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अन्तर्राष्ट्रीय

अमेरिका को द्वि-राष्ट्रीय समाधान पर विश्वास बहाली की जरूरत : जोर्डन

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अम्मान, 22 जनवरी (आईएएनएस)| जोर्डन के शाह अब्दुल्ला द्वितीय ने कहा कि अमेरिका को द्वि-राष्ट्रीय समाधान हासिल करने के लिए विश्वास को दोबारा हासिल की जरूरत है।

समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, शाह ने रविवार को जोर्डन के दौरे पर आए अमेरिकी उप राष्ट्रपति माइक पेंस के साथ एक बैठक के दौरान यह टिप्पणी की। इस दौरान अमेरिकी अधिकारी ने कहा कि अगर इजरायल व फिलिस्तीन, दोनों इस पर सहमत होते हैं तो उनका देश द्वि-राष्ट्रीय समाधान के प्रति प्रतिबद्ध है।

शाह ने कहा कि फिलीस्तीनी-इजरायल संघर्ष इस क्षेत्र में अस्थिरता का एक बड़ा कारण है। उन्होंने बार-बार जेरूसलम पर अपनी गहन चिंता को दोहराया और प्रत्यक्ष वार्ता से हल निकालने पर जोर दिया।

उन्होंने कहा कि जेरूसलम मुसलमानों, ईसाइयों और यहूदियों के लिए पवित्रस्थल है। उन्होंने अमेरिका द्वारा इन कठिन परिस्थितियों में आगे बढ़ने के लिए सही रास्ता खोज लेने की उम्मीद जताई।

पेंस ने कहा कि उन्हें अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने जॉर्डन का दौरा कर कई मुद्दों पर चर्चा करने के लिए कहा, जो इस क्षेत्र और दोनों देशों के लिए चिंता का विषय है।

पेंस ने इस्लामिक स्टेट (आईएस) सहित विभिन्न आतंकवादी समूह से लड़ने में जोर्डन की भूमिका और साहस की प्रशंसा की और कहा कि उनका देश सीरिया पर समन्वय और आईएस को उखाड़ फेंकने के लिए जोर्डन के साथ काम करना जारी रखेगा।

जेरूसलम को इजरायल की राजधानी के रूप में मान्यता देने के ट्रंप के फैसले का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति पवित्र स्थलों के संरक्षक के रूप में जोर्डन की भूमिका का सम्मान करते हैं।

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अन्तर्राष्ट्रीय

बांग्लादेश में चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी पर भारत ने जताई नाराजगी, कही ये बात

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नई दिल्ली। मंगलवार को बांग्लादेश के हिंदू संगठन सनातनी जागरण जोत के प्रवक्ता चिन्मय कृष्ण दास प्रभु को गिरफ्तार कर लिया गया। बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों द्वारा चिन्मय कृष्ण दास के नेतृत्व में ही आंदोलन किया जा रहा है। बाद में अदालत ने भी चिन्मय कृष्ण दास की जमानत अर्जी खारिज कर उन्हें जेल भेज दिया। भारत सरकार के विदेश मंत्रालय ने भी इस पर नाराजगी जाहिर की।

विदेश मंत्रालय ने बयान में कहा कि हिंदुओं पर हमला करने वाले बेखौफ घूम रहे हैं, जबकि हिंदुओं के लिए सुरक्षा का अधिकार मांगने वाले हिंदू नेताओं को जेल में ठूंसा जा रहा है। वहीं बांग्लादेश सरकार ने विदेश मंत्रालय के बयान पर नाराजगी जाहिर की है और कहा है कि यह उनका आंतरिक मामला है और भारत के टिप्पणी करने से दोनों देशों के रिश्तों में खटास आ सकती है।

चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी के बाद बांग्लादेश में बड़े पैमाने पर विरोध-प्रदर्शन शुरू हो गए। इस प्रदर्शन को रोकने के लिए बड़े पैमाने पर आंसू गैस के गोले दागे गए और लाठीचार्ज भी किया गया, जिसमें 50 से अधिक लोग घायल हो गए। गंभीर रूप से घायलों को अस्पताल में भर्ती करवाया गया है।

चंदन कुमार धर प्रकाश चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी, जिन्हें चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी के नाम से भी जाना जाता है। दरअसल, चिन्मय कृष्ण दास बांग्लादेश के चटगांव स्थित इस्कॉन पुंडरीक धाम के प्रमुख भी हैं। चिन्मय कृष्ण दास को बीते सोमवार को शाम 4:30 बजे हजरत शाहजलाल इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर ढाका मेट्रोपॉलिटन पुलिस की डिटेक्टिव ब्रांच (डीबी) द्वारा हिरासत में लिया गया था।

मंगलवार को उन्हें कड़ी सुरक्षा के बीच चटगांव के छठे मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट काजी शरीफुल इस्लाम के समक्ष पेश किया गया। हालांकि, उनकी जमानत याचिका को खारिज कर दिया गया और उन्हें जेल भेज दिया गया। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, उन पर देशद्रोह का आरोप लगा है।

 

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