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काशी से पूरे विश्व में जा रहा विकास का संदेश : अमित शाह

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वाराणसी, 20 जनवरी (आईएएनएस/आईपीएन)। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि बाबा विश्वनाथ की नगरी पूरे देश को ऊर्जा देती है। काशी से पूरे विश्व में विकास का संदेश जा रहा है। काशी विद्यापीठ में आयोजित ‘युवा उद्घोष’ कार्यक्रम में उन्होंने 17 हजार युवाओं को पार्टी से जोड़ते हुए कहा, गर्व करें कि आप दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी से जुड़ गए हैं। ऐसी पार्टी, जिसके सर्वाधिक 11 करोड़ कार्यकर्ता हैं, देश के 19 राज्यों में सरकार है, 80 फीसद भूभाग पर पार्टी सेवा कर रही है। आज आप इस नए भारत के निर्माण के संकल्प के साथ जुड़ रहे।

उन्होंने कहा कि काशी से शुरू हो रहा ये युवा उद्घोष पूरे देश को संदेश देगा। बाबा विश्वनाथ की नगरी पूरे देश को ऊर्जा देती है।

शाह ने कहा कि भाजपा सरकारें विकास के पथ पर चल रही हैं। उन्होंने कहा कि 2 हजार 900 करोड़ रुपये के काम प्रधानमंत्री मोदी के सांसद बनने के बाद वाराणसी में शुरू किए गए हैं। बाबा विश्वनाथ की नगरी संसार का सबसे पुराना नगर है। यहां से विकास का संदेश पूरे विश्व में जा रहा है।

उन्होंने कहा, हमारी सरकार ने 9.50 करोड़ युवाओं को बिना गारंटी के मुद्रा लोन दिए हैं। तीन तलाक पर मुस्लिम महिलाओं को हक दिलाने का काम मोदी सरकार ने किया।

योगी सरकार की तारीफ करते हुए शाह ने कहा कि एक साल में मुख्यमंत्री योगी के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश में बहुत परिवर्तन आया है। अब किसानों को बिचौलियों से मुक्ति मिल रही है और उनका पैसा सीधा उनके बैंक खातों में जा रहा है।

उन्होंने कहा कि ये सरकार विकास के पथ पर चल रही है। इसी गति के काम होने के कारण अगले विधानसभा चुनाव तक यूपी विकसित राज्य बन जाएगा और विकास के मामले में देश में टॉप पर होगा।

वहीं योगी ने कहा, चुनाव से पहले हमने लोक कल्याण संकल्प पत्र जारी किया था। वे काम अब पूरे हो रहे हैं। प्रदेश विकास की ओर अग्रसर है। यूपी सरकार इसी वर्ष युवाओं के लिए ढेरों नौकरी ला रही है। पिछले तीन सालों में मोदी जी के नेतृत्व में भारत की प्रतिष्ठा बढ़ी है।

कार्यक्रम में पहुंचने से पहले अमित शाह को हालांकि वाराणसी शहर में जगह-जगह कांग्रेसियों के विरोध प्रदर्शन का सामना करना पड़ा। उनके खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई। इस दौरान कई कांग्रेस नेताओं को हिरासत में ले लिया गया।

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नेशनल

कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने मुस्लिम आरक्षण को लेकर कही बड़ी बात

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कर्नाटक। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने उन मीडिया रिपोर्टों को खारिज कर दिया जिनमें दावा किया गया था कि राज्य सरकार नौकरियों में मुस्लिम आरक्षण के प्रस्ताव पर विचार कर रही है। उन्होंने रिपोर्टों को एक और नया झूठ बताया। मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) ने एक बयान में स्पष्ट किया कि आरक्षण की मांग की गई है लेकिन इस संबंध में सरकार के समक्ष ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं है। यह स्पष्टीकरण कर्नाटक में मुसलमानों के लिए आरक्षण के मुद्दे पर चल रहे विवाद के बीच आया है।

मुख्यमंत्री कार्यालय ने जारी किया बयान

मुख्यमंत्री कार्यालय ने एक बयान में कहा, ‘कुछ मीडिया में रिपोर्ट प्रकाशित हुई है कि नौकरियों में मुसलमानों को आरक्षण देने का प्रस्ताव सरकार के समक्ष है। इसमें कहा गया है कि मुस्लिम आरक्षण की मांग की गई है, हालांकि, यह स्पष्ट किया गया है कि इस संबंध में सरकार के समक्ष कोई प्रस्ताव नहीं है।’

4% कोटा, जो श्रेणी-2बी के अंतर्गत आता, सार्वजनिक निर्माण अनुबंधों के लिए समग्र आरक्षण को 47% तक बढ़ा देता। कर्नाटक का वर्तमान आवंटन विशिष्ट सामाजिक समूहों के लिए सरकारी ठेकों का 43% आरक्षित रखता है: एससी/एसटी ठेकेदारों के लिए 24%, श्रेणी-1 ओबीसी के लिए 4%, और श्रेणी-2ए ओबीसी के लिए 15% है।

राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता आर अशोक ने कहा कि सिद्धारमैया के राजनीतिक सचिव, नसीर अहमद, आवास और वक्फ मंत्री बीजे ज़मीर अहमद खान और अन्य मुस्लिम विधायकों के साथ, 24 अगस्त को एक पत्र प्रस्तुत किया था, जिसमें अनुबंधों में मुसलमानों के लिए 4% आरक्षण का अनुरोध किया गया था। उन्होंने आगे कहा कि सिद्धारमैया ने वित्त विभाग को उसी दिन प्रस्ताव की समीक्षा करने का निर्देश दिया था, कथित तौर पर उन्होंने इस मामले से संबंधित कर्नाटक सार्वजनिक खरीद पारदर्शिता (केटीपीपी) अधिनियम में संशोधन का भी समर्थन किया था।

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