मनोरंजन
खाना बनाने के शौकीन थे जयशंकर प्रसाद (जन्मदिन : 30 जनवरी)
नई दिल्ली, 29 जनवरी (आईएएनएस)| हिंदी के प्रख्यात कवि, नाटककार, कहानीकार, निबंधकार और उपन्यासकार के रूप में पहचान बनाने वाले जयशंकर प्रसाद हिंदी के छायावादी युग के चार स्तंभों में से एक थे। उन्होंने हिंदी काव्य में छायावाद की स्थापना की, जिसके द्वारा खड़ी बोली के काव्य में कमनीय माधुर्य की रसधारा प्रवाहित हुई। इसका प्रभाव यह हुआ कि खड़ीबोली काव्य की निर्विवाद सिद्धभाषा बन गई। प्रसाद जी का जन्म 30 जनवरी, 1889 को काशी के सरायगोवर्धन में हुआ था। इनके पिता बाबू देवीप्रसाद, जो कलाकारों का आदर करने के लिए विख्यात थे। इनका काशी में बहुत सम्मान था और वहां की जनता काशी नरेश के बाद ‘हर-हर महादेव’ से देवीप्रसाद का स्वागत करती थी। जब जयशंकर प्रसाद 17 साल के थे, तभी इनके बड़े भाई और मां का देहावसान होने के कारण इन पर आपदाओं का पहाड़ टूट पड़ा।
प्रसाद जी ने काशी के क्वींस कॉलेज से शिक्षा प्राप्त की, लेकिन कुछ समय बाद इन्होंने घर पर ही शिक्षा लेनी शुरू की और संस्कृत, उर्दू, हिंदी और फारसी का अध्ययन किया। इनके संस्कृत के अध्यापक प्रसिद्ध विद्वान दीनबंधु ब्रह्मचारी थे। इनके गुरुओं में ‘रसमय सिद्ध’ की भी चर्चा की जाती है।
घर के माहौल के कारण इनकी साहित्य और कला में बचपन से ही रुचि थी। बताया जाता है कि जब प्रसाद नौ वर्ष के थे, तभी उन्होंने ‘कलाधर’ नाम से एक सवैया लिखकर साबित कर दिया था कि वह प्रतिभावान हैं। उन्होंने वेद, इतिहास, पुराण और साहित्य शास्त्र का गंभीर अध्ययन किया रखा था। प्रसाद को बाग-बगीचे को हराभरा रखने, खाना बनाने में काफी रुचि थी और वह शतरंज के अच्छे खिलाड़ी भी थे।
प्रसाद नागरी प्रचारिणी सभा के उपाध्यक्ष रहे। वह एक युगप्रवर्तक लेखक थे, जिन्होंने एक ही साथ कविता, नाटक, कहानी और उपन्यास के क्षेत्र में हिंदी को गौरवान्वित होने योग्य कृतियां दी हैं। कवि के रूप में प्रसाद महादेवी वर्मा, पंत और निराला के साथ छायावाद के प्रमुख स्तंभ के रूप में प्रसिद्ध हुए। नाटक लेखन में वह भारतेंदु के बाद एक अलग धारा बहाने वाले युगप्रवर्तक नाटककार रहे। उनके नाटक को पढ़ना लोग आज भी पसंद करते हैं।
प्रसाद जी के जीवनकाल में काशी में कई ऐसे साहित्यकार माजूद थे, जिन्होंने अपनी कृतियों द्वारा हिंदी साहित्य को समृद्ध किया। उनके बीच रहकर प्रसाद ने भी अनन्य साहित्य की सृष्टि की।
प्रसाद ने काव्य-रचना ब्रजभाषा से शुरू की और धीरे-धीरे खड़ी बोली को अपनाते हुए इस भांति अग्रसर हुए कि खड़ी बोली के मूर्धन्य कवियों में उनकी गणना की जाने लगी। प्रसाद की रचनाएं दो वर्गो- ‘काव्यपथ अनुसंधान’ और ‘रससिद्ध’ में विभक्त हैं।
‘आंसू’, ‘लहर’ और ‘कामायनी’ उनकी प्रसिद्ध रचनाएं हैं। 1914 में उनकी सर्वप्रथम छायावादी रचना ‘खोलो द्वार’ पत्रिका इंदु में प्रकाशित हुई। उन्होंने हिंदी में ‘करुणालय’ नाम से गीत-नाट्य की भी रचना की।
प्रसाद ने कथा लेखन भ्ी शुरू किया। वर्ष 1912 में इंदु में उनकी पहली कहानी ‘ग्राम’ प्रकाशित हुई। प्रसाद ने कुल 72 कहानियां लिखी हैं। प्रसाद जी भारत के उन्नत अतीत का जीवित वातावरण प्रस्तुत करने में सिद्धहस्त थे। उनकी श्रेष्ठ कहानियों में से ‘आकाशदीप’, ‘गुंडा’, ‘पुरस्कार’, ‘सालवती’, ‘इंद्रजाल’, ‘बिसात’, ‘छोटा जादूगर’, ‘विरामचिह्न’ प्रमुख हैं।
प्रसाद जी ने ‘कंकाल’, ‘इरावती’ और ‘तितली’ नामक 3 उपन्यास भी लिखे हैं।
प्रसाद ने अपने जीवनकाल में आठ ऐतिहासिक, तीन पौराणिक और दो भावनात्मक नाटक लिखे हैं। उनके नाटकों में देशप्रेम का स्वर अत्यंत दर्शनीय हैं और इन नाटकों में कई अत्यंत सुंदर और प्रसिद्ध गीत मिलते हैं।
प्रसाद ने समय-समय पर ‘इंदु’ पत्रिका में कई विषयों पर सामान्य निबंध लिखे हैं। बाद में उन्होंने ऐतिहासिक निबंध भी लिखे। जयशंकर के लेखन में विचारों की गहराई, भावों की प्रबलता, चिंतन और मनन की गंभीरता मिलती है।
जयशंकर प्रसाद 48 साल की आयु में क्षयरोग से पीड़ित हो गए और 15 नबंवर, 1937 को काशी में ही उनका देहावसान हो गया।
ऑफ़बीट
SAMAY RAINA : कौन हैं समय रैना, दीपिका पादुकोण को लेकर कही ऐसी बात, हो गया विवाद
मुंबई। समय रैना के शो टैलेंट शो ‘इंडियाज गॉट लेटेंट’ फिलहाल काफी विवादों में घिरा हुआ नजर आ रहा है. इसकी वजह ये है कि इस शो पर दीपिका पादुकोण की प्रेग्नेंसी और उनके डिप्रेशन का मजाक बनाया गया है, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है. दीपिका के फैन्स इस वीडियो को देखने के बाद काफी नाराज नजर आ रहे हैं और सभी इस शो की खूब आलोचना भी कर रहे हैं. समय रैना वायरल क्लिप में कहते हैं दीपिका पादुकोण हाल ही में मां बनी हैं. बढ़िया, अब उन्हें आसानी से समझ आएगा कि डिप्रेशन असल में कैसा होता है. उनके इस कमेंट के बाद हंगामा मचा हुआ है.
कौन हैं समय रैना?
समय रैन ‘कश्मीरी’ स्टैंडअप कॉमेडियन हैं, जो इन दिनों अपने डार्क, ‘वेरी डार्क’ और विवादित शो इंडियाज गॉट लेटेंट के चलते सुर्खियों में हैं. समय रैना ने अपने दोस्तों के साथ इंफ्लूएंसर नेटवर्क का सहारा लेते हुए यूट्यूब पर शतरंज के खेल की स्ट्रीमिंग शुरू की थी, लेकिन बाद में उन्होंने स्टैंडअप करना शुरू किया कर दिया. अपने हंसाने के तरीके के चलते समय मशहूर होने लगे. समय रैना एक टैलेंटेड शतरंज प्लेयर भी हैं.
समय ने हैदराबाद में अपनी स्कूली पढ़ाई पूरी की. इसके बाद समय महाराष्ट्र चले गए और प्रिंट इंजीनियरिंग की पढ़ाई के लिए पुणे से की. फिलहाल समय रैना फुल टाइम कॉमेडी कर रहे हैं. इंस्टाग्राम पर समय रैना के 3.7 मिलियन फॉलोअर्स हैं. यूट्यूब पर उनके 4.46 मिलियन सब्सक्राइबर्स हैं. इन्फ़्लुएंसर आयुष्मान पंडिता ने अपने एक वीडियो में बताया समय की कमाई का खुलासा करते हुए कहा था कि रैना हर महीने लगभग 1.5 करोड़ रुपये कैसे कमा रहे हैं. हालांकि उन्होंने इसे बस अपना अनुमान भी बताया था.
-
लाइफ स्टाइल12 hours ago
साइलेंट किलर है हाई कोलेस्ट्रॉल की बीमारी, इन लक्षणों से होती है पहचान
-
ऑफ़बीट3 days ago
बिहार का ‘उसैन बोल्ट’, 100 किलोमीटर तक लगातार दौड़ने वाला यह लड़का कौन
-
नेशनल3 days ago
आज शाम दिल्ली स्थित बीजेपी मुख्यालय जाएंगे पीएम मोदी, कार्यकर्ताओं को करेंगे संबोधित
-
नेशनल3 days ago
संजय राउत को महाराष्ट्र के नतीजे मंजूर नहीं, कहा- ये कैसा लोकतंत्र है, प्रदेश की जनता के साथ हुई बेईमानी
-
खेल-कूद3 days ago
IND VS AUS : दूसरी पारी में मजबूत स्थिति में भारत, केएल राहुल और यशस्वी ने जड़ा अर्धशतक
-
नेशनल3 days ago
महाराष्ट्र के रुझानों में महायुति को प्रचंड बहुमत, MVA को तगड़ा झटका
-
उत्तर प्रदेश2 days ago
राम नगरी अयोध्या के बाद भगवान श्री राम से जुड़ी एक और नगरी को भव्य स्वरूप दे रही योगी सरकार
-
अन्तर्राष्ट्रीय3 days ago
पीएम मोदी को मिलेगा ‘विश्व शांति पुरस्कार’