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बिजनेस

गेहूं, सरसों का रकबा पिछले साल से घटा, दलहन का बढ़ा

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नई दिल्ली, 6 जनवरी (आईएएनएस)| चालू रबी सीजन में जहां गेहूं और तिलहनों की बोआई में देश के किसानों ने थोड़ी उदासीनता दिखाई है वहीं दलहन की खेती के प्रति उनकी दिलचस्पी काफी रही है। देशभर से प्राप्त बोआई के ताजा आंकड़ों में गेहूं और तिलहन फसलों का रकबा पिछले साल के मुकाबले घटा है तो दलहनों का रकबा बढ़ा है। खासतौर से चने के रकबे में जोरदार इजाफा हुआ है। केंद्रीय कृषि सहकारिता एवं कल्याण विभाग की वेबसाइट पर शुक्रवार को प्रकाशित रबी बोआई के साप्ताहिक आंकड़ों के मुताबिक, देशभर में गेहूं की बोआई 283.46 लाख हेक्टेयर भूमि में हुई है, जो कि पिछले साल की समान अवधि के आंकड़े 297.67 लाख हेक्टेयर से 4.77 फीसदी कम है। हालांकि पिछले हफ्ते से सुधार हुआ है क्योंकि पिछले हफ्ते तकरीबन छह फीसदी रकबा पिछले साल के मुकाबले पिछड़ा हुआ था। देश्भर में गेहूं का औसत रकबा 301.74 लाख हेक्टेयर रहता है।

तिलहनों का रकबा पिछले साल के मुकाबले 5.05 फीसदी पिछड़ा है। सभी रबी तिलहनों का रकबा 76.69 लाख हेक्टेयर है जबकि पिछले साल की समान अवधि में यह 80.77 लाख हेक्टेयर था।

सरसों की बोआई 65.25 लाख हेक्टेयर में हुई है, जोकि पिछले साल की समान अवधि के आंकड़े 69.53 लाख हेक्टेयर से 6.15 फीसदी कम है। वहीं, दलहन फसलों की बोआई 154.91 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है जोकि पिछले साल की समान अवधि के रकबे 143.45 लाख हेक्टेयर से 7.99 फीसदी ज्यादा है।

चने की बोआई अब तक 103.80 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है जोकि पिछले साल का रकबा 92.13 लाख हेक्टेयर से 12.67 फीसदी ज्यादा है। चने का रकबा राष्ट्रीय औसत 86.81 लाख हेक्टेयेर से भी काफी ज्यादा हो चुका है।

मसूर रकबा 17.04 लाख हेक्टेयर दर्ज किया गया है जोकि पिछले साल के 16.56 लाख हेक्टेयर से 2.94 फीसदी अधिक है।

चालू बोआई सीजन (2017-18) में देशभर में रबी फसलों का रकबा पिछले साल के मुकाबले 0.21 फीसदी कम है। ताजा आंकड़ों के मुताबिक कुल रबी फसलों की बोआई 586.37 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है। जो राष्ट्रीय औसत 623.53 लाख हेक्टेयर से काफी ज्यादा है लेकिन पिछले साल के समान अवधि के आंकड़े 587.62 लाख हेक्टेयर से कम है।

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बिजनेस

जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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