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बिजनेस

संरा मानवाधिकार प्रमुख को दूसरे कार्यकाल की चाह नहीं

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संयुक्त राष्ट्र, 22 दिसम्बर (आईएएनएस)| ट्रंप प्रशासन समेत दुनिया के ताकतवार सरकारों की खुलेआम आलोचना कर चुके संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार आयुक्त जैद राद अल हुसैन ने कहा कि वह इस चारवर्षीय कार्यकाल के पद को दोबारा नहीं चाहते क्योंकि यह ‘मिन्नत के लिए घुटने पर बैठने के बराबर हो सकता है।’

न्यूयार्क टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, जार्डन के राजकुमार और पूर्व राजनयिक हुसैन ने अपने कर्मचारी को बुधवार को किए इमेल में यह जानकारी दी। उनका चार वर्षीय कार्यकाल अगले वर्ष सितंबर में समाप्त हो रहा है।

अल हुसैन ने अपने इमेल में लिखा, प्रतिक्रिया मिलने के बाद, मैंने निर्णय लिया है कि मैं दूसरे कार्यकाल को नहीं बढ़ाऊंगा। मौजूदा भूराजनैतिक परिदृश्य में ऐसा करना, मिन्नत के लिए घुटने पर बैठने के बराबर होगा, मेरी आवाज और अखंडता को कम किया जा रहा है, जो कि आपकी आवाज है।

इस सप्ताह अल-हुसैन ने जेरुसलम को इजरायल की राजधानी के तौर पर मान्यता देने के ट्रंप प्रशासन के फैसले को ‘खतरनाक रूप से उकसावे’ वाला बताया और हिंसा में मारे गए पांच लोगों की मौत के लिए राष्ट्रपति की घोषणा को जिम्मेदार ठहराया था।

यह अभी तक स्पष्ट नहीं था कि क्या गुटेरस हुसैन के दूसरे कार्यकाल का समर्थन करेंगे या सुरक्षा परिषद के सदस्य उन्हें दोबारा पद ग्रहण करने से रोकने के लिए वीटो का इस्तेमाल करेंगे।

अल-हुसैन इन सभी देशों के आलोचक रहे हैं।

उन्होंने रूसी समर्थन वाले सीरिया सरकार की आलोचना की है और चीन के समर्थन वाली म्यांमार सरकार पर नरसंहार किए जाने को लेकर चेताया है।

उन्होंने कई मौके पर ट्रंप प्रशासन की नीतियों की खुलेआम आलोचना की है। हुसैन ने खासकर अमेरिकी सरकार के कुछ चुनिंदा मुस्लिम देशों के नागरिकों पर ट्रेवल बैन लगाने के निर्णय की काफी आलोचना की है।

गुटेरस के प्रवक्ता स्टेफन डुजारिक ने पुष्टि करते हुए कहा कि अल-हुसैन अगले कार्यकाल के बाद इस पद को छोड़ने की योजना बना रहे हैं।

डुजारिक ने बताया, आयुक्त ने महासचिव को अपने विचार के बारे में गत सप्ताह बता दिया था।

उन्होंने बताया, उन्हें हमेशा महासचिव का समर्थन मिला है।

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बिजनेस

जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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