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बिजनेस

फिक्की ‘बिजनेस स्कूल रेटिंग’ लांच करेगी

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नई दिल्ली, 22 दिसम्बर (आईएएनएस)| उद्योग मंडल फिक्की ने आई केयर रेटिंग्स के सहयोग से ‘बिजनेस स्कूल रेटिंग’ लांच करने की घोषणा की है। फिक्की का कहना है कि उसने एक ऐसे ढांचे का निर्माण किया है जो बिजनेस स्कूलों को विश्वस्तर पर ले आएगा।

फिक्की ने शुक्रवार को एक बयान में कहा कि वह भारतीय बिजनेस स्कूलों के लिए प्रतिस्पर्धी और ग्लोबल बेंचमार्क स्थापित करेगी ताकि ये स्कूल छात्रों को विश्वस्तरीय प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार कर सकें।

बयान में कहा गया कि भारत में मैनेजमेन्ट की शिक्षा को बेहद सम्मान दिया जाता है, इस विषय में स्नातक करने वाले छात्रों को करियर के बेहतर विकल्प मिलते हैं। प्रतिभाशाली छात्र अक्सर एमबीए प्रोग्राम को चुनते हैं और उद्योग जगत में पेशेवर प्रबन्धकों की मांग भी तेजी से बढ़ रही है। हालांकि इनमें से कुछ प्रोग्राम मैनेजमेन्ट कौशल, नेतृत्व, इनोवेशन एवं मूल्यांे में कम रैंकिंग के चलते आलोचना के दायरे में आ गए हैं।

संस्था ने कहा भारत में बड़ी संख्या में बी-स्कूलों के मौजूदगी के चलते छात्रों के लिए यह तय करना मुश्किल हो जाता है कि उनके लिए सही संस्थान कौन सा होगा। विभिन्न विषयों जैसे इंजीनियरिंग, अकाउंटिंग, विज्ञान, कला, कानून और चिकित्सा में पढ़ाई करने वाले छात्रों के लिए जरूरी है कि किसी भी संस्थान में प्रवेश लेने से पहले उन्हें संस्थान की सही रेटिंग जानने का मौका मिले।

फिक्की का कहना है, वर्तमान में मौजूद तीन ग्लोबल रैंकिंग्स ‘एआरडब्ल्यूयू’, ‘क्यूएस’, ‘द’ हमारी भारतीय शिक्षा प्रणाली के उद्देश्यों के अनुरूप नहीं हैं। मुश्किल और बढ़ जाती है जब हर मीडिया एजेंसी ‘बिजनेस स्कूल रैंकिंग’ का प्रकाशन कर छात्रों को परेशानी में डाल देती है। एमएचआरडी द्वारा मैनेजमेंट स्कूलों के लिए पेश की जाने वाली एनआईआरएफ रैंकिंग भी उतनी कारगर नहीं है। बिजनेस स्कूल आज बड़ी संख्या में ऐसे बेरोजगार स्नातक पैदा कर रहे हैं जिनका कौशल उद्योग जगत की जरूरतों के अनुरूप नहीं है।

फिक्की जल्द ही इस रेटिंग प्रक्रिया के लांच की तारीख की घोषणा करेगी।

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बिजनेस

जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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