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खेल-कूद

दिल्ली हॉफ मैराथन की पुरस्कार राशि अल्माज को भारत खींचकर लाई

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नई दिल्ली, 17 नवंबर (आईएएनएस)| नगद पुरस्कार हासिल करने की चाह से मौजूदा विश्व चैम्पियन और इथियोपिया की एथलीट अल्माज अयाना रविवार को दिल्ली हॉफ मैराथन में हिस्सा लेंगी।

इस मैराथन की पुरस्कार राशि ही अल्माज को भारत खींचकर लाई है और वह पहली बार हॉफ मैराथन में हिस्सा ले रही हैं।

अल्माज ने बीते साल ही 1993 में विश्व चैम्पियनशिप में 10,000 मीटर रेस में बना विश्व रिकॉर्ड भी तोड़ा है।

इथियोपिया की धाविका ने यह विश्व रिकॉर्ड पिछले साल रियो ओलम्पिक में 29 मिनट और 17.45 सेकेंड का समय लेकर 10,000 मीटर रेस में स्वर्ण पदक जीतने के साथ ही रिकॉर्ड भी तोड़ा। वह रविवार को दिल्ली हॉफ मैराथन में अपनी सफलता को लेकर आशावादी हैं।

दिल्ली हॉफ मैराथन की पुरस्कार राशि 275,000 डॉलर है, जो एथलीटों को आकर्षित करने के लिए पर्याप्त है।

अल्माज ने आईएएनएस से कहा, यह निश्चित रूप से मेरी पहली हॉफ मैराथन दौड़ होगी और मैंने इस मैराथन में हिस्सा लेने के लिए काफी कड़ी मेहनत की है। मुझे आशा है कि यह एक अच्छी रेस होगी, क्योंकि यहां की परिस्थिति अच्छी लग रही है।

इथियोपिया की धाविका अल्माज ने कहा कि इस मैराथन की पुरस्कार राशि देखकर ही उन्होंने हॉफ मैराथन में हिस्सा लेने का फैसला किया। इस मैराथन का अनुभव भविष्य की ट्रैक रेसों के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।

अल्माज (25) ने कहा कि वह हॉफ मैराथन में अपने भविष्य को लेकर आश्वस्त नहीं हैं, लेकिन वह ऐसी प्रतियोगिता में हिस्सा लेती रहेंगी।

उन्होंने कहा, पहले मैं रविवार को होने वाली हॉफ मैराथन में हिस्सा ले लूं और उसके बाद मैं इस प्रकार की मैराथन में अपने भविष्य के बारे में सोचूंगी। मैं सिर्फ एडीएचएम मैराथन में हिस्सा ले रही हूं और इसके लिए मैंने कड़ी मेहनत की है।

इथियोपिया की लंबी दूरी की धाविका ने अपने करियर की शुरुआत स्चीपलेचेस एथलीट के रूप में की थी। उन्होंने कहा कि भले ही वह हॉफ मैराथन में नई हों, लेकिन अपनी तैयारियों के हिसाब से वह इस प्रतियोगिता में कड़ी प्रतिस्पर्धा दे सकती हैं।

अल्माज ने कहा, मैं जानती हूं कि इस हॉफ मैराथन में कई अच्छी एथलीट हिस्सा लेंगी, जिनका लक्ष्य खिताबी जीत होगा। हालांकि, अपने प्रशिक्षण के दम पर मैं इस प्रतियोगिता में कड़ी प्रतिस्पर्धा दे सकती हूं।

विश्व रिकॉर्ड तोड़ने के बाद जीवन में आए बदलाव के बारे में अल्माज ने कहा, मुझे शुरुआत में महसूस नहीं हुआ था कि मैंने विश्व रिकॉर्ड तोड़ा है। घर पहुंचने के बाद, जब मेरा भव्य रूप से स्वागत हुआ, तब मुझे इस उपलब्धि की जानकारी मिली।

अल्माज के कोच उनके पति हैं। और वह अभी बेहतरीन फॉर्म में हैं और उन्होंने 10,000 मीटर रेस में स्वर्ण पदक जीता।

दिल्ली हॉफ मैराथन में रविवार को अल्माज के अलावा उनकी हमवतन और इस मैराथन की मौजूदा विजेता वोर्कनेश डेगेफा तथा केन्या की धाविका हेलाह किप्रोप हिस्सा लेंगी।

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खेल-कूद

विराट कोहली ने की है 12वीं तक पढ़ाई, इस सब्जेक्ट का नाम सुनकर ही आ जाता था पसीना

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नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान विराट कोहली आज अपना 36वां जन्मदिन मना रहे हैं। अपने 16 साल के करियर में विराट इतने आगे निकल गए हैं कि उनके रिकार्ड्स को तोड़ना लगभग नामुमकिन सा लगता है। आज विराट के जन्मदिन के मौके पर हम आपको ऐसी बात बताने जा रहे हैं जो आपने शायद पहले कभी नहीं सुनी होगी। आज हम आपको बताएंगे कि मैदान पर अपनी बल्लेबाजी से गेंदबाजों को डराने वाले विराट किससे डरा करते थे।

आपको जानकर हैरानी होगी कि मैदान पर रिकॉर्ड्स के अंबार लगाने वाले विराट कोहली ने केवल 12वीं तक की ही पढ़ाई की है। क्रिकेट के प्रति दीवानगी के चलते उन्होंने अपनी पढ़ाई बीच में ही छोड़ दी। विराट ने दिल्ली की ‘विशाल भारती पब्लिक स्कूल’ से पढ़ाई की है। स्कूल की वेबसाइट में भी एल्युमनाई में कोहली का जिक्र है और उनकी तस्वीरें भी लगा रखी है।

दिल्ली के जानेमाने स्कूल में से एक इस स्कूल को कई अवार्ड मिल चुके हैं। विराट का फेवरेट सब्जेक्ट हिस्ट्री था। विराट हमेशा से ही अतीत की बातें सीखने के लिए उत्सुक रहते थे। मैथ्स एक ऐसा सब्जेक्ट था जिसके बारे में सुनकर विराट के पसीने छूट जाते थे। कहा जाता है कि एक बार विराट को मैथ्स में 100 में केवल 3 ही मार्क्स मिले थे।

विराट कोहली की ही कप्तानी में भारतीय टीम ने 2008 का अंडर-19 वर्ल्ड कप जीती थी। यह टूर्नामेंट मलेशिया में खेला गया था। इस शानदार प्रदर्शन के दम पर कोहली ने टीम इंडिया के लिए अपना पहला इंटरनेशनल मैच 18 अगस्त 2008 को श्रीलंका के खिलाफ खेला था।

 

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