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बिजनेस

मोजो नेटवर्क्‍स क्लाउड सेवा से देगी सुरक्षित व तेज गति वाईफाई

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नई दिल्ली, 13 दिसम्बर (आईएएनएस)| मोजो नेटवर्क्स मेगा वाईफाई के लिए एक क्लाउड अवसंरचना ला रहा है। इसके लिए मोजो ने देश की अग्रणी मोबाइल सेवा प्रदाता रिलांयस जियो और वायरलैस, ट्रांसपोर्ट और इवॉल्वड पैकेट कोर डोमेन्स में वैश्विक टेक्नीकल समाधान प्रदाता कम्पनी क्वैडजैन वायरलैस के साथ साझेदारी की है।

कंपनी ने बुधवार को कहा कि सरकार का जोर डिजिटलीकरण पर है, ऐसे में वाईफाई से जुड़ी सभी योजनाओं को बड़ा, आसान और सुरक्षित वाईफाई चाहिए। मोजो नेटवर्क्स अपने नए, क्लाउड मैनेज्ड, सुरक्षित और हाई परफॉरमेंस वाले वाईफाई के माध्यम से इन जरूरतों को पूरा करता है।

मोजो नेटवर्क्स की सहसंस्थापक और अध्यक्ष किरण देशपाण्डे ने कहा, मोजो नेटवर्क के जरिए हम भारतनेट को नेक्स्ट जनरेशन वाईफाई प्रदान करने जा रहे हंै। नेशनल नॉलेज नेटवर्क और भारत के स्मार्ट शहरों को हम वृहद कैरियर क्लास वाईफाई से जोड़कर देश के डिजिटल अवसंरचना को वाईफाई आधारित साइबर हमलों से बचाएंगे। वाईफाई को भारत में कई बार हैक किया जा चुका है इसलिए सबसे अच्छी वाईफाई सुरक्षा तकनीक की जरूरत है। मोजो ने वायरलैस इंट्रजन डिटेक्शन और प्रिवेन्शन टेक्नोलॉजी विकसित की है। इसका इस्तेमाल दुनिया भर के प्रतिष्ठित संस्थान और सरकारों द्वारा किया जाता है।

मोजो नेटवर्क्स के सह-संस्थापक और मुख्य प्रौद्योगिकी अधिकारी प्रवीण भागवत ने बताया, हम वाईफाई को क्लाउड और ओपन स्टैंडर्ड से पूरी तरह बदल रहे हैं। हम नेटवर्क को प्रोपराइटरी नेटवर्क से मुक्त करते हैं और मशीन लर्निग की ताकत और एआई का प्रयोग करते हैं ताकि समस्याओं को दूर करने तथा विश्लेषण के लिए यह बेहतर क्षमता हासिल कर सके। डाटा और मैनेजमेंट प्लान्स को अलग करने की क्षमता रखने वाला मोजो वाईफाई आसानी से स्थापित किया जा सकता है और बड़े पैमाने पर इसका सरल उपयोग सम्भव है।

क्वेडजैन वायरलैस के फाउंडर और मुख्य कार्यकारी अधिकारी सी.एस.राव ने बताया, मोजो क्लाउड वाईफाई कैरियर ग्रेड वाई फाई इंडस्ट्री की कई जरूरतों को एक साथ पूरा करता है। मोजो वाईफाई टेक्नोलॉजी परम्परागत कंट्रोलर आधारित आर्किटेक्चर की कई जटिलताओं को दूर करता है और इसकी लागत कम कर देता है। इस तरह यह गांवों, स्मार्ट शहरों, और अन्य सार्वजनिक वाईफाई जरूरतों को आपस में जोड़ने के लिए पूरी तरह उपयुक्त है। यह समाधान बहुत आसान है और इसका कॉन्फिगरेशन बहुत सरल है।

एनआईटीआईई की निदेशक प्रोफेसर करूणा जैन ने बताया, मोजो के क्लाउड बेस्ड वाईफाई समाधान से हमारी जरूरतें अच्छी तरह पूरी हो रही हंै। इसकी क्षमता, सुरक्षा और गति काफी अच्छी है और छात्र इसका भारी उपयोग भी कर पा रहे है। इसके साथ ही मोजो की टीम का पूरा सहयोग भी मिल रहा है।

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बिजनेस

जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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