Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

खेल-कूद

हमें विदेशी सरजमीं पर अधिक मैच खेलने होंगे : सुनील छेत्री

Published

on

Loading

बेंगलुरु, 10 जनवरी (आईएएनएस)| भारतीय फुटबाल टीम के कप्तान सुनील छेत्री चाहते हैं कि राष्ट्रीय फुटबाल टीम को एएफसी एशियाई कप-2019 की तैयारी के लिए विदेशी सरजमीं पर अधिक मैच खेलने का मौका मिले।

वर्तमान में इंडियन सुपर लीग (आईएसएल) में बेंगलुरु एफसी का प्रतिनिधित्व कर रहे छेत्री का कहना है कि भारतीय टीम के लिए खेल चुके हर खिलाड़ी को अपने खेल के स्तर को और ऊपर लाने की जरूरत है ताकि कोच स्टीफन कांस्टेनटाइन को हर बार टीम के लिए खिलाड़ियों को चुनने में सिरदर्द हो।

छेत्री ने आईएएनएस के साथ एक साक्षात्कार में कहा, हमें विदेशी सरजमीं पर अधिक मैच खेलने की जरूरत है। घर में हम आम तौर से अच्छा प्रदर्शन करते हैं, लेकिन विदेश में हमारा रिकॉर्ड अच्छा नहीं रहा है। हमें 16 से आठ रैंकिंग (एएफसी रैंकिंग) वाली टीमों के साथ मैच खेलने चाहिए। दक्षिण कोरिया और जापान की टीमों के खिलाफ खेलना मुश्किल है क्योंकि वे हमारे साथ नहीं खेलना चाहते हैं। हमें ऐसी टीमों के साथ खेलना चाहिए, जो हमसे बेहतर हैं और उनकी घरेलू जमीन पर खेलना चाहिए। इसका ख्याल संगठन को रखना चाहिए।

कप्तान छेत्री ने कहा, खिलाड़ियों की तरफ से सोचा जाए, तो हमें व्यक्तिगत रूप से अपने खेल में सुधार करने की जरूरत है। इस बात को सुनिश्चित करना है कि राष्ट्रीय टीम के लिए प्रतिस्पर्धा में इजाफा हो और यह कोच के लिए सरदर्द बन जाए कि किसे लें और किसे छोड़ें। उनके लिए बेहतरीन खिलाड़ियों का चयन कर टीम का गठन मुश्किल काम होना चाहिए।

भारत ने पिछले साल अक्टूबर में क्वालीफायर मैच में मकाऊ को हराकर एशियाई कप में अपनी जगह पक्की कर ली थी।

पिछली बार ब्रिटिश कोच बॉब हॉटन के मार्गदर्शन में भारतीय टीम ने 2011 में इस चैम्पियनशिप में हिस्सा लिया था। उस दौरान छेत्री टीम का अहम हिस्सा थे। उन्होंने ग्रुप स्तर के मैचों में दो गोल किए थे। भारत ने तब एक भी मैच नहीं जीता था। उस पर 13 गोल हुए थे और उसने महज तीन गोल किए थे।

छेत्री ने कहा कि भारतीय टीम को संयुक्त अरब अमीरात जैसी टीमों के साथ खेलना चाहिए। संयुक्त अरब अमीरात एशियाई कप का मेजबान है।

इस टूर्नामेंट की तैयारी के लिए किन टीमों के साथ मुकाबले खेलने चाहिए, इस बारे में छेत्री ने कहा, हम सबसे नीचे हैं। जिसके खिलाफ भी हम खेलेंगे, वह हमसे बेहतर टीम होगी।

छेत्री ने कहा, 2011 में हमें आस्ट्रेलिया, दक्षिण कोरिया और बहरीन जैसी टीमों के खिलाफ मैच खेलने के मौके मिले थे। देखा जाए, तो इससे बुरा कुछ हो नहीं सकता। इस बार हमें किर्गिस्तान, मकाऊ और म्यांमार के खिलाफ क्वालीफायर मैच खेलने के मौके मिले और इन टीमों को पूरे सम्मान के साथ यह कहना ही होगा कि ये मुकाबले उतने भी मुश्किल नहीं थे।

छेत्री ने कहा, हमें दोस्ताना मैचों के लिए यूएई, कतर, ओमान, फिलिस्तीन और लेबनान के खिलाफ खेलने का लक्ष्य रखना चाहिए।

ऐसा कहा जा रहा है कि इस साल भारत में चार देशों के चैम्पियंस कप का आयोजन हो सकता है। इस पर छेत्री ने कहा कि इससे भारत की रैंकिंग में कोई फर्क नहीं आएगा, क्योंकि यह फीफा के कार्यक्रम से अलग आयोजित होगा, लेकिन इससे भारतीय टीम की तैयारी में काफी मदद हो सकती है।

छेत्री ने कहा, अब बात रैंकिंग की नहीं है, क्योंकि हम टूर्नामेंट के लिए क्वालीफाई कर चुके हैं। रैंकिंग के आधार पर ग्रुप का विभाजन मायने रखता है, लेकिन इन सब चीजों के किनारे रख कर देखा जाए, तो इन चार देशों के टूर्नामेंट से मुझे टीम के प्रदर्शन में सुधार की आशा है।

आईएसएल में बेंगलुरु एफसी का प्रतिनिधित्व करने के बारे में छेत्री ने कहा कि उन पर उम्मीदों का दबाव नहीं है और वह एक समय में एक मैच पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।

उन्होंने कहा, हमारे क्लब का लक्ष्य अगले मैच के बारे में अधिक सोचने का होता है और यह नहीं बदलेगा।

अपनी प्रेमिका सोनम से हाल ही में शादी करने वाले छेत्री ने कहा कि शादी के बाद उन्हें प्याज-टमाटर के भाव पता चल गए हैं।

छेत्री की पत्नी सोनम, मोहन बागान क्लब व भारतीय टीम के पूर्व डिफेंडर सुब्रत भट्टाचार्य की बेटी हैं।

उन्होंने कहा, शादी के बाद के बीते 10 से 15 दिन मैंने आनंद में बिताए हैं। मुझे लगता है कि मैं और सोनम 13 सालों से एक दूसरे से मिल रहे हैं, लेकिन हम एक-दूसरे के साथ रहे नहीं। मैं जहां भी खेला हूं, वह मेरे साथ रही हैं। अब हम साथ हैं, तो अच्छा लग रहा है। यह इसलिए, भी ज्यादा अच्छा लग रहा है, क्योंकि वह मेरी पत्नी हैं और मैं उनसे प्यार भी करता हूं..लेकिन इसके साथ हम अच्छे दोस्त भी हैं।

छेत्री ने कहा, सोनम मेरे काम को समझती हैं। इसलिए, उन्हें मुझे हर चीज के बारे में बताने की जरूरत नहीं। सब कुछ सही है, क्योंकि वह समझती हैं। हम घूमने जाते हैं और साथ में घर का सामना खरीदते हैं। मुझे अब प्याज-टमाटर के भाव पता हैं।

Continue Reading

खेल-कूद

IND VS AUS: पर्थ में टूटा ऑस्ट्रेलिया का घमंड, भारत ने 295 रनों से दी मात

Published

on

Loading

पर्थ। भारतीय क्रिकेट टीम ने बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के पहले टेस्ट मैच में मेजबान ऑस्ट्रेलिया को धूल चटाते हुए नया कीर्तिमान रच दिया है। टीम इंडिया ने पर्थ में 16 साल बाद पहला टेस्ट मैच जीता है। इससे पहले भारत ने साल 2008 में कुंबले की कप्तानी में ऑस्ट्रेलिया को हराया था। हालांकि यह मैच पर्थ के ऑप्टस स्टेडियम में खेला गया। पहली पारी में 150 रन बनाने वाली टीम इंडिया ने ऑस्ट्रेलिया को पहली पारी में सिर्फ 104 रनों पर ढेर कर दिया था। इसके बाद टीम इंडिया ने अपनी दूसरी पारी 487/6 रन के स्कोर पर घोषित करते हुए ऑस्ट्रेलिया के सामने 534 रनों का विशाल लक्ष्य रखा।

इस पहाड़ जैसे लक्ष्य का पीछा करते हुए ऑस्ट्रेलिया की टीम दूसरी पारी में सिर्फ 238 रनों के स्कोर पर ढेर हो गई। इस तरह टीम इंडिया ने ऑस्ट्रेलिया को उसी के घर में 295 रनों से हराकर बड़ा इतिहास रच दिया। ध्यान देने वाली बात यह है कि टीम इंडिया में न तो रोहित शर्मा थे, न ही शुभमन गिल, न ही रवींद्र जडेजा और रविचंद्रन अश्विन और न ही मोहम्मद शमी थे। इसके बावजूद टीम इंडिया ने ऐतिहासिक जीत दर्ज की।

पर्थ टेस्ट की दूसरी पारी में यशस्वी जायसवाल ने 161 रन और विराट कोहली ने नाबाद शतकीय पारी खेली। दूसरी पारी में केेल राहुल ने भी 77 रनों की अहम पारी खेली। पहली पारी में टीम इंडिया 150 रनों पर सिमट गई थी पर भारतीय गेंदबाजों ने कमाल का कमबैक करते हुए पूरी ऑस्ट्रेलिया टीम को घुटनों पर ला दिया। ऑस्ट्रेलिया पहली पारी में 104 रन ही बना पाई। दूसरी पारी में टीम इंडिया ने कमाल का कमबैक करते हुए ऑस्ट्रेलिया के सामने 6 विकेट के नुकसान पर 487 रन बनाकर पारी घोषित कर दी। जिससे ऑस्ट्रेलिया को 534 रनो का टारगेट मिला। लेकिन चौथे दिन भारत ने ऑस्ट्रेलिया को 295 रनों से हरा दिया।

Continue Reading

Trending