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नितिन पटेल ने वित्त विभाग दिलाने के लिए मोदी, शाह को किया विवश

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अहमदाबाद, 31 दिसंबर (आईएएनएस)| गुजरात में पहली बार भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह को रविवार को उप मुख्यमंत्री नितिन पटेल को वित्त विभाग वापस करने पर विवश होना पड़ा। पटेल को मुख्यमंत्री विजय रूपाणी के नए कैबिनेट में दूसरे नंबर पर रखने के बावजूद उनके कद के अनुरूप विभाग नहीं दिए जाने से दो दिन तक वह नाराज रहे। उनको राजी करने के लिए पार्टी के आला नेताओं को उनकी मांग पूरी करनी पड़ी।

नितिन पटेल ने 1977 में अपने सार्वजनिक जीवन की शुरुआत की थी और वह 1980 से भाजपा में में हैं। मुख्यमंत्री विजय रूपाणी द्वारा अपनी नई टीम में विभाग बांटते समय उनको वित्त, शहरी विकास और पेट्रो-रसायन नहीं दिया गया। ये तीनों मंत्रालय पिछली सरकार में पटेल के पास थे। इससे नाराज नितिन पटेल गुरुवार और शुक्रवार को उनको सौंपे गए मंत्रालय का कार्यभार संभाले बगैर अहमदाबाद स्थित अपने निवास में ही रहे।

पटेल ने इससे पहले 2016 में तब खुदको तिरस्कृत महसूस किया था, जब पाटीदार आंदोलन के सक्रिय होने पर आनंदीबेन पटेल को हटाकर पार्टी में उनसे ओहदे व अनुभव में कम रूपाणी को प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाया गया था। उस समय उन्होंने चुप रहने का फैसला लिया था।

रूपाणी को अमित शाह का नजदीकी माना जाता है, जबकि आनंदीबेन पार्टी में पटेल शाह के प्रतिद्वंद्वी थीं और ऐसा माना जाता था कि नितिन पटेल आनंदीबेन पटेल के खेमे में थे। गुजरात की प्रथम महिला मुख्यमंत्री मोदी की विश्वासपात्र थी लेकिन परिस्थितिवश उनको अपना इस्तीफा देने को बाध्य होना पड़ा।

नितिन पटेल ने गुजराती टीवी चैनलों को साक्षात्कार देना शुरू कर दिया था कि बतौर मुख्यमंत्री उनकी प्राथमिकताएं क्या-क्या होंगी। अंतिम क्षण में उनको बताया गया कि वह उपमुख्यमंत्री होंगे और रूपाणी मुख्यमंत्री होंगे।

इस बार भी नितिन पटेल को उपमुख्यमंत्री पद से ही संतोष करना पड़ा, लेकिन उनके पास पूर्व में रहे मंत्रालय उनसे छीन लिए गए और उनको स्वास्थ्य और परिवार कल्याण, सड़क व भवन एवं नर्मदा विभाग प्रदान किया गया।

वित्त मंत्रालय प्रतिष्ठित उद्योगपति धीरूभाई अंबानी के भाई रामणीक अंबानी के दामाद सौरभ पटेल को दिया गया था। रूपाणी ने पिछले साल सौरभ पटेल को अपने मंत्रालय में शामिल नहीं किया था, लेकिन नई सरकार में उनको शामिल कर लिया गया।

दो दिन तक नाराज रहने और पटेल समुदाय के विरोध जताने के बाद गुजरात के उप मुख्यमंत्री नितिन पटेल ने आखिरकार रविवार को विजय रूपाणी की अगुवाई वाली कैबिनेट में शामिल होकर कामकाज संभाल लिया। नितिन पटेल ने कहा कि पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने पटेल को उनके पास पहले रहे महत्वपूर्ण मंत्रालयों को वापस दिलाने का वचन दिया है।

पत्रकारों से बातचीत में नितिन पटेल ने कहा, अमित शाह ने सुबह 5.30 बजे मुझे बुलाया बौर बतौर उपमुख्यमंत्री मुझे उपयुक्त विभाग देने का वादा किया और मुझे कार्यभार संभालने को कहा।

भाजपा नेतृत्व के इस कदम के बाद प्रदेश में पटेल समुदाय नितिन पटेल के समर्थन में विरोध पर उतर आया। पाटीदार नेता हार्दिक पटेल ने नितिन पटेल से भाजपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल होने का आग्रह किया था। मंत्री ने खुद कहा था कि इससे उनके मान-सम्मान को ठेस पहुंची है।

पटेल ने आगे कहा, मैं अपने समर्थकों से सोमवार को मेरी मांग के पक्ष में प्रस्तावित बंद को वापस लेने का आग्रह करता हूं। मुझे प्रदान किए जाने वाले विभागों के बारे में रूपाणी जल्द ही राज्यपाल को एक औपचारिक अनुरोध भेजेंगे।

हार्दिक पटेल की अगुवाई में पाटीदार अनामत आंदोलन समिति (पीएएएस) के साथ पाटीदार आंदोलन में अग्रणी रहे सरदार पटेल समूह ने भी नितिन पटेल का समर्थन किया था और सोमवार को प्रदेशव्यापी बंद का ऐलान किया था।

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पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला, 38 लोगों की मौत

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पख्तूनख्वा। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला हुआ है। इस हमले में 38 लोगों की मौत हो गई है। यह हमला खैबर पख्तूनख्वा के डाउन कुर्रम इलाके में एक पैसेंजर वैन पर हुआ है। हमले में एक पुलिस अधिकारी और महिलाओं समेत दर्जनों लोग घायल भी हुए हैं। जानकारी के मुताबिक उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के अशांत प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में आतंकियों ने शिया मुस्लिम नागरिकों को ले जा रहे यात्री वाहनों पर गोलीबारी की है। यह क्षेत्र में हाल के वर्षों में इस तरह का सबसे घातक हमला है। मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है।

AFP की रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में 38 लोगों की मौत हुई है. पैसेंजर वैन जैसे ही लोअर कुर्रम के ओचुट काली और मंदुरी के पास से गुजरी, वहां पहले से घात लगाकर बैठे आतंकियों ने वैन पर अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दीं. पैसेंजर वैन पाराचिनार से पेशावर जा रही थी। पाकिस्तान की समाचार एजेंसी डॉन के मुताबिक तहसील मुख्यालय अस्पताल अलीजई के अधिकारी डॉ. ग़यूर हुसैन ने हमले की पुष्टि की है.

शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच तनाव 

अफगानिस्तान की सीमा से लगे कबायली इलाके में भूमि विवाद को लेकर शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच दशकों से तनाव बना हुआ है। किसी भी समूह ने घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है। जानकारी के मुताबिक “यात्री वाहनों के दो काफिले थे, एक पेशावर से पाराचिनार और दूसरा पाराचिनार से पेशावर यात्रियों को ले जा रहा था, तभी हथियारबंद लोगों ने उन पर गोलीबारी की।” चौधरी ने बताया कि उनके रिश्तेदार काफिले में पेशावर से यात्रा कर रहे थे।

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