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‘गुजारा लायक नहीं मिली पेंशन तो सांसदों का घेराव करेंगे’

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नई दिल्ली, 30 दिसम्बर (आईएएनएस)| कर्मचारी पेंशन योजना (ईपीएस-95) के सदस्यों ने कम से कम 7,500 रुपये मासिक पेंशन और अंतरिम राहत के रूप में 5000 रुपये महंगाई भत्ते की मांग के लिए आंदोलन तेज कर दिया है। राष्ट्रीय संघर्ष समिति (एनएसी) के अध्यक्ष अशोक राउत के नेतृत्व में प्रदर्शनकारी देश भर के 500 जिलों में लोकसभा सांसदों और विधायकों का घेराव करेंगे। उनके आवास पर धरना दिया जाएगा और सत्याग्रह किया जाएगा।

संस्था ने एक बयान में कहा कि इन सांसदों और विधायकों पर ईपीएस पेंशनरों को हो रही परेशानी पर प्रधानमंत्री को पत्र लिखने का दबाव बनाया जाएगा। देश भर में ये पेंशनधारक भिक्षा आंदोलन की भी शुरुआत करेंगे। इसके लिए जनसाधारण से लेकर कर्मचारी पेंशन योजना के सदस्यों से भिक्षा ली जाएगी। एकत्र की कई भिक्षा को जिला कलक्टर, एसडीएम, तहसीलदार के माध्यम से डीडी, पोस्टल ऑर्डर या नकद के रूप में प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष में भेजी जाएगी।

दरअसल कर्मचारी प्रधानमंत्री तक यह संदेश पहुंचाना चाहते हैं कि आपने तो हमारी बात नहीं सुनी, पर हम अपने सीमित संसाधनों से प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष में अपना योगदान दे रहे हैं।

इस समय ईपीएस-95 से हर महीने इसके सदस्यों को कम से कम 1 हजार रुपये महीने पेंशन मिलती है। ईपीएस-95 योजना के तहत 60 लाख पेंशनधारक है, जिसमें से करीब 40 लाख सदस्यों को हर महीने 1500 रुपये से कम पेंशन मिल रही है और अन्य कर्मचारियों को 2 हजार रुपये से ढाई हजार रुपये मासिक पेंशन मिल रही है। कर्मचारियों का कहना है कि कमरतोड़ महंगाई के जमाने में इतनी कम पेंशन में महीने का खर्च चलना काफी मुश्किल है।

ईपीएफ राष्ट्रीय संघर्ष समिति के अध्यक्ष कमांडो अशोक राउत के नेतृत्व में संघर्ष समिति की मुख्य मांगों में कम से कम 7500 रुपये महीने मासिक पेंशन, अंतरिम राहत के रूप में 5000 रुपये महंगाई भत्ते की मांग, जिन पेंशनर्स को ईपीएस-95 योजना में शामिल नहीं किया गया है, उन्हें पेंशन योजना में भागीदार बनाना शामिल है। इनकी अन्य मांगों में ईपीएस-95 के सदस्यों और उनकी पत्नी को मुफ्त मेडिकल सुविधाएं उलब्ध कराना, 20 साल तक काम करने वाले पेंशनर्स को नियमानुसार दो साल का वेटेज देना शामिल है।

अशोक राउत ने बताया कि विपक्ष में रहते हुए भाजपा ने यह मुद्दा उठाया था और तत्कालीन संप्रग सरकार ने भाजपा सांसद भगत सिंह कोश्यारी की अध्यक्षता में कमेटी बनाई थी। कमेटी ने अपनी रिपोर्ट राज्यसभा को सौंपी थी और वर्तमान पेंशन को अमानवीय बताते हुए पेंशनर्स को कम से कम तीन हजार रुपये व महंगाई भत्ता दिए जाने की सिफारिश की थी, लेकिन अब तक इस कमिटी की सिफारिशों को लागू नहीं किया गया। केंद्र के पास पेंशनर्स से जमा किए गए फंड के तहत 2 लाख करोड़ से अधिक रुपये जमा हैं, जिस पर सरकार ब्याज कमा रही है, लेकिन हकदारों को उनका हक नहीं मिल रहा है।

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नेशनल

लॉरेंस बिश्नोई गैंग के निशाने पर श्रद्धा वॉकर का हत्यारा आफताब पूनावाला

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नई दिल्ली । लॉरेंस बिश्नोई गैंग से जुड़ी एक बड़ी खबर सामने आ रही है. सूत्रों के मुताबिक, मीडिया में चल रही खबरों का संज्ञान लेते हुए तिहाड़ जेल प्रशासन, आफताब पूनावाला की सुरक्षा को लेकर अलर्ट हो गया है क्योंकि उसे लॉरेंश बिश्नोई गैंग से खतरे की बात सामने आई है. तिहाड़ जेल के अंदर जेल नंबर 4 में आफताब पूनावाला को रखा गया है. आफताब, श्रद्धा वॉल्कर हत्याकांड का आरोपी है. दिल्ली के छतरपुर इलाके में आफताब ने श्रद्धा की हत्या करके उसके शरीर को कई टुकड़ों में बांट दिया था.

तिहाड़ जेल से जुड़े सूत्रों के मुताबिक, मुंबई पुलिस से कोई आधिकारिक जानकारी नहीं मिली है लेकिन प्रशासन ने मीडिया में आई खबरों का संज्ञान लिया है. मुंबई पुलिस के मुताबिक, आफताब पूनावाला लारेंस बिश्नोई गैंग के शूटरों के निशाने पर है.

क्या है मामला ?

पुलिस की जांच में सामने आया था कि 18 मई 2022 की शाम करीब 6:30 से 7:00 बजे के बीच श्रद्धा विकास वॉल्कर की हत्या कर दी गई थी. इस मामले में आरोपी आफताब और पीड़िता के बीच रिलेशनशिप की टाइम लाइन अहम रही. मई 2019 से मार्च 2022 के दौरान मुंबई में आरोपी और पीड़िता की मुलाकात हुई और प्रेम संबंध बन गए थे. दोनों लिव-इन रिलेशनशिप में रहने लगे थे और खुद को शादीशुदा जोड़े के तौर पर दिखाते थे. उन्होंने 3 जगहों पर एक के बाद एक किराए का मकान लिया था, जहां वे रहते थे. दोनों 2 जगहों पर साथ काम कर चुके थे.

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