अन्तर्राष्ट्रीय
अमेरिका ने रूसी दूतावास के बाहर की सड़क का नाम बदला, रूस नाराज
वाशिंगटन, 11 जनवरी (आईएएनएस)| अमेरिकी प्रशासन ने वाशिंगटन में रूसी दूतावास के बाहर की सड़क के नाम में परिवर्तन कर इसे रूस के उस विपक्षी नेता के नाम पर रखने का फैसला किया है जिसकी हत्या कर दी गई थी। रूस ने इसकी कड़ी आलोचना की है और एक रूसी नेता ने इसे ‘गंदी चाल’ करार दिया है। ‘बीबीसी’ की रिपोर्ट के अनुसार, वाशिंगटन डीसी नगर परिषद ने रूसी दूतावास परिसर के बाहर की सड़क के नाम को रूसी नेता बोरिस नेम्तसोव के नाम पर रखे जाने के पक्ष में मत दिया। नेम्तसोव की क्रेमलिन के बाहर 2015 में हत्या कर दी गई थी।
नगर परिषद ने एक बयान में कहा है कि यह फैसला ‘मारे गए लोकतंत्रिक कार्यकर्ता’ के सम्मान में सर्वसम्मति से लिया गया।
वाशिंगटन परिषद के बयान के अनुसार, यह निर्णय ‘विशेष रूप से रूसी दूतावास के सामने विस्कॉन्सिन एवेन्यू के हिस्से’ को लक्षित करता है।
रूस की समाचार एजेंसी ‘इंटरफैक्स’ ने राष्ट्रवादी एलडीपीआर पार्टी के नेता व्लादिमीर झिरिनोव्सकी के हवाले से कहा कि ‘अमेरिकी अधिकारी विशेष रूप से रूसी दूतावास के बाहर गंदी चाल चलना चाहते हैं।’
कम्युनिस्ट पार्टी के नेता दिमित्रि नोविकोव ने कहा, अमेरिकी अधिकारी रूस के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप के अपने खेल में लंबे समय से लगे हैं।
राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के मुखर आलोचल नेम्तसोव की मास्को में एक रेस्तंरा से घर जाते वक्त फरवरी 2015 में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।
‘बीबीसी’ के अनुसार, नेम्तसोव की जिस जगह हत्या हुई थी, वहां बनाए गए एक छोटे से स्मारक को सड़क सफाई कर्मियों ने आधी रात में ध्वस्त कर दिया था।
नेम्तसोव की बेटी झैना ने दिसंबर के शुरुआत में सड़क का नाम बदलने के आग्रह के साथ वॉशिंगटन डीसी की यात्रा की थी।
उन्होंने कहा था, वर्तमान रूसी सरकार मेरे पिता की स्मृति को मिटाना चाहती है क्योंकि वह मानती है, और सही मानती है, कि यह प्रतीक महत्वपूर्ण हैं और वे संभावित रूप से परिवर्तन को प्रेरित कर सकते हैं।
उन्होंने कहा था कि उनके पिता खुले विचारों वाले देशभक्त थे जिन्हें याद किया जाना चाहिए।
‘बीबीसी’ ने झैना के हवाले से बताया, रूस के अधिकारियों के अप्रत्याशित विरोध के कारण अभी हम रूस में यह नहीं कर सकते हैं लेकिन अमेरिका में यह संभव है। यहां उनकी यादों को नष्ट करना बहुत मुश्किल होगा।
अन्तर्राष्ट्रीय
नाइजीरिया में पीएम मोदी का भव्य स्वागत, लोगों ने लगाए ‘भारत माता की जय’ और ‘वंदे मातरम’ के नारे
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीन देशों की यात्रा के पहले चरण में रविवार सुबह नाइजीरिया पहुंचे। नाइजीरिया की राजधानी अबुजा में उनका गर्मजोशी से स्वागत किया गया। अबुजा हवाई अड्डे पर बड़ी तादाद में भारतीय समुदाय के लोग पीएम मोदी का स्वागत करने के लिए पहुंचे थे। लोगों ने इस मौके पर ‘भारत माता की जय’ और ‘वंदे मातरम’ के नारा लगाए।
बता दें कि 17 सालों में इस पश्चिमी अफ्रीकी देश में यह किसी भारतीय प्रधानमंत्री का पहला दौरा है। पीएम मोदी के अबुजा पहुंचने पर संघीय राजधानी क्षेत्र के मंत्री न्येसोम एजेनवो वाइक ने उनका जोरदार स्वागत किया। साथ ही प्रतीकात्मक रूप से अबुजा के शहर की चाभी भेंट की।
पीएम नरेंद्र मोदी ने भी राष्ट्रपति टीनूबू के उस पोस्ट का जवाब दिया जिसमें लिखा था, ‘मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नाइजीरिया की पहली यात्रा पर उनका स्वागत करने के लिए उत्सुक हूं, जो 2007 के बाद से किसी भारतीय प्रधान मंत्री की हमारे प्रिय देश की पहली यात्रा भी है। हमारी द्विपक्षीय चर्चाओं में दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी का विस्तार करने और महत्वपूर्ण क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने का प्रयास किया जाएगा। पीएम मोदी नाइजीरिया में आपका स्वागत है। उन्होंने सोशल मीडिया मंच एक्स पर कुछ तस्वीरें साझा करते हुए पोस्ट में लिखा, ‘धन्यवाद, राष्ट्रपति टीनूबू। कुछ समय पहले नाइजीरिया में लैंड किया। गर्मजोशी से स्वागत के लिए आभारी हूं। यह यात्रा हमारे देशों के बीच द्विपक्षीय मित्रता को और गहरा करेगी।’
रक्षा क्षेत्र में भारत के साथ व्यापार करना चाहता है नाइजीरिया
पीएम मोदी के इस यात्रा के दौरान के भारत और नाइजीरिया के बीच स्थापित रणनीतिक साझेदारी को आगे बढ़ाने की कोशिश की जाएगी। रक्षा क्षेत्र को लेकर भी दोनों देशों के बीच विस्तृत चर्चा होने की उम्मीद है। नाइजीरिया छोटे हथियारों, गोला-बारूद और बख्तरबंद वाहनों जैसे क्षेत्रों में साझेदारी के लिए भारत की तरफ काफी उत्सुक है।
आर्थिक दृष्टिकोण से सबसे संपन्न अफ्रीकी देशों में से एक नाइजीरिया और भारत के मधुर रिश्तों में आने वाले दिनों में गर्माहट और तेज होने के आसार है। खासतौर पर दोनों देशों के बीच आर्थिक व सैन्य सहयोग के नए युग की शुरुआत होने के संकेत है।
इन देशों की यात्रा पर रहेंगे पीएम मोदी
बता दें कि पीएम मोदी की पश्चिमी अफ्रीकी क्षेत्र की यह पहली यात्रा है। इसके अलावा वह ब्राजील और गुयाना की यात्रा पर रहेंगे। नाइजीरिया के बाद प्रधानमंत्री ब्राजील के लिए रवाना होंगे। दरअसल, पीएम मोदी ब्राजील में ट्रोइका सदस्य के तौर पर 19वें जी20 शिखर सम्मेलन में शामिल होंगे। फिर पीएम मोदी 18 और 19 नवंबर को रियो डी जेनेरियो में होने वाले शिखर सम्मेलन में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के साथ भाग लेंगे। बताते चलें कि ब्राजील और दक्षित अफ्रीका के साथ भारत भी जी20 ट्रोइका का हिस्सा है।
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