नेशनल
चुप्पी की साजिश का सामना कर रहे हम : सुनीता नारायण
नई दिल्ली, 24 नवंबर (आईएएनएस)| विज्ञान और पर्यावरण केंद्र (सीएसई) की प्रमुख और सर्वोच्च न्यायालय द्वारा नियुक्त पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण प्राधिकरण (ईपीसीए) की सदस्य पर्यावरणविद् सुनीता नारायण का कहना है कि जिन पर्यावरण चुनौतियों का सामना हम कर रहे हैं वह ‘चुप्पी की एक साजिश’ की वंशज है।
देश के बाकी हिस्सों में दिल्ली जैसी नाराजगी की आवश्यकता पर जोर देते हुए उन्होंने कहा, प्रदूषण दिल्ली में दिखाई दे रहा है क्योंकि कुछ महत्वपूर्ण लोग यहां रहते हैं, इसलिए यहां एक अच्छी निगरानी प्रणाली है और इसमें नाराजगी है क्योंकि लोग जानते हैं कि प्रदूषण उनके बच्चों को कैसे प्रभावित कर रहा है, लेकिन देश के बाकी हिस्सों के बारे में क्या? अगर लोग नहीं जानते कि उन्हें क्या मार रहा है, तो वे पर्यावरण प्रदूषण के बारे में परेशान नहीं होते।
नारायण ने आईएएनएस ने एक साक्षात्कार में कहा, यह चुप्पी की एक साजिश है, यह एक साजिश है क्योंकि आप उसे नहीं जानना चाहते हैं (पर्यावरण प्रदूषण के हानिकारक प्रभाव)।
उन्होंने कहा, दस दिन पहले जब दिल्ली में स्मॉग प्रकरण हुआ, तो मुझे गहराई से निराशा और काफी असहाय सा महसूस हुआ। हमने अपनी जिंदगी और आत्मा को चीजों को स्थानांतरित करने दिया था, लेकिन वास्तविक, सार्थक कार्रवाई करने के लिए यह बहुत मुश्किल है। कुछ मौके पर मैंने हाथ खड़े करने के कोशिश की। लेकिन यह एक सफर है और आपको इसे उम्मीद के साथ इसे आगे बढ़ाना होगा।
नारायण ने कीटनाशकों का इस्तेमाल करने वाली कोला कंपनियों को उजागर करने के लिए ‘आग से परीक्षण’ कर सच को उजागर किया। साथ ही उन्होंने अरुण जेटली, कपिल सिब्बल और पी. चिदंबरम जैसे दिग्गजों के खिलाफ कानूनी लड़ाई जीती जो ऑटोमोबाइल कंपनियों के हितों का प्रतिनिधित्व करते हुए कण प्रदूषण को खतरनाक नहीं मान रहे थे।
उन्होंने तर्क दिया, भारत की समस्या यह है कि यहां हितों में टकराव है। कोई दिक्कत नहीं है, इसलिए आप स्पष्ट रूप से उन मुद्दों की ओर बढ़ने में कोई दिलचस्पी नहीं लेते हैं जो बड़ी संख्या में (लोगों का) होते है।
नारायण ने कहा, अगर जिस तरीके से आप प्रदूषण की उपेक्षा कर रहे हैं तो आप प्रदूषण नियंत्रण और चीजों को ठीक करने की योजना नहीं बना सकते हैं।
नारायण ने एक साल तक ‘अदालत में सरकार के साथ कड़े संघर्ष’ के दौरान कहा, सरकार ने हर सुनवाई में हमसे लड़ाई लड़ी और मुझे लगता था कि यह पर्यावरण मंत्रालय है या प्रदूषण मंत्रालय?
नारायण ने कहा कि पहली बार अब पर्यावरण मंत्रालय लगभग मान गया है और अदालत में उन्होंने कहा है कि वह इसे प्रतिबंधित कर रहे हैं। उन्होंने कहा, पेटकोक और भट्ठा तेल के आयात पर प्रतिबंध लगवाना उनकी अगली लड़ाई है।
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में उद्योगों द्वारा पेटकोक और भट्ठी के तेल के उपयोग पर प्रतिबंध लगाने के आदेश को वापस लेने के लिए सर्वोच्च न्यायालय ने याचिका खारिज कर दी।
न्यायालय ने नेशनल थर्मल पावर कॉरपोरेशन (एनटीपीसी) द्वारा वैकल्पिक ईंधन का प्रयोग करने के लिए समय की विस्तार की एक याचिका को भी खारिज कर दिया है।
उन्होंने कहा, हमने अपनी शक्ति (ईपीसीए) को बहुत सावधानी से इस्तेमाल किया है, हमने अभी तक हमारी शक्तियों में धारा 5 का उपयोग नहीं किया क्योंकि हमें इसकी आवश्यकता नहीं है। मुझे लगता है कि हमें ऐसे संस्थानों की जरूरत है जिनके पास कार्रवाई करने के लिए जानकारी और विश्वसनीयता हो।
उन्होंने कहा, धारा 5 के तहत, ईपीसीए किसी भी उद्योग को बंद कर सकता है।
हालांकि, एक आशावादी होने के नाते, क्योंकि यह कुछ चीजें हमारी पहुंच में हैं, नारायण ने उचित काम करने में कामयाबी हासिल कर ली है।
उन्होंने कहा, आप हमेशा बहस कर सकते हैं और मैं आगे आकर कहूंगी, हां हम और अधिक परिणाम प्राप्त कर सकते हैं, लेकिन इस देश में यह इतनी बुरी बात है कि हम कुछ अच्छे का जश्न मनाएं।
नेशनल
केरल के कन्नूर जिले में चोरों ने व्यवसायी के घर से उड़ाए एक करोड़ रुपये, सोने के 300 सिक्के
कन्नूर। केरल के कन्नूर जिले में चोरों के एक गिरोह ने वालापट्टनम में एक व्यवसायी के घर से एक करोड़ रुपये की नकदी और सोने की 300 गिन्नियां चुरा लिए। पुलिस ने सोमवार को यह जानकारी दी।पुलिस के मुताबिक चोरी की यह घटना उस समय हुई जब व्यवसायी और उसका परिवार एक विवाह समारोह में भाग लेने के लिए तमिलनाडु के मदुरै गए हुए थे। उन्होंने बताया कि चोरी का पता तब चला जब रविवार रात को व्यवसायी का परिवार घर लौटा और लॉकर में रखा कीमती सामान गायब पाया।
सीसीटीवी फुटेज में तीन लोगों को दीवार फांदकर घर में घुसते देखा
पुलिस सूत्रों ने बताया कि घर के सभी लोग 19 नवंबर से ही घर से बाहर थे। और संदेह है कि चोरों ने रसोई की खिड़की की ग्रिल काटकर घर में प्रवेश किया। सीसीटीवी फुटेज में तीन लोगों को दीवार फांदकर घर में घुसते देखा जा सकता है।
चोरों को लिए गए फिंगरप्रिंट
पीड़ित परिवार के एक रिश्तेदार ने मीडिया को बताया कि नकदी, सोना और अन्य कीमती सामान आलमारी में बंद करके रखे गए थे। इसकी चाबी दूसरे कमरे में रखी गई थी। पुलिस और ‘फिंगरप्रिंट’ (अंगुलियों के निशान) लेने वाले विशेषज्ञों की एक टीम घर पहुंची और सुबूत एकत्र किए तथा आरोपियों को पकड़ने के लिए व्यापक तलाश अभियान चलाया गया है।
-
लाइफ स्टाइल10 hours ago
साइलेंट किलर है हाई कोलेस्ट्रॉल की बीमारी, इन लक्षणों से होती है पहचान
-
ऑफ़बीट3 days ago
बिहार का ‘उसैन बोल्ट’, 100 किलोमीटर तक लगातार दौड़ने वाला यह लड़का कौन
-
नेशनल3 days ago
आज शाम दिल्ली स्थित बीजेपी मुख्यालय जाएंगे पीएम मोदी, कार्यकर्ताओं को करेंगे संबोधित
-
नेशनल3 days ago
संजय राउत को महाराष्ट्र के नतीजे मंजूर नहीं, कहा- ये कैसा लोकतंत्र है, प्रदेश की जनता के साथ हुई बेईमानी
-
खेल-कूद2 days ago
IND VS AUS : दूसरी पारी में मजबूत स्थिति में भारत, केएल राहुल और यशस्वी ने जड़ा अर्धशतक
-
नेशनल3 days ago
महाराष्ट्र के रुझानों में महायुति को प्रचंड बहुमत, MVA को तगड़ा झटका
-
अन्तर्राष्ट्रीय3 days ago
पीएम मोदी को मिलेगा ‘विश्व शांति पुरस्कार’
-
उत्तर प्रदेश2 days ago
राम नगरी अयोध्या के बाद भगवान श्री राम से जुड़ी एक और नगरी को भव्य स्वरूप दे रही योगी सरकार