हेल्थ
बाल दिवस के मौके पर 1200 लोगों की निशुल्क स्वास्थ्य जांच
नई दिल्ली, 15 नवंबर (आईएएनएस)| दिल्ली पुलिस और स्टार इमेजिंग एंड पैथ प्राइवेट लिमिटेड ने ‘विश्व मधुमेह दिवस’ और ‘बाल दिवस’ के मौके पर नि:शुल्क मेगा हेल्थ कैम्प लगाया और लोगों को मधुमेह से जुड़ी जानाकारियों के बारे में बताया।
यह हेल्थ कैम्प ‘मेदांता’, ‘क्लोव डेंटल’ और ‘आई 7’ के सहयोग से पुलिस उपायुक्त, पश्चिम जिले के नए कार्यालय परिसर में आयोजित किया गया।
इस स्वास्थ्य शिविर में सभी आयु वर्ग के लगभग 1200 लोगों ने भाग लिया। शिविर में मेडिसिन, स्त्री रोग, त्वचा रोग, नेत्र रोग और दंत चिकित्सा जैसे विभिन्न क्षेत्रों से विशेषज्ञों ने रोगियों की जांच की। शिविर में ब्लड प्रेशर, ब्लड शुगर लेवल और ईसीजी की जांच जैसी जांच सुविधाएं भी उपलब्ध थीं। चिकित्सकों ने यहां उपस्थित लोगों को शारीरिक गतिविधियों के माध्यम से स्वस्थ जीवन शैली को अपनाने और गैर-संचारी रोगों के शीघ्र पहचान, संकेत और लक्षण, समय पर इलाज और प्रबंधन के बारे में परामर्श दिया।
शिविर का उद्देश्य पुलिस कर्मियों को अपने दैनिक रूटीन में खान- पान के सही तौर- तरीकों को शामिल करने के लिए प्रेरित करना और उनकी जीवनशैली और खाने की आदतों में सुधार करना था।
स्टार इमेजिंग एंड पथ लैब प्राइवेट लिमिटेड के अध्यक्ष डॉ. आर. ए. गुप्ता ने कहा, दिल्ली पुलिस का अच्छा स्वास्थ्य, राष्ट्र की संपत्ति है।
बाल दिवस और विश्व मधुमेह दिवस एक ही दिन होने के कारण इस स्वास्थ्य शिविर का आयोजन कर इस दिन को सभी के लिए खास बनाया गया। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि पश्चिम जिला के डीसीपी विजयकुमार ने सभी योगदानकर्ताओं को धन्यवाद दिया और भविष्य में ऐसे और कार्यक्रम आयोजित करने का आश्वासन दिया।
लाइफ स्टाइल
साइलेंट किलर है हाई कोलेस्ट्रॉल की बीमारी, इन लक्षणों से होती है पहचान
नई दिल्ली। हाई कोलेस्ट्रॉल की बीमारी एक ऐसी समस्या है, जो धीरे-धीरे शरीर को नुकसान पहुंचाती है इसीलिए इसे एक साइलेंट किलर कहा जाता है। ये बीमारी शरीर पर कुछ संकेत देती है, जिसे अगर नजरअंदाज किया गया, तो स्थिति हाथ से निकल भी सकती है।
हालांकि, पिछले कुछ सालों में कोलेस्ट्रॉल को लेकर लोगों के बीच जागरुकता बढ़ी है और सावधानियां भी बरती जाने लगी हैं। ऐसा नहीं है कि कोलेस्ट्रॉल शरीर के लिए पूरी तरह से नुकसानदायक है। अगर यह सही मात्रा में हो, तो शरीर को फंक्शन करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। चलिए जानते हैं इसी से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातें।
कोलेस्ट्रॉल बढ़ जाए तो क्या होगा?
जब शरीर में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा 200 mg/dL से अधिक हो जाती है, तो इसे हाई कोलेस्ट्रॉल की श्रेणी में गिना जाता है और डॉक्टर इसे कंट्रोल करने के लिए डाइट से लेकर जीवन शैली तक में कई बदलाव करने की सलाह देते हैं। अगर लंबे समय तक खून में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बनी रहे, तो यह हार्ट डिजीज और हार्ट स्ट्रोक के जोखिम को बढ़ा सकता है।
हाई कोलेस्ट्रॉल को “साइलेंट किलर” क्यों कहते हैं?
हाई कोलेस्ट्रॉल को साइलेंट किलर इसलिए कहते हैं क्योंकि व्यक्ति के स्वास्थ्य पर इसका काफी खतरनाक असर पड़ता है, जिसकी पहचान काफी देर से होती है। इसके शुरुआती लक्षण बहुत छोटे और हल्के होते हैं, जिसे अक्सर लोग नजरअंदाज कर जाते हैं और यहीं से यह बढ़ना शुरू हो जाते हैं। आखिर में इसकी पहचान तब होती है जब शरीर में इसके उलटे परिणाम नजर आने लगते हैं या फिर कोई डैमेज होने लगता है।
शरीर पर दिखने वाले कोलेस्ट्रॉल के लक्षणों को कैसे पहचानें?
हाई कोलेस्ट्रॉल के दौरान पैरों में कुछ महत्वपूर्ण लक्षण नजर आने लगते हैं, जिसे क्लाउडिकेशन कहते हैं। इस दौरान पैरों की मांसपेशियों में दर्द, ऐंठन और थकान महसूस होता है। ऐसा अक्सर कुछ दूर चलने के बाद होता है और आराम करने के साथ ही ठीक हो जाता है।
क्लाउडिकेशन का दर्द ज्यादातर पिंडिलियों, जांघों, कूल्हे और पैरों में महसूस होता है। वहीं समय के साथ यह दर्द गंभीर होता चला जाता है। इसके अलावा पैरों का ठंडा पड़ना भी इसके लक्षणों में से एक है।
गर्मी के मौसम में जब तापमान काफी ज्यादा हो, ऐसे समय में ठंड लगना एक संकेत है कि व्यक्ति पेरिफेरल आर्टरी डिजीज से जूझ रहा है। ऐसा भी हो सकता है कि यह स्थिति शुरुआत में परेशान न करे, लेकिन अगर लंबे समय तक यह स्थिती बनी रहती है तो इलाज में देरी न करें और समय रहते डॉक्टर से इसकी जांच करवाएं।
हाई कोलेस्ट्रॉल के अन्य लक्षणों में से एक पैरों की त्वचा के रंग और बनावट में बदलाव आना भी शामिल है। इस दौरान ब्लड वेसेल्स में प्लाक जमा होने लगते हैं, जिसके कारण ब्लड सर्कुलेशन प्रभावित होता है।
ऐसे में जब शरीर के कुछ हिस्सों में कम मात्रा में खून का दौड़ा होता है, तो वहां कि त्वचा की रंगत और बनावट के अलावा शरीर के उस हिस्से का फंक्शन भी प्रभावित होता है।
इसलिए, अगर आपको अपने पैरों की त्वचा के रंग और बनावट में बिना कारण कोई बदलाव नजर आए, तो हाई कोलेस्ट्रॉल इसका कारण हो सकता है।
डिस्क्लेमर: उक्त लेख सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।
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