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नेशनल

बवाना आग हादसा : पुलिस ने गोदाम मालिक को गिरफ्तार

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नई दिल्ली, 21 जनवरी (आईएएनएस)| दिल्ली पुलिस ने बवाना में स्थित उस प्लास्टिक गोदाम के मालिक को गिरफ्तार कर लिया है, जिसमें शनिवार को लगी आग में 17 लोग मारे गए थे। पुलिस उपायुक्त रजनीश गुप्ता ने कहा कि पुलिस ने शनिवार रात को मनोज जैन के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की और थोड़ी देर पूछताछ करने के बाद उसे गिरफ्तार कर लिया।

अधिकारी ने कहा, हमने जैन को गिरफ्तार कर लिया है क्योंकि वह और ललित गोयल नामक एक अन्य व्यक्ति इस गोदाम के मलिक हैं।

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने रविवार को आग लगने की घटना की विस्तृत जांच के आदेश दिए और मृतकों के परिजनों को 5-5 लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की।

अधिकारियों ने बताया कि शनिवार को पश्चिम दिल्ली के बवाना में एक प्लास्टिक के गोदाम में आग लगने से 10 महिलाओं समेत 17 लोगों की मौत हो गई और 30 अन्य घायल हो गए ।

मुख्यमंत्री ने कहा कि मामले की पूरी तरह जांच होगी कि लाइसेंस कैसे दिया गया, किसने लाइसेंस दिया और यह घटना कैसे घटी।

उत्तर दिल्ली नगर निगम की मेयर प्रीती अग्रवाल के अलावार केंद्रीय मंत्री हर्षवर्धन, भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेता मनोज तिवारी और दिल्ली विधानसभा में विपक्ष के नेता विजेंद्र गुप्ता भी मौके पर पहुंचे।

मनोज तिवारी ने भी घटना में मारे गए लोगों के परिजनों को 50,000 रुपए की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की।

डीसीपी गुप्ता ने कहा कि बावाना औद्योगिक क्षेत्र में आग लगने की खबर नियंत्रण कक्ष को शाम करीब 6.20 बजे मिली जिसके बाद दमकल की 10 गाड़ियों को मौके पर भेजा गया। तीन घंटे के बाद आग पर काबू पा लिया गया।

गुप्ता के अनुसार गोदाम में पटाखे रखे थे और गोदाम से बाहर निकलने का केवल एक ही रास्ता था जिसके कारण इस घटना में बड़ी संख्या में लोग मारे गए।

पुलिस अधिकारी ने कहा कि जब आग बेसमेंट से ऊपरी मंजिलों की ओर बढ़ी तो पीड़ित बेसमेंट, पहली और दूसरी मंजिलों में फंस गए।

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नेशनल

साइबर ठगों ने किया डिजिटल अरेस्ट खाते से उड़ाए 10 करोड़ रुपये, दिल्ली के रोहिणी इलाके का मामला

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नई दिल्ली। दिल्ली के रोहिणी इलाके में 70 साल के रिटायर्ड इंजीनियर से साइबर ठगों ने डिजिटल अरेस्ट कर 10 करोड़ और 30 लाख रुपये अपने अकाउंट्स में ट्रांसफर करा लिए। बुजुर्ग की शिकायत पर दिल्ली पुलिस की साइबर सेल ने मुकदमा दर्ज कर लिया है और 60 लाख रुपये की रकम को बैंक में फ्रीज करा दिया है।

पुलिस ने क्या बताया?

पुलिस ने रिटायर्ड इंजीनियर को डिजिटल अरेस्ट कर के 10 करोड़ रुपये की ठगी के मामले में जानकारी दी है। पुलिस के मुताबिक, पीड़ित रिटायर्ड इंजीनियर अपनी पत्नी के साथ में रोहिणी के सेक्टर 10 इलाके में रहते हैं। पुलिस ने रिटायर्ड इंजीनियर की शिकायत के आधार पर साइबर सेल में प्राथमिकी दर्ज कर लिया है।

60 लाख रुपये फ्रीज

दिल्ली पुलिस ने बताया है कि रोहिणी में हुए डिजिटल अरेस्ट यानी धन उगाही के लिए ऑनलाइन डराने-धमकाने के मामले में उन्हें 60 लाख रुपये फ्रीज करने में कामयाबी मिली है। एक पुलिस अधिकारी ने आशंका जताई है कि ये ठगी विदेश से कॉल करने वालों की ओर से अंजाम दी गई थी। लेकिन भारत में ठगों के सहयोगियों ने उन्हें लक्ष्य के बारे में जानकारी इकट्ठा करने में मदद की है।

क्या है मामला ?

आरोप है कि ठगों ने बुजुर्ग को धमकाया और कहा कि तुम्हारे नाम पर ताइवान से एक पार्सल आया है, जिसके अंदर कई तरह की प्रतिबंधित किस्म की दवाइयां मिली है। इस वजह से तुम्हारे खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाएगा और तुम्हें गिरफ्तार किया जाएगा। यह बात सुनकर बुजुर्ग घबरा गए।

आरोप है कि इसके बाद साइबर ठगों ने बुजुर्ग से कहा कि अगर तुम गिरफ्तारी से बचना चाहते हो तो सबसे पहले खुद को एक कमरे में बंद कर लो और अपने मोबाइल और लैपटॉप का कैमरा ऑन कर कर लो और जब तक तुम कैमरे के सामने रहोगे, तब तक तुम्हें गिरफ्तारी से बचाने की कोशिश की जाएगी। वरना, तुम्हारे परिवार के लोगों को भी अरेस्ट कर लिया जाएगा। बुजुर्ग ने साइबर ठगों की बात मान ली और वह करीब आठ घंटे तक कमरे में ही बैठे रहे।

 

 

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