग बाग बेंगलुरू पर अपना दांव खेलना पसंद करेंगे, और उसे अपनी पसंदीदा टीम के तौर पर आईएसएल में देखेंगे। उनके पास बेशक आईएसएल का अनुभव नहीं है लेकिन वह अगर नए आयाम नहीं दे पाए तो एक अच्छी प्रतिस्पर्धा का महौल जरूर बना देंगे।

रोका ने कहा, अतीत में जीती गई ट्रॉफी भविष्य में काम आसान नहीं करती, हां इससे आत्मविश्वास जरूर मिलता है। अगर हमें पहले सीजन में सफलता हासिल करनी है तो हमें शुरूआत से अंत तक कड़ी मेहनत करनी होगी। फुटबाल में गांरटी नहीं होती।

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खेल-कूद

IND VS AUS: पर्थ में टूटा ऑस्ट्रेलिया का घमंड, भारत ने 295 रनों से दी मात

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पर्थ। भारतीय क्रिकेट टीम ने बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के पहले टेस्ट मैच में मेजबान ऑस्ट्रेलिया को धूल चटाते हुए नया कीर्तिमान रच दिया है। टीम इंडिया ने पर्थ में 16 साल बाद पहला टेस्ट मैच जीता है। इससे पहले भारत ने साल 2008 में कुंबले की कप्तानी में ऑस्ट्रेलिया को हराया था। हालांकि यह मैच पर्थ के ऑप्टस स्टेडियम में खेला गया। पहली पारी में 150 रन बनाने वाली टीम इंडिया ने ऑस्ट्रेलिया को पहली पारी में सिर्फ 104 रनों पर ढेर कर दिया था। इसके बाद टीम इंडिया ने अपनी दूसरी पारी 487/6 रन के स्कोर पर घोषित करते हुए ऑस्ट्रेलिया के सामने 534 रनों का विशाल लक्ष्य रखा।

इस पहाड़ जैसे लक्ष्य का पीछा करते हुए ऑस्ट्रेलिया की टीम दूसरी पारी में सिर्फ 238 रनों के स्कोर पर ढेर हो गई। इस तरह टीम इंडिया ने ऑस्ट्रेलिया को उसी के घर में 295 रनों से हराकर बड़ा इतिहास रच दिया। ध्यान देने वाली बात यह है कि टीम इंडिया में न तो रोहित शर्मा थे, न ही शुभमन गिल, न ही रवींद्र जडेजा और रविचंद्रन अश्विन और न ही मोहम्मद शमी थे। इसके बावजूद टीम इंडिया ने ऐतिहासिक जीत दर्ज की।

पर्थ टेस्ट की दूसरी पारी में यशस्वी जायसवाल ने 161 रन और विराट कोहली ने नाबाद शतकीय पारी खेली। दूसरी पारी में केेल राहुल ने भी 77 रनों की अहम पारी खेली। पहली पारी में टीम इंडिया 150 रनों पर सिमट गई थी पर भारतीय गेंदबाजों ने कमाल का कमबैक करते हुए पूरी ऑस्ट्रेलिया टीम को घुटनों पर ला दिया। ऑस्ट्रेलिया पहली पारी में 104 रन ही बना पाई। दूसरी पारी में टीम इंडिया ने कमाल का कमबैक करते हुए ऑस्ट्रेलिया के सामने 6 विकेट के नुकसान पर 487 रन बनाकर पारी घोषित कर दी। जिससे ऑस्ट्रेलिया को 534 रनो का टारगेट मिला। लेकिन चौथे दिन भारत ने ऑस्ट्रेलिया को 295 रनों से हरा दिया।

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