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बिजनेस

संपत्तियों के मुद्रीकरण से आरकॉम का कर्ज काफी घटा : अनिल अंबानी

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मुंबई, 26 दिसंबर (आईएएनएस)| रिलायंस समूह के अध्यक्ष अनिल अंबानी ने मंगलवार को कहा कि कंपनी ने रिलायंस कम्युनिकेशन (आरकॉम) के कर्ज का पूरा समाधान हासिल कर लिया है और आरकॉम 25 हजार करोड़ रुपये का कर्ज घटकर 6,000 करोड़ रुपये हो गया है। अंबानी ने संवाददाताओं से कहा, हमने रिलायंस कम्युनिकेशन को मौजूदा कर्ज से बाहर निकालने का हल पा लिया है। स्पष्ट रूप से यह किसी समूह के लिए ऐतिहासिक उपलब्धि है। आरकॉम का कर्ज 25,000 करोड़ रुपये से कम हो जाएगा, उधारदाताओं का कर्ज चुकाने की मुद्रीकरण प्रक्रिया जनवरी-मार्च 2018 त चरणबद्ध तरीके से पूरी की जाएगी।

उन्होंने कहा कि रिलायंस कम्युनिकेशन का कर्ज अक्टूबर 2017 में करीब 45,000 करोड़ रुपये था। आरकॉम के शेयर ने इस घोषणा पर तेजी से बढ़त दर्ज की और 30 फीसदी की ऊंचाई के साथ 21.33 रुपये पर बंद हुए।

अंबानी ने कहा कि रिलायंस कम्युनिकेशन व्यापारिक कंपनी है। कंपनी ने संपत्ति के मुद्रीकरण व रीयल एस्टेट को बेचकर इस कर्ज को पूरा किया है।

उन्होंने कहा कि नई कंपनी पर 6,000 करोड़ रुपये का कर्ज है।

अंबानी ने कहा, कर्ज का इक्विटी में रूपांतरण नहीं होगा।

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बिजनेस

जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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