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खेल-कूद

कुश्ती की 2 दिग्गजो को हराकर पूजा ढांडा सुर्खियों में

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नई दिल्ली, 23 जनवरी (आईएएनएस)| खेलों में उलटफेर एकबार होता है, लेकिन जो बार-बार होता है उसे काबिलियत कहते हैं। पूजा ढांडा इस समय प्रो रेसलिंग लीग (पीडब्ल्यूएल) के तीसरे सीजन के साथ-साथ पूरी दुनिया में अपनी काबिलियत की वजह से चर्चा का विषय बनी हुई हैं। जब पूजा ने ओलम्पिक और विश्व विजेता हेलेन मारोलिस को हराया था तब सबने उसे एक बड़ा उलटफेर माना था, लेकिन अब उन्होंने विश्व चैम्पियनशिप में रजत पदक जीतने वाली ओडुनायो को हराकर अपनी ताकत का परिचय एकबार फिर दिया है।

पंजाब रॉयल्स की ओर से खेल रहीं पूजा ने मुम्बई महारथी की ओडुनायो को चित-पट के आधार पर हराकर एक हफ्ते में दूसरा बड़ा उलटफेर किया। इन दोनों दिग्गजों के खिलाफ पूजा एक खास रणनीति के साथ खेलती नजर आईं। हेलेन के खिलाफ पूजा मुकाबले में पिछड़ रही थीं, लेकिन आखिरी लम्हों में उन्होंने बाजी पलट दी। यही पूजा ने ओडुनायो के खिलाफ भी किया और सवा चार मिनट के खेल में पिछड़ने के बाद नाइजीरियन रेसलर को चित कर दिया।

ओडुनायो पर पूजा की यह जीत बेहद खास है और वो इसकी वजह अपनी तैयारियों को बताती हैं। मैच के बाद जब पूजा से उनकी इस जीत की असल वजह पूछी गई तब उन्होंने कहा कि उन्हें पता है क्या करना है।

उन्होंने कहा, मैंने तैयारी अपने हिसाब से की थी। मुझे ओडुनायो को थकाना था और फिर जोर लगाना था।

बता दें कि इस मुकाबले में करीब सवा चार मिनट तक के खेल में पूजा ,ओडुनायो के खिलाफ 0-2 से पिछड़ रही थीं, लेकिन इसके बाद पूजा ने ओडुनायो को जकड़कर चित कर दिया।

पूजा ने हरियाणा की ओलम्पिक और विश्व चैम्पियन हेलेन मारोलिस को हराकर एक बड़ी जीत हासिल की थी। इस जीत ने भारतीय महिला कुश्ती के नाम एक सुनहरा अध्याय जोड़ दिया था। पूजा की उस जीत को भारतीय महिला कुश्ती के अध्याय में सबसे बड़ी जीत के रूप में देखा जाने लगा।

बता दें कि उन्होंने अब तक खेले अपने पांच मुकाबलों में से तीन जीते हैं जबकि महज एक में उन्हें हार का सामना करना पड़ा है और एक मैच में उन्हें ब्लॉक किया गया था। उन्होंने हरियाणा हैमर्स की आइकॉन स्टार हेलेन मारोलिस और मुम्बई की ओडुनायो को हराने के अलावा दिल्ली सुल्तान की संगीता फोगट को भी हराया है। वहीं उन्हें अब तक लीग में वीर मराठा की मारवा आमरी के खिलाफ ही शिकस्त झेलनी पड़ी है।

पूजा ने बताया कि उन्होंने अपने स्पोर्ट्स करियर की शुरुआत एक जूडो खिलाड़ी के रूप में की थी। 2010 के यूथ ओलम्पिक के रेसलिंग इवेंट में सिल्वर मेडल जीतने वाली पूजा 2009 में एक जूडो खिलाड़ी के तौर पर यूथ एशियन चैम्पियनशिप में एक गोल्ड सहित तीन अंतर्राष्ट्रीय पदक जीत चुकी थीं। हालांकि इसके बाद पूर्व रेसलर और कोच कृपाशंकर विश्नोई ने पूजा को रेसलिंग में आने की सलाह दी। कृपाशंकर ने कहा कि पूजा की बॉडी शेप को ध्यान में रखकर मैंने उसके माता-पिता को जूडो से हटाकर कुश्ती में लाने की सलाह दी थी।

पूजा अपनी सफलता के पीछे अपने पिता को सारा श्रेय देती हैं। वो कहती हैं अगर मेरे पापा ना होते तो आज मैं यहां ना होती। मेरे पापा ने मुझे पूरा सपोर्ट किया। आज भी मैं जहां भी जाती हूं वो मेरे साथ होते हैं। कैम्प में मेरे से ज्यादा मेरे पापा सबको दिख जाते हैं। पूजा ने अपने करियर की शुरुआत सुभाष चंद्र सोनी की कोचिंग में की जिन्होंने उनकी फुट मुवमेंट पर बहुत काम किया। 24 साल की पूजा का जन्म हिसार के एक छोटे से गांव गुडाना में हुआ था। परिवार में माता-पिता के अलावा भैया और भाभी हैं।

पूजा जब यूथ ओलम्पिक में रजत पदक जीतकर आई थीं तब सरकार ने उन्हें 12 साल का ईनाम देने का फैसला किया था। पूजा उस पल को याद करते हुए मुस्कुरा कर कहती हैं कि ईनामी रकम को उनकी मां ने सबसे पहले उन्हें टेबल पर एकसाथ फैलाकर देखा था कि वो एकसाथ दिखते कैसे हैं।

पूजा ढांडा बताती हैं कि उन्हें आमिर खान की सुपरहिट फिल्म दंगल में बबीता के रोल का ऑफर हुआ था लेकिन चोट की वजह से वो उस ऑफर को नहीं ले सकीं। पूजा के मुताबिक वो उन दिनों अपने घुटने की चोट की वजह से काफी परेशान थीं। ऐसे में उनके लिए किसी फिल्म में काम कर पाना मुश्किल था। उन्होंने कई महीनों तक रिहैबिटेशन में भाग लिया। जुलाई 2015 में उन्हें अपने घुटने की सर्जरी करानी पड़ी थी। ये सिलसिला पिछले साल के आखिर तक चला।

यूं तो पूजा ढांडा का नाम कई सफलताएं हैं लेकिन हाल ही में हुए कॉमनवेल्थ गेम्स 2018 के ट्रायल में उन्होंने स्टार रेसलर गीता फोगट को हराकर खासी सुर्खियां बटोरी थीं। 2017 की राष्ट्रीय चैम्पियनशिप में पूजा स्वर्ण पदक जीतने से पहले 2013 में भी राष्ट्रीय चैम्पियन रही हैं।

देश के सबसे सफल पहलवान और डबल ओलम्पिक पदकधारी सुशील कुमार और योगेश्वर दत्त को पूजा अपना रोल मॉडल मानती हैं। फिलहाल वो अपनी टीम पंजाब रॉयल्स के लिए एक खिताब जीतना चाहती हैं। पंजाब की टीम प्रो रेसलिंग लीग की मौजूदा चैम्पियन है।

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खेल-कूद

IND VS AUS: पर्थ में टूटा ऑस्ट्रेलिया का घमंड, भारत ने 295 रनों से दी मात

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पर्थ। भारतीय क्रिकेट टीम ने बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के पहले टेस्ट मैच में मेजबान ऑस्ट्रेलिया को धूल चटाते हुए नया कीर्तिमान रच दिया है। टीम इंडिया ने पर्थ में 16 साल बाद पहला टेस्ट मैच जीता है। इससे पहले भारत ने साल 2008 में कुंबले की कप्तानी में ऑस्ट्रेलिया को हराया था। हालांकि यह मैच पर्थ के ऑप्टस स्टेडियम में खेला गया। पहली पारी में 150 रन बनाने वाली टीम इंडिया ने ऑस्ट्रेलिया को पहली पारी में सिर्फ 104 रनों पर ढेर कर दिया था। इसके बाद टीम इंडिया ने अपनी दूसरी पारी 487/6 रन के स्कोर पर घोषित करते हुए ऑस्ट्रेलिया के सामने 534 रनों का विशाल लक्ष्य रखा।

इस पहाड़ जैसे लक्ष्य का पीछा करते हुए ऑस्ट्रेलिया की टीम दूसरी पारी में सिर्फ 238 रनों के स्कोर पर ढेर हो गई। इस तरह टीम इंडिया ने ऑस्ट्रेलिया को उसी के घर में 295 रनों से हराकर बड़ा इतिहास रच दिया। ध्यान देने वाली बात यह है कि टीम इंडिया में न तो रोहित शर्मा थे, न ही शुभमन गिल, न ही रवींद्र जडेजा और रविचंद्रन अश्विन और न ही मोहम्मद शमी थे। इसके बावजूद टीम इंडिया ने ऐतिहासिक जीत दर्ज की।

पर्थ टेस्ट की दूसरी पारी में यशस्वी जायसवाल ने 161 रन और विराट कोहली ने नाबाद शतकीय पारी खेली। दूसरी पारी में केेल राहुल ने भी 77 रनों की अहम पारी खेली। पहली पारी में टीम इंडिया 150 रनों पर सिमट गई थी पर भारतीय गेंदबाजों ने कमाल का कमबैक करते हुए पूरी ऑस्ट्रेलिया टीम को घुटनों पर ला दिया। ऑस्ट्रेलिया पहली पारी में 104 रन ही बना पाई। दूसरी पारी में टीम इंडिया ने कमाल का कमबैक करते हुए ऑस्ट्रेलिया के सामने 6 विकेट के नुकसान पर 487 रन बनाकर पारी घोषित कर दी। जिससे ऑस्ट्रेलिया को 534 रनो का टारगेट मिला। लेकिन चौथे दिन भारत ने ऑस्ट्रेलिया को 295 रनों से हरा दिया।

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