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सत्यापन के लिए आधार आईडी की जरूरत नहीं होगी : यूआईडीएआई

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नई दिल्ली, 10 जनवरी (आईएएनएस)| आधार कार्ड की जानकारी आसानी से साझा किए जा सकने वाले न्यूज रिपोर्ट के बीच यूआईडीएआई ने बुधवार को नए दो स्तरीय प्रणाली ( टू-लेयर सेफ्टी सिस्टम) जारी करने की घोषणा की है जिससे सत्यापन के लिए आधार कार्ड की जानकारी साझा करने की जरूरत नहीं रह जाएगी।

यूआईडीएआई ने कहा कि एक मार्च से यह सुविधा शुरू हो जाएगी लेकिन 1 जून से सभी एजेंसियों को इसे लागू करने के लिए व्यवस्था करना अनिवार्य होगा।

नई प्रणाली के तहत, आधार धारकों को अब सत्यापन के लिए अपने आधार कार्ड नंबर को देने की जरूरत नहीं होगी, इसके बदले धारक 16 अंकों का वर्चुअल आईडी नंबर जारी करेंगे जिसका इस्तेमाल आधिकारिक एजेंसी जैसे बैंक और दूरसंचार सेवा प्रदाताओं के साथ किया जा सकता है।

यूआईडीएआई ने एक सर्कुलर जारी कर कहा, वर्चुअल आईडी 16 अंकों का अस्थायी नंबर होगा जो आधार के खाका से निर्मित होगा। वर्चुअल आईडी से किसी भी तरह आधार की जानकारी नहीं ली जा सकेगी।

यूआईडीएआई ने आधार एजेंसियों के लिए ‘सीमित केवाईसी (अपने ग्राहकों को जानों)’ लांच की है जिसमें यूआईडीएआई हर आधार नंबर के लिए एक टोकन जारी करेगी। इस टोकन की मदद से एजेंसियां आधार डिटेल को सत्यापित कर सकेगी। यह टोकन नंबर हर आधार नंबर के लिए अलग होगा और एजेंसियां इस संबंध में आसानी से पेपरलेस कार्य कर सकेंगी।

सर्कुलर के अनुसार, इसके लिए हालांकि लोगों को 1 मार्च तक का इंतजार करना होगा क्योंकि यूआईडीएआई इस दौरान इसके लिए जरूरी एप्लिकेशन जारी करेगी और 1 जून से हर हाल में सभी एजेंसियों को यह लागू करना होगा।

सर्कुलर के अनुसार, वर्चुअल आईडी एक खास समय के लिए ही मान्य होगा और जब भी प्रयोगकर्ता नए आईडी को जारी करेंगे, पहले का बनाया आईडी खुद ब खुद रद्द हो जाएगा।

यूआईडीएआई ने कहा, आधार नंबर जीवन भर के लिए एक स्थायी आईडी है। आधार नंबर धारकों द्वारा इसके लगातार प्रयोग के लिए कार्यतंत्र बनाए जाने की जरूरत है जिससे कि डाटाबेस में बेहतर संग्रहण और भंडारण की सुरक्षा हो सके।

सर्कुलर के अनुसार, यह सुनिश्चित किया जाना जरूरी है ताकि आधार कार्ड धारक अपनी पहचान सूचना का प्रयोग उत्पाद खरीदने व सेवा का लाभ लेने में कर सके। कई एजेंसियों द्वारा आधार नंबर के संग्रहण और भंडारण ने गोपनीयता की चिंता को बढ़ा दिया था।

उल्लेखनीय है कि द ट्रिब्यून ने तीन जनवरी को एक रपट प्रकाशित की थी, जिसका शीर्षक ‘500 रुपये, और 10 मिनट में आपको आधार की जानकारी मिल सकती है’ था। यूआईडीएआई ने इस रिपोर्ट के बाद अखबार और इसकी संवाददाता रचना खेरा के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई थी।

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नेशनल

केरल के कन्नूर जिले में चोरों ने व्यवसायी के घर से उड़ाए एक करोड़ रुपये, सोने के 300 सिक्के

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कन्नूर। केरल के कन्नूर जिले में चोरों के एक गिरोह ने वालापट्टनम में एक व्यवसायी के घर से एक करोड़ रुपये की नकदी और सोने की 300 गिन्नियां चुरा लिए। पुलिस ने सोमवार को यह जानकारी दी।पुलिस के मुताबिक चोरी की यह घटना उस समय हुई जब व्यवसायी और उसका परिवार एक विवाह समारोह में भाग लेने के लिए तमिलनाडु के मदुरै गए हुए थे। उन्होंने बताया कि चोरी का पता तब चला जब रविवार रात को व्यवसायी का परिवार घर लौटा और लॉकर में रखा कीमती सामान गायब पाया।

सीसीटीवी फुटेज में तीन लोगों को दीवार फांदकर घर में घुसते देखा

पुलिस सूत्रों ने बताया कि घर के सभी लोग 19 नवंबर से ही घर से बाहर थे। और संदेह है कि चोरों ने रसोई की खिड़की की ग्रिल काटकर घर में प्रवेश किया। सीसीटीवी फुटेज में तीन लोगों को दीवार फांदकर घर में घुसते देखा जा सकता है।

चोरों को लिए गए फिंगरप्रिंट

पीड़ित परिवार के एक रिश्तेदार ने मीडिया को बताया कि नकदी, सोना और अन्य कीमती सामान आलमारी में बंद करके रखे गए थे। इसकी चाबी दूसरे कमरे में रखी गई थी। पुलिस और ‘फिंगरप्रिंट’ (अंगुलियों के निशान) लेने वाले विशेषज्ञों की एक टीम घर पहुंची और सुबूत एकत्र किए तथा आरोपियों को पकड़ने के लिए व्यापक तलाश अभियान चलाया गया है।

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