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भाजपा राज में संविधान खतरे में : मायावती

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लखनऊ, 29 दिसंबर (आईएएनएस)| उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष मायावती ने यहां शुक्रवार को कहा कि भाजपा की वजह से देश का मानवतावादी संविधान खतरे में जरूर है, लेकिन कांग्रेस ने भी संविधान को उसकी सही मंशा के अनुरूप लागू नहीं किया। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने बयान दिया है कि भाजपा की नीतियों के चलते देश का संविधान खतरे में है। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए बसपा अध्यक्ष ने कहा कि आज नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में आरएसएस की विघटनकारी व हिंदुत्ववादी सोच के चलते देश का संविधान खतरे में है।

मायावती ने एक बयान जारी कर भाजपा की ओर इशारा करते हुए कहा, ये लोग मुंह में राम, बगल में छुरी की तरह संविधान की शपथ लेकर सत्ता में तो आ गए हैं, लेकिन इसी संविधान की आड़ में अपनी घोर कट्टरवादी व जातिवादी नीतियों को लागू करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस को यह बताना चाहिए कि सन् 1951 में देश के पहले कानून मंत्री बाबा साहेब ने पद से इस्तीफा क्यों दिया था।

मायावती ने कहा कि भाजपा और आरएसएस आज खुलेआम संविधान की अवमानना करके देश के इतिहास में काला अध्याय जोड़ रहे हैं, लेकिन कांग्रेस का दामन भी कम दागदार नहीं है।

राहुल गांधी ने गुरुवार को संसद में एक केंद्रीय मंत्री के संविधान को लेकर आए बयान का जिक्र करते हुए पार्टी सांसदों के विरोध-प्रदर्शन का नेतृत्व किया था।

दरअसल, केंद्रीय कौशल विकास एवं उद्यमशीलता राज्यमंत्री हेगड़े ने सोमवार को कर्नाटक के कोप्पल जिले के कुकनूर में एक कार्यक्रम के दौरान कहा था, भाजपा संविधान बदलने के लिए सत्ता में आई है।

हेगड़े ने कहा था, लोग धर्मनिरपेक्ष शब्द से इसलिए सहमत हैं, क्योंकि यह संविधान में लिखा है। इसे (संविधान) बहुत पहले बदल दिया जाना चाहिए था और अब हम इसे बदलने जा रहे हैं।

संविधान के प्रति सच्ची निष्ठा रखने की शपथ लेने वाले 49 वर्षीय केंद्रीय मंत्री ने कहा था, जो लोग खुद को धर्मनिरपेक्ष कहते हैं, वे बिना माता-पिता से जन्मे की तरह हैं। अगर कोई कहता है कि मैं मुस्लिम, ईसाई, लिंगायत, ब्रह्मण या हिंदू हैं तो मुझे खुशी महसूस होती है, क्योंकि वे अपनी जड़ों को जानते हैं। जो खुद को धर्मनिरपेक्ष कहते हैं, मैं नहीं जानता उन्हें क्या कहा जाए।

हेगड़े के बयान पर कांग्रेस की राज्य इकाई ने कहा था कि भाजपा अब उन विचारों की निंदा करने लगी है, जिन पर संविधान आधारित है।

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नेशनल

रेलवे बोर्ड ने अपने सभी जोन के लिए जारी किया निर्देश, ट्रेन में या ट्रेन की पटरियों पर रील बनाने वालों के खिलाफ दर्ज होगा केस

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नई दिल्ली। रेलवे बोर्ड ने अपने सभी जोन के लिए निर्देश जारी कर कहा है कि रेल सुरक्षा के लिए खतरा पैदा करने पर केस दर्ज किया जाएगा। यानी अगर कोई शख्स ट्रेन में या ट्रेन की पटरियों पर रील बनाएगा तो उसके खिलाफ केस दर्ज किया जाएगा।

क्या है पूरा मामला?

दरअसल लोग सोशल मीडिया पर वायरल होने के लिए रेल और रेल की पटरियों पर रील बनाते हैं। कई जगह ये भी देखा गया है कि रील बनाते-बनाते लोग चलती ट्रेन से घायल भी हुए हैं। युवाओं में खासकर यह क्रेज है कि वह रेलवे की पटरियों पर जाकर एक्शन रील बनाते हैं या फिर कुछ एक्सपेरिमेंट करते हैं, जैसेकि ट्रेन की पटरी पर पत्थर रख दिया या कोई सामान रख दिया। इस तरह की रील बनाने वाले लोग खुद के साथ-साथ रेल यात्रियों की जिंदगी भी खतरे में डालते हैं।

ऐसे में रेल पटरियों और चलती ट्रेनों में रील बनाने को लेकर सरकार सख्त रवैया अपना रही है। ऐसा करने पर आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज किया जाएगा। रेलवे बोर्ड ने इस मामले में अपने सभी जोन को निर्देश दिया है, जिसमें कहा गया है कि अगर रील बनाने वाले सुरक्षित रेल परिचालन के लिए खतरा उत्पन्न करते हैं या कोचों या रेल परिसरों में यात्रियों के लिए असुविधा का कारण बनते हैं तो उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जाए।

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