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दलाई लामा से मिला अनुदान बच्चों की शिक्षा पर करेंगे खर्च : शांतनु मिश्रा (साक्षात्कार)

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नई दिल्ली, 24 नवंबर (आईएएनएस)| देश के करीब 25 राज्यों में 158 कल्याणकारी परियोजनाओं से 4 लाख से ज्यादा वंचित बच्चों, युवाओं और महिलाओं को लाभ पहुंचा रहे स्माइल फाउंडेशन के संस्थापक शांतनु मिश्रा के प्रयासों को देश ही नहीं, बल्कि विदेशों में भी सराहा जा रहा है। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि तिब्बत के आध्यात्मिक गुरु दलाई लामा ने मिश्रा के कार्यो के लिए 25 लाख रुपये का अनुदान दिया है, ताकि वे उनके प्रयासों में प्रतिभागी बन सकें।

स्माइल फाउंडेशन की बढ़ती लोकप्रियता और दलाई लामा से मिली प्रशंसा व अनुदान पर गैर लाभकारी संस्था के सह-संस्थापक और कार्यकारी न्यासी शांतनु मिश्रा ने आईएएनएस को बताया, देश और विदेश में मिली इस ख्याति के लिए शुक्रगुजार हैं और आध्यात्मिक गुरु दलाई लामा से मिले अनुदान को बच्चों की शिक्षा पर खर्च किया जाएगा ताकि उनके भविष्य को संवारा जा सके।

उन्होंने कहा, देश के 25 राज्यों में स्माइल फाउंडेशन करीब 4 लाख बच्चों, युवाओं और महिलाओं को 158 कल्याणकारी परियोजनाओं के जरिए शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल, युवा रोजगार, और महिला सशक्तिकरण जैसे विषयों पर काम कर रही है। हमारा उद्देशय उनके जीवन में विकास चक्र के दृष्टिकोण को अपनाने, उनके परिवारों और समुदाय को बढ़वा देने पर केंद्रित है।

मिश्रा ने कहा, हमारा मकसद विशेषाधिकृत और वंचित बच्चों के बीच के अंतर को पाटना है और अभिभावकों को इस बात को समझाना है कि बच्चों को एक दूसरे की मदद करने से रोका न जाए।

फिल्म ‘आई एम कलाम’ का उदाहरण देते हुए मिश्रा ने कहा, जैसे कि फिल्म में दर्शाया गया था कि एक फिल्म में एक बच्चा अमीर घराने से संबंध रखता है और वहीं दूसरा छोटू नाम का बच्चा चाय की दुकान पर काम करता है। अमीरी में पला बच्चा छोटू की मदद करना चाहता है लेकिन उसके परिवार के लोग उसे छोटू की मदद नहीं करने देते। ऐसे ही तमाम लोग हमारे आस पास रहते हैं जो मदद करना चाहते हैं लेकिन परिवार के कारण मदद करने में संकोच करते है। इसी भावना और अंतर को पाटने का काम स्माइल फाउंडेशन कर रही है।

उन्होंने कहा, हम विशेषाधिकृत और वंचित बच्चों को एक मंच पर ला रहे हैं जहां दुनिया भर के दिग्गज आकर उन्हें एक दूसरे के मदद भाव का ज्ञान देंगे और सिखाएंगे कि वह अपने घर जाकर अपने अभिभावकों को बताएं कि उन्हें किसी दूसरे छोटू की मदद करने से रोके नहीं।

स्माइल फाउंडेशन ने शांतनु मिश्रा के मार्गदर्शन में कई पुरस्कार जीते हैं, जिसमें एशिया प्रशांत बाल अधिकार पुरस्कार, हेल्थकेयर लीडरशिप अवार्ड, बार्कले के बैंक के अध्यक्ष पुरस्कार और जीई हेल्थकेयर-आधुनिक मेडिकेयर उत्कृष्टता पुरस्कार शामिल है।

मिश्रा ने कहा, समाज के एक हिस्से को विशेषाधिकार प्राप्त न होना भी विकास की प्रक्रिया में एक सक्रिय भूमिका निभाता है, लेकिन इससे विकास के नतीजे सिर्फ अपर्याप्त और अपूर्ण ही रहते हैं।

स्माइल फाउंडेशन ने औपचारिक रूप से 2002 में अपने सफर की शुरुआत की थी। कल्याण के सिद्धांतों को प्राथमिकता, शासन और सामाजिक सरोकार की नवीन अवधारणा के साथ इस गैर लाभकारी संगठन ने मात्र 10 साल में देश और विदेश में अपनी पहचान स्थापित की है। वर्ष 2005 में शांतनु मिश्रा अपना पूर्णकालिक कॉर्पोरेट नौकरी छोड़ स्माइल फाउंडेशन को सफल बनाने में पूरी तरह से शामिल हो गए और आज संस्था बच्चों, युवाओं और महिलाओं के लिए तत्परता से कार्य कर रही है।

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नेशनल

केरल के कन्नूर जिले में चोरों ने व्यवसायी के घर से उड़ाए एक करोड़ रुपये, सोने के 300 सिक्के

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कन्नूर। केरल के कन्नूर जिले में चोरों के एक गिरोह ने वालापट्टनम में एक व्यवसायी के घर से एक करोड़ रुपये की नकदी और सोने की 300 गिन्नियां चुरा लिए। पुलिस ने सोमवार को यह जानकारी दी।पुलिस के मुताबिक चोरी की यह घटना उस समय हुई जब व्यवसायी और उसका परिवार एक विवाह समारोह में भाग लेने के लिए तमिलनाडु के मदुरै गए हुए थे। उन्होंने बताया कि चोरी का पता तब चला जब रविवार रात को व्यवसायी का परिवार घर लौटा और लॉकर में रखा कीमती सामान गायब पाया।

सीसीटीवी फुटेज में तीन लोगों को दीवार फांदकर घर में घुसते देखा

पुलिस सूत्रों ने बताया कि घर के सभी लोग 19 नवंबर से ही घर से बाहर थे। और संदेह है कि चोरों ने रसोई की खिड़की की ग्रिल काटकर घर में प्रवेश किया। सीसीटीवी फुटेज में तीन लोगों को दीवार फांदकर घर में घुसते देखा जा सकता है।

चोरों को लिए गए फिंगरप्रिंट

पीड़ित परिवार के एक रिश्तेदार ने मीडिया को बताया कि नकदी, सोना और अन्य कीमती सामान आलमारी में बंद करके रखे गए थे। इसकी चाबी दूसरे कमरे में रखी गई थी। पुलिस और ‘फिंगरप्रिंट’ (अंगुलियों के निशान) लेने वाले विशेषज्ञों की एक टीम घर पहुंची और सुबूत एकत्र किए तथा आरोपियों को पकड़ने के लिए व्यापक तलाश अभियान चलाया गया है।

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