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बिजनेस

आरबीआई ब्याज दरों की समीक्षा में बांड यील्ड्स, एमएसपी पर न दे ध्यान : एसोचैम

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नई दिल्ली, 4 फरवरी (आईएएनएस)| भारतीय रिजर्व बैंक को बांड बाजार के उच्च-प्रतिफल दवाब पर उच्च प्रतिक्रिया व्यक्त नहीं करनी चाहिए। साथ ही सरकार ने किसानों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य में पर्याप्त संशोधन का वादा किया है। इसलिए 7 फरवरी को होनेवाली मौद्रिक नीति समिति की बैठक में प्रमुख ब्याज दरों में किसी भी प्रकार की बढ़ोतरी करने से बचना चाहिए। चेंबर में बजट के बाद वित्त बाजारों की स्थिति पर जारी एक पर्चे में कहा, हां, कुछ सूक्ष्म संकेतक कठिन दिख रहे हैं, जिसमें वित्त वर्ष 2019 के दौरान 3.3 फीसदी और चालू वित्त वर्ष के दौरान जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) का 3.5 फीसदी रहनेवाला राजकोषीय घाटा शामिल है। लेकिन बजट को लेकर बांड बाजार की प्रतिक्रिया जल्द ही कम हो जाएगी।

एसोचैम ने कहा कि एमएसपी बढ़ने से खुदरा मुद्रास्फीति बढ़ने की चिंता विभिन्न कारणों से बढ़ाचढ़ा कर की गई चिंता है। पर्चे में कहा गया है, पहले तो जमीनी स्तर पर सब्जियों के लिए कोई प्रभावी एमएसपी नहीं है। जहां तक प्याज और आलू के ऑपरेशन ग्रीन का सवाल है, तो समूचा संस्थागत तंत्र नीति आयोग राज्यों के साथ मिलकर तैयार कर रहा है। साथ ही कई अन्य कृषि वस्तुओं के लिए भी एमएसपी के संबंध में स्थिति ऐसी ही है।

आगे कहा गया है, जहां नीति आयोग और राज्य किसानों के हित को ध्यान में रखकर नीति तैयार कर रहे हैं, वहीं संस्थागत तंत्र निश्चित रूप से फसल उपजानेवालों का पारिश्रमिक और खुदरा कीमतों पर होनेवाले असर में संतुलन कायम करने वाला होगा। इसलिए इसे लेकर तात्कालिक भय एक अति-प्रतिक्रिया होगी और आरबीआई को आनेवाले हफ्तों में रीपो (उधार नीति) दरों को तय करते समय इससे प्रभावित नहीं होना चाहिए।

एसोचैम के महासचिव डी. एस. रावत ने कहा, जहां तक शेयर बाजार का संबंध है, तो उसमें हुई गिरावट एक स्वच्छ सुधार है, जिसे पहले ही होना चाहिए था। शेयरों के इर्द-गिर्द अनावश्यक उत्साह व्याप्त हो गया था, खासतौर से मिडकैप शेयरों में। उनमें आई तेजी कंपनियों की कमाई से मेल नहीं खा रही थी। वास्तव में, हमारे पहले के पर्चो में से एक में हमने शेयर बाजार में साल 2018 तेज उतार-चढ़ाव होने की संभावना को लेकर चेताया भी था क्योंकि कच्चे तेल की कीमतें बढ़ रही है, जीएसटी लागू होने के बाद राजस्व पर दवाब के साथ ही राजकोषीय घाटा बढ़ानेवाले अन्य दवाब हैं।

पर्चे में आगे कहा गया कि जैसा कि आम बजट में इस पर जोर दिया कि बड़े पैमाने पर रोजगार सृजन समय की जरूरत है। हालांकि सरकार ने इस तथ्य को महसूस किया है, अब आरबीआई इस पहल में शामिल होकर विकास को सुनिश्चित करे और कम से कम उसे ब्याज दरों में कोई बढ़ोतरी नहीं ही करनी चाहिए।

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ऑटोमोबाइल

मारुति सुजुकी ने लॉन्च की नई 4th-जनरेशन मारुति सुजुकी डिजायर, शुरुआती कीमत ₹6.79 लाख

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नई दिल्ली। मारुति सुजुकी ने भारत में अपनी नई 4th-जनरेशन मारुति सुजुकी डिजायर को सोमवार (11 नवंबर) को लॉन्च किया। कंपनी ने इसकी शुरुआती कीमत ₹6.79 लाख (एक्स-शोरूम, दिल्ली) रखी है। इस मॉडल को 5-स्टार GNCAP क्रैश टेस्ट रेटिंग मिली है और यह सेगमेंट में सर्वश्रेष्ठ माइलेज का दावा करती है। डिजायर, भारत की सबसे लोकप्रिय सब-4 मीटर कॉम्पैक्ट सेडान रही है, जिसकी अब तक 27 लाख से अधिक यूनिट्स बिक चुकी हैं।

माइलेज मिलेगा शानदार

मारुति सुजुकी ने नई स्टैंडर्ड डिजायर के लिए 24.79 किमी प्रति लीटर, ऑटोमैटिक डिजायर के लिए 25.71 किमी प्रति लीटर और सीएनजी वैरिएंट के लिए 33.73 किमी प्रति किलो की माइलेज का दावा किया है।

सेफ्टी का है खास इंतजाम

ग्लोबल एनसीएपी के क्रैश टेस्ट में मारुति सुजुकी की नई डिजायर को एडल्ट पैसेंजर की सुरक्षा के लिए 5 स्टार रेटिंग और चाइल्ड पैसेंजर की सुरक्षा के लिए 4 स्टार मिले हैं। एमएसआई के पास वर्तमान में कुल घरेलू यात्री वाहन खंड में 40 प्रतिशत से अधिक बाजार हिस्सेदारी (थोक) है। खुदरा बिक्री के मामले में कंपनी ने अक्टूबर में 2.02 लाख इकाइयों के साथ अपना अब तक का सर्वोच्च प्रदर्शन दर्ज किया। सेडान खंड में इसकी बाजार हिस्सेदारी 50 प्रतिशत से अधिक है।

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