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बिजनेस

स्पाइसजेट के नए प्रमोटर बनें अजय

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किफायती विमानन कंपनी स्पाइसजेट की बागड़ोर अजय सिंह को सौंप दी गई है। यह जानकारी कंपनी की ओर से मंगलवार को जाहिर की गई है।

इससे पहले स्पाइसजेट का स्वामित्व कलानिधि मारन और उनके काल एयरवेज के पास था।

कंपनी ने बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) में दर्ज कराई गई सूचना के मुताबिक, सोमवार से कलानिधि मारन और उनके काल एयरवेज की शेयरधारिता अजय सिंह को हस्तांतरित कर दी गई है।

परिणामस्वरूप, अजय सिंह स्पाइसजेट के नए प्रमोटर बन गए हैं।

इससे पहले, भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) ने सिंह द्वारा इस प्रस्तावित हस्तांतरण को मंजूरी दी थी। सिंह को अब कंपनी के निदेशक मंडल में शामिल होने के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय से मंजूरी लेनी होगी।

सिंह द्वारा स्पाइसजेट की कमान अपने हाथ में लेने के बाद नकदी संकट से जूझ रही एयरलाइंस में निवेश का रास्ता साफ हो गया है।

कंपनी की रिवाइवल योजना के तहत इस हस्तांतरण के पूरा हो जाने के बाद स्पाइसजेट में नया निवेश किया जा सकेगा। अप्रैल तक स्पाइसजेट में 1,500 करोड़ रुपये का निवेश पूरा होने की उम्मीद है।

15 जनवरी को स्पाइसजेट के निदेशक मंडल ने नियामक मंजूरियों के बाद मारन और उनकी काल एयरवेज द्वारा कंपनी में अपनी हिस्सेदारी अजय सिंह को बेचने की योजना मंजूर कर ली थी।

स्पाइसजेट में मारन के पास काल एयरवेज सहित कुल 58.4 प्रतिशत की हिस्सेदारी थी, जबकि सिंह के पास 4.5 प्रतिशत हिस्सेदारी ही थी। मारन ने 750 करोड़ रुपये में स्पाइसजेट का अधिग्रहण किया था।

गौरतलब है कि दिसंबर 2014 में मारन ने यह स्पष्ट कर दिया था कि स्पाइसजेट के लिए कोई नया बेलआउट पैकेज जारी नहीं किया जा सकेगा। क्योंकि 2010 से लेकर अब तक कंपनी में लगभग 40.0 करोड़ डॉलर यानी 2,500 करोड़ रुपये का निवेश किया जा चुका है।

गौरतलब है कि स्पाइसजेट के साथ अजय सिंह की यह दूसरी पारी है। सिंह ने 2005 में भूपेंद्र कनसगरा के साथ मिल कर स्पाइसजेट की स्थापना की थी। हालांकि, 2010 में उन्होंने कनसगरा के साथ ही अपनी हिस्सेदारी विल्बर रॉस को बेच दी थी और उसके बाद विल्बर ने सन समूह के मालिक मारन को स्पाइसजेट बेच दी थी।

सिक्युरिटीज के जरिए स्पाइसजेट की 1,500 करोड़ रुपये तक की पूंजी जुटाने की योजना भी है।

यह जानकारी उपलब्ध कराने के बाद बीएसई में कंपनी का शेयर दोपहर 1.30 बजे 24.50 रुपये प्रति शेयर की दर से 2.80 प्रतिशत के तक चढ़ गया, जबकि सोमवार को स्पाइसजेट का शेयर 24 रुपये के भाव के साथ बंद हुआ था।

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बिजनेस

जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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