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बिजनेस

फाइबर की मांग, डॉलर की मजबूती से आईसीई कॉटन वायदे में उछाल

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नई दिल्ली, 5 जनवरी (आईएएनएस)| अंतर्राष्ट्रीय वायदा बाजार इंटरकांटिनेन्टल एक्सचेंज (आईसीई) में बीते स़त्र में गुरुवार को कॉटन के वायदे में जोरदार उछाल आया, जो कि अमेरिकी फाइबर की मांग में तेजी व डॉलर में आई मजबूती से प्रेरित था। बाजार के जानकारों के मुताबिक विदेशी बाजार में तेजी का घेरलू बाजार को फायदा मिलेगा।

अमेरिका में कॉटन का मार्च वायदा 1.5 फीसदी उछाल के साथ 79.25 से प्रति पाउंड पर बंद हुआ, जोकि सबसे सक्रिय वायदा सौदे में 19 मई के बाद सबसे ऊंचा स्तर है।

कमोडिटी एनालिस्ट मुंबई के गिरीश काबरा के मुताबिक कच्चे तेल में हाल के दिनों में आई मजबूती से कृत्रिम फाइबर महंगा पड़ेगा। जाहिर है कि इसका फायदा कॉटन फाइबर को होगा, जिससे कॉटन में आगे भी तेजी रहने के संकेत हैं।

कॉमर्जबैंक ने भी पिछले दिनों कहा था कि कॉटन की तेजी में कच्चा तेल की कीमतों का भी असर देखा जा रहा है, क्योंकि कच्चे तेल का इस्तेमाल कृत्रिम फाइबर बनाने में होता है।

कमोडिटी विश्लेषक रेलीगेयर के वाइस प्रेसिडेंट अजितेश ने बताया कि अंतर्राष्ट्रीय बाजार में तेजी से घेरलू बाजार में भी तेजी देखने को मिलेगी।

वैसे, फसल खराब होने की रिपोर्ट के बाद उत्पादन अनुमान में कमी के कारण घरेलू बाजार में कॉटन में जोरदार तेजी का रुख पहले से ही बना हुआ है।

बाजार के जानकारों के मुताबिक, सटोरियों ने कॉटन में अपने पोजीशन बनाई है जिससे तेजी को सपोर्ट मिला है।

गौरतलब है कि कॉटन उत्पादन, खपत व व्यापार से जुड़े देशों का संगठन इंटरनेशनल कॉटन एडवायजरी कमेटी मंगलवार को जारी 2017-18 के अनुमान में दुनियाभर में कॉटन खपत में करीब तीन फीसदी की बढ़ोतरी की है।

आईसीएसी के ताजा आंकड़ों के मुताबिक पिछले महीने के अनुमान से इस महीने का उत्पादन अनुमान 0.31 फीसदी कम है जबकि खपत अनुमान में कटौती नहीं की गई है। 2017-18 में पिछले साल के मुकाबले इस साल कॉटन उत्पादन 10.61 फीसदी इजाफा इजाफा के साथ 25.43 मिलयन टन रहने का अनुमान है।

वहीं, खपत भी 2.85 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ 25.22 मिलियन टन रहने का अनुमान है। वैश्विक आयात पिछले साल के 8.11 मिलियन टन के मुकाबले 8.35 मिलियन टन रहने का अनुमान है जबकि निर्यात भी 8.07 से बढ़कर 8.35 मिलियन टन रहने की उम्मीद है। अंतिम स्टॉक पिछले साल के 18.77 मिलियन टन के मुकाबले 18.98 मिलियन टन रह सकता है।

आईसीएसी के मुताबिक, अंतर्राष्ट्रीय कीमतें पिछले साल से कम रहने और दूसरे प्रतिस्पर्धी फाइबर के दाम ऊंचे होने से कॉटन की वैश्विक खपत में इजाफा होने की उम्मीद है।

दूसरी तरफ, भारत में कॉटन एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने दिसंबर के अंत में देश के कॉटन उत्पादन 375 लाख गांठ (170 किलोग्राम) रहने का अनुमान जारी किया था। पिछले साल भारत में कॉटन का उत्पादन 2017-18 (अक्टूबर-सिंतंबर) में 345 लाख गांठ रहा था। सीएआई ने देश का कॉटन निर्यात अनुमान को 63 लाख गांठ से घटाकर 55 लाख गांठ कर दिया है। सीएआई ने आयात अनुमान को 17 लाख गांठ से बढ़ाकर 20 लाख गांठ कर दिया है।

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बिजनेस

जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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