नेशनल
रोजाना 5,000 लोग छोड़ रहे हैं ‘बुंदेलखंड’, वजह ‘भुखमरी’ या कुछ और?
छतरपुर| इन दिनों बुंदेलखंड के किसी भी रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड का नजारा इन दिनों कुछ बदला हुआ है। हर तरफ सिर पर गठरी, कंधे पर बैग और महिला की गोद में बच्चे नजर आ जाते हैं। ये वे परिवार हैं, जो रोजी-रोटी की तलाश में गांव छोड़ चले हैं। बुंदेलखंड से हर रोज 5000 से ज्यादा लोग पलायन कर रहे हैं।
देश के विभिन्न हिस्सों में बुंदेलखंड की पहचान सूखा, पलायन, भुखमरी, बेरोजगारी और गरीब इलाके के तौर पर बन गई है। यहां से रोजगार की तलाश में पलायन आम बात हो गई है, मगर इस बार के हालात पिछले सालों की तुलना में बहुत बुरे हैं।
सरकारी नौकरी, खेती, मजदूरी के अलावा आय का कोई अन्य जरिया यहां के लोगों के पास है नहीं। खेती होने से रही, मजदूरी मिल नहीं रही, उद्योग है नहीं, ऐसे में सिर्फ एक ही रास्ता है पलायन।
पन्ना जिले बराछ गांव से दिल्ली मजदूरी के लिए जा रहे बसंत लाल (24) ने कहा, खेती की जमीन है, मगर पानी नहीं है। काम भी नहीं मिलता, नहीं तो मजदूरी के लिए गांव में ही रुक जाते। घर तो मजबूरी में छोड़ रहे हैं, किसे अच्छा लगता है अपना घर छोड़ना।
बसंत के साथी पवन बताते हैं कि उनके गांव में एक हजार मतदाता हैं। इनमें से चार सौ से ज्यादा काम की तलाश में गांव छोड़ गए हैं। यही हाल लगभग हर गांव का है। सरकार, प्रशासन को किसी की चिंता नहीं है। चुनाव आ जाएंगे तो सब गांव के चक्कर लगाएंगे, इस समय वे समस्या में हैं, तो कोई सुनवाई नहीं है।
बुंदेलखंड, वह इलाका है, जिसमें मध्य प्रदेश के छह जिले छतरपुर, टीकमगढ़, पन्ना, दमोह, सागर व दतिया उत्तर प्रदेश के सात जिलों झांसी, ललितपुर, जालौन, हमीरपुर, बांदा, महोबा, कर्वी (चित्रकूट) आते हैं। कुल मिलाकर 13 जिलों से बुंदेलखंड बनता है। यहां के लगभग हर हिस्से से पलायन जारी है। यहां के मजदूर दिल्ली, गुरुग्राम, गाजियाबाद, पंजाब, हरियाणा और जम्मू एवं कश्मीर तक काम की तलाश में जाते हैं।
खजुराहो रेलवे स्टेशन के कुली राजकुमार पांडे बताते हैं, खजुराहो से निजामुद्दीन जाने वाली गाड़ी में हर रोज कम से कम हजार लोग काम की तलाश में जाते हैं, यह सिलसिला दिवाली के बाद से ही चल रहा है। लगभग दो माह में सिर्फ इस एक गाड़ी से लगभग 60,000 से ज्यादा लोग अपना घर छोड़कर चले गए हैं।
जल-जन जोड़ो अभियान के राष्ट्रीय संयोजक संजय सिंह ने आईएएनएस से कहा, बुंदेलखंड आजादी से पहले एक-दो दफा अकाल के संकट से जूझा है, मगर बीते तीन दशकों में तो हालात बद से बदतर होते गए। औसतन हर तीसरे साल में सूखा पड़ा, वर्तमान में तो लगातार तीन साल से सूखा पड़ रहा है। इसकी वजह जल संरचनाओं तालाब, कुएं, बाबड़ी, चौपरा आदि पर कब्जे हो जाना या उनका ठीक तरह से रखरखाव न होना है। इस इलाके में 700 मिलीमीटर बारिश हुई, पानी रोका नहीं गया और दिसंबर में हाल यह है कि लोगों को पीने के पानी के संकट से जूझना पड़ रहा है।
सिंह का कहना है कि इस इलाके के रेलवे स्टेशन हों या बस स्टैंड, यहां पर आपको रोजी-रोटी की तलाश में पलायन करने वाले मजदूरों के समूह साफ नजर आ जाते हैं। आलम यह है कि रोजाना लगभग 5000 मजदूर यहां से पलायन कर रहे हैं। कई गांव तो ऐसे हैं, जहां से 25 से 30 फीसदी लोग पलायन कर गए हैं।
बुंदेलखंड के वरिष्ठ पत्रकार बताते हैं कि झांसी जिले के मउरानीपुर के करीब स्थित भदरवारा गांव का रामकिशोर टेक्टर मालिक है, मगर उसके पास काम नहीं है, नतीजतन उसे मजदूरी करने कानपुर जाना पड़ा है। वहां भी उसे मजदूरी (कारीगर) के दाम नहीं मिल रहे हैं। इस इलाके से पलायन का दौर लगभग 60 दिनों से जारी है। हर रोज पांच हजार से ज्यादा लोग ही गांव छोड़ रहे हैं। इस तरह अनुमान के मुताबिक, अब तक तीन लाख से ज्यादा मजदूर घरों से पलायन कर गए हैं।
मध्य प्रदेश सरकार ने बुंदेलखंड के सभी छह जिलों की तहसीलों को सूखाग्रस्त घोषित कर दिया है, और आपदा पीड़ितों के लिए राशि भी मंजूर की है, मगर उन लोगों के लिए राहत कार्य शुरू नहीं हुए हैं, जिनकी जिंदगी मजदूरी से चलती है।
सागर संभाग के संभागायुक्त आशुतोष अवस्थी से कई बार संपर्क करने का प्रयास किया गया, मगर वे उपलब्ध नहीं हुए।
नेशनल
लॉरेंस बिश्नोई गैंग के निशाने पर श्रद्धा वॉकर का हत्यारा आफताब पूनावाला
नई दिल्ली । लॉरेंस बिश्नोई गैंग से जुड़ी एक बड़ी खबर सामने आ रही है. सूत्रों के मुताबिक, मीडिया में चल रही खबरों का संज्ञान लेते हुए तिहाड़ जेल प्रशासन, आफताब पूनावाला की सुरक्षा को लेकर अलर्ट हो गया है क्योंकि उसे लॉरेंश बिश्नोई गैंग से खतरे की बात सामने आई है. तिहाड़ जेल के अंदर जेल नंबर 4 में आफताब पूनावाला को रखा गया है. आफताब, श्रद्धा वॉल्कर हत्याकांड का आरोपी है. दिल्ली के छतरपुर इलाके में आफताब ने श्रद्धा की हत्या करके उसके शरीर को कई टुकड़ों में बांट दिया था.
तिहाड़ जेल से जुड़े सूत्रों के मुताबिक, मुंबई पुलिस से कोई आधिकारिक जानकारी नहीं मिली है लेकिन प्रशासन ने मीडिया में आई खबरों का संज्ञान लिया है. मुंबई पुलिस के मुताबिक, आफताब पूनावाला लारेंस बिश्नोई गैंग के शूटरों के निशाने पर है.
क्या है मामला ?
पुलिस की जांच में सामने आया था कि 18 मई 2022 की शाम करीब 6:30 से 7:00 बजे के बीच श्रद्धा विकास वॉल्कर की हत्या कर दी गई थी. इस मामले में आरोपी आफताब और पीड़िता के बीच रिलेशनशिप की टाइम लाइन अहम रही. मई 2019 से मार्च 2022 के दौरान मुंबई में आरोपी और पीड़िता की मुलाकात हुई और प्रेम संबंध बन गए थे. दोनों लिव-इन रिलेशनशिप में रहने लगे थे और खुद को शादीशुदा जोड़े के तौर पर दिखाते थे. उन्होंने 3 जगहों पर एक के बाद एक किराए का मकान लिया था, जहां वे रहते थे. दोनों 2 जगहों पर साथ काम कर चुके थे.
-
नेशनल9 hours ago
प्रधानमंत्री मोदी ने आदिवासी नेता और स्वतंत्रता सेनानी भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती पर दी श्रद्धांजलि
-
अन्य राज्य2 days ago
सोशल मीडिया पर हवाबाजी करने के लिए युवकों ने रेलवे ट्रैक पर उतारी थार, सामने से आ गई मालगाड़ी
-
नेशनल10 hours ago
दिल्ली की हवा ‘बेहद गंभीर कैटेगरी’ में, AQI 450 के पार
-
खेल-कूद2 days ago
ICC वनडे रैंकिंग में नंबर एक गेंदबाज बने शाहीन अफरीदी, राशिद खान दूसरे नंबर पर
-
नेशनल8 hours ago
लॉरेंस बिश्नोई गैंग के निशाने पर श्रद्धा वॉकर का हत्यारा आफताब पूनावाला
-
पंजाब1 day ago
भगवंत मान ने कांग्रेस पर साधा निशाना, कहा- गिद्दड़बाहा के विकास के कुछ नहीं किया
-
उत्तर प्रदेश5 hours ago
कार्तिक पूर्णिमा पर कटेहरी व मझवां के मतदाताओं से संवाद करेंगे योगी
-
नेशनल2 days ago
चेन्नई के अस्पताल में मरीज के बेटे ने डॉक्टर पर चाकू से किया ताबड़तोड़ हमला, हालत गंभीर