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दुष्कर्म, आत्महत्या के सबूत नष्ट कर रही ओडिशा सरकार : प्रधान

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भुवनेश्वर, 4 फरवरी (आईएएनएस)| केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेद्र प्रधान ने रविवार को ओडिशा सरकार पर आरोप लगाया कि सरकार कोरापुट जिले के कुंडुली क्षेत्र में कक्षा नौ की एक छात्रा के साथ सामूहिक दुष्कर्म के मामले में सबूत मिटा रही है। प्रधान ने मीडिया को बताया कि ओडिशा सरकार सामूहिक दुष्कर्म और आत्महत्या के मामले में नाबालिग लड़की को न्याय दिलाने में नाकाम रही।

उन्होंने दावा किया कि प्रदेश सरकार दुष्कर्म पीड़िता की आत्महत्या के लिए पूरी तरह जिम्मेदार है। उन्होंने इसकी जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से कराने की मांग की।

प्रधान ने कहा कि राज्य सरकार को अगर सीबीआई पर विश्वास नहीं है तो वह न्यायालय की देख-रेख में एक विशेष जांच दल से भी जांच करा सकती है।

पिछले वर्ष कथित रूप से सुरक्षा कर्मियों द्वारा सामूहिक दुष्कर्म करने के बाद पीड़िता ने 22 जनवरी को आत्महत्या कर ली थी।

प्रधान ने कहा कि दुष्कर्म के 100 दिनों और आत्महत्या के दो सप्ताह बाद भी ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने मामले पर कोई ध्यान नहीं दिया।

उन्होंने मुख्यमंत्री से इस मुद्दे पर 100 दिनों से ज्यादा समय से खामोश रहने के लिए जवाब मांगा।

उन्होंने आरोप लगाया कि पीड़िता द्वारा आत्महत्या करने से पहले लिखे पत्र के अनुसार कुछ शीर्ष पुलिस अधिकारी मामले को दबाने की कोशिश कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि तथ्यों को मिटाने के लिए उस पत्र को नष्ट कर दिया गया। जांच के दौरान उस पत्र से संबंधित जांच जरूर होनी चाहिए।

प्रधान ने आरोप लगाया कि राज्य के पुलिस प्रमुख ने पीड़िता को चुप कराने के लिए 90,000 रुपये की पेशकश की थी। उन्होंने आरोप लगाया कि मानसिक रूप से ठीक होने के बाबजूद उसे अस्पताल में भर्ती कर पागलपन का इलाज कराया गया।

प्रधान ने कहा कि पीड़िता की आत्महत्या के लिए प्रदेश सरकार जिम्मेदार है। पिछले कई मामलों में सरकार के निर्देश पर हुई न्यायिक जांच में कोई फैसला नहीं आने के कारण इस मामले की जांच सीबीआई से होनी चाहिए।

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नेशनल

दिल्ली के आसमान में छाई धुंध, AQI 400 के पार, लोगों को सांस लेने में हो रही मुश्किल

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नई दिल्ली। नवंबर का महीना आधा बीत चुकी है, बावजूद इसके इस बार दिल्ली में सिर्फ सुबह और शाम को ही ठंड का अहसास हो रहा है। सुबह-शाम की के समय पड़ रही सर्दी में प्रदूषण का स्तर बेहद खराब हो गया है, जिससे लोगों को सांस लेने में भी दिक्कत हो रही है। हवा की गुणवत्ता को सुधार करने के लिए दिल्ली में ग्रेप-3 लागू किया गया है, लेकिन इससे भी दिल्ली की हवा में कोई खास फर्क नजर नहीं आ रहा है और ये लगातार जहरीली होती जा रही है।

इस बीच रविवार को दिल्ली में वायु का गुणवत्ता सूचकांक 400 के पास निकल गया। इस दौरान राजधानी के दस से ज्यादा इलाकों में हवा की गुणवत्ता खतरनाक स्तर पर दर्ज की गई। बता दें कि दिल्ली में फिलहाल GRAP-3 लागू हैं, बावजूद इसके राष्ट्रीय राजधानी की हवा साफ नहीं हो रही. ऐसे में वायु प्रदूषण की रोकथाम के लिए किए जा रहे उपाय बेकार नजर आ रहे हैं।

दिल्ली के इन इलाकों में एक्यूआई 400 पार

रविवार सुबह दिल्ली-एनसीआर में एक बार फिर से धुंध छाई नजर आई. इस दौरान द्वारका-सेक्टर 8 और दिल्ली डीपीसीसी द्वारका में एक्यूआई 443 दर्ज किया गया। जबकि एनएसआईटी द्वारका में वायु गुणवत्ता सूचकांक 406 रहा। वहीं पश्चिमी दिल्ली में AQI 426 और डीपीसीसी पश्चिमी दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक 406 पहुंच गया. वहीं शादीपुर में ये 457, शिवाजी पार्क में 448 और भीम नगर के साथ मुंडका इलाके में वायु गुणवत्ता सूचकांक सबसे ज्यादा 465 दर्ज किया गया।

उधर दिल्ली दुग्ध योजना कॉलोनी में एक्यूआई 430, आरके पुरम में 435, श्री अरबिंदो मार्ग में 436, आया नगर में 423 तो लोधी रोड में वायु की गुणवत्ता 378 दर्ज की गई. जबकि नजफगढ़ एक्यूआई 399, वजीरपुर 463, चांदनी चौक 368 दर्ज किया गया. वहीं गोकलपुरी 375, अशोक विहार 449, जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में एक्यूआई 366, रोहिणी 449 और आईटीओ में 410 दर्ज किया गया. जो बेहद खराब श्रेणी में बना हुआ है।

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