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सिगरेट तस्करी से सरकार को 13000 करोड़ रुपये का नुकसान
नई दिल्ली, 30 जनवरी (आईएएनएस)| किसान संगठन फेडरेशन ऑफ ऑल इण्डिया फार्मर्स एसोसिएशन (एफएआईएफए) ने मंगलवार को कहा कि सिगरेट तस्करी की वजह से भारत को करीब 13 हजार करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है और संगठन ने तस्करी पर रोक लगाने की मांग की है। एफएआईएफए ने एक बयान में कहा, सिगरेट का अवैध व्यापार देश में सिगरेट उद्योग से 25 प्रतिशत ज्यादा है, जोकि भारत को इस क्षेत्र में विश्व में तेजी से बढ़ता हुआ और सबसे बड़ा चौथा अवैध बाजार बनाता है।
एफआईएफए ने सरकार से देश के वैध तंबाकू उत्पादकों के हितों की रक्षा करने का आग्रह किया है।
कई वर्षो से, राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) अंतर्राष्ट्रीय सीमा से तस्करी कर लाए गए सिगरेट को जब्त करने की कार्रवाई कर रहा है। हालांकि उन्होंने अब तक जब्त सिगरेट और तंबाकू का आंकड़ा देने से इंकार कर दिया।
डीआरआई को पिछले दो वर्षो में जब्त सिगरेट की जानकारी के संबंध में भेजे गए मेल का कोई जवाब नहीं मिला।
आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक और गुजरात में वाणिज्यिक फसल उगाने वाले लाखों किसानों का प्रतिनिधित्व करने वाले किसान संगठन एफएआईएफए ने कहा कि तंबाकू कर में बढ़ोतरी करने के निर्णय से हाल के वर्षो में सिगरेट तस्करी में इजाफा हुआ है।
एफएआईएफए के महासचिव मुरली बाबू ने कहा, वित्त मंत्रालय द्वारा दिसंबर 2017 में संसद को साझा किए गए आंकड़े के अनुसार, सिगरेट की तस्करी में बढ़ोतरी जब्त किए गए तस्करी कर लाए गए सिगरेट की संख्या में इजाफा होने से पता चलता है, जिसकी संख्या वर्ष 2014-15 में 1,312 थी और वर्ष 2016-17 में यह 3,108 हो गई।
उन्होंने कहा, यह जानना बहुत महत्वपूर्ण है कि जब्त सिगरेट की संख्या इस बड़े अभियान में छोटी पहल के समान है, क्योंकि हर बार जब्ती अभियान में दर्जनों माल बिना किसी जांच के बच निकलते हैं।
मुरली बाबू ने कहा कि इस संबंध में प्रधानमंत्री कार्यालय और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री को पत्र लिखा गया है।
उन्होंने कहा, भारत को छोड़कर, विश्व में किसी भी देश में जीवनयापन के लिए तंबाकू फसल पर इतनी बड़ी और व्यापक निर्भरता नहीं है।
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दिल्ली में लगातार बढ़ते वायु प्रदूषण को देखते हुए सीएम आतिशी ने जारी किया आदेश
नई दिल्ली। देश की राजधानी में दीपावली के बाद से लगातार वायु प्रदूषण बढ़ता ही जा रहा है। बीते कुछ दिनों से दिल्ली और आसपास के इलाके में प्रदूषण खतरनाक हो गया है। ऐसे में लोगों को सांस लेने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। प्रदूषण के खतरनाक स्तर को देखते हुए दिल्ली सरकार ने GRAP-3 के तहत बीएस-III पेट्रोल और बीएस-IV डीजल के चलने वाले चार पहिया वाहनों पर पूरी तरह से रोक लगा दी है। मुख्यमंत्री आतिशी सरकार ने आदेश जारी कर कहा है कि इन नियमों का उल्लंघन करने वालों पर मोटर वाहन अधिनियम, 1988 की धारा 194(1) के तहत मुकदमा चलाया जाएगा। इसके साथ ही 20,000 रुपये का जुर्माना भी वसूला जाएगा।
आतिशी सरकार ने जारी किया आदेश
राजधानी में बढ़ते प्रदूषण की वजह से आतिशी सरकार ने आदेश जारी कर कहा कि दिल्ली में बीएस III पेट्रोल और बीएस IV डीजल एलएमवी (चार पहिया वाहन) पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है। अगले आदेश तक राजधानी दिल्ली में बीएस-III मानकों या उससे नीचे के दिल्ली में रजिस्टर्ड डीजल संचालित मध्यम माल वाहन (एमजीवी) प्रतिबंध रहेगा।
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