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मप्र : दृष्टिबाधितों के लिए पहली ई-लाइब्रेरी जबलपुर में शुरू

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जबलपुर, 4 फरवरी (आईएएनएस)| मध्यप्रदेश के जबलपुर में दृष्टिबाधित छात्रों के लिए राज्य की पहली ई-लाइब्रेरी शुरू हुई है। इस लाइब्रेरी को नाम दिया गया है ‘सुगम्य पुस्तकालय’।

यह लाइब्रेरी शासकीय दृष्टिबाधितार्थ विद्यालय में शुरू हुई है। इस लाइब्रेरी का शुभारंभ रविवार को जिलाधिकारी महेश चंद्र चौधरी ने किया। उन्होंने कहा कि ई-लाइब्रेरी दृष्टिहीन विद्यार्थियों के लिए अत्यंत उपयोगी है, इस लाइब्रेरी की स्थापना से दृष्टिबाधित छात्र भी तेजी से बदलते परिवेश में अपने आप को ढाल सकेंगे और सूचना तकनीकी से जुड़कर प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए अपने आपको तैयार कर सकेंगे।

इस मौके पर नौवीं की परीक्षा में 50 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त कर दसवीं कक्षा में प्रवेश करने वाले 11 दृष्टिबाधित छात्रों को मुख्यमंत्री नि:शक्त शिक्षा प्रोत्साहन योजना के तहत लैपटॉप भी प्रदान किए गए।

कार्यक्रम में संस्था के प्राचार्य डॉ. रामनरेश पटेल ने बताया कि दृष्टिबाधित छात्रों के लिए शुरू ई-लाइब्रेरी सुगम्य पुस्तकालय में करीब 500 किताबें ऑफ लाइन और लगभग 34 हजार किताबें ऑनलाइन उपलब्ध हैं। हिंदी और अंग्रेजी की इन पुस्तकों में पाठ्यक्रम के अलावा प्रतियोगिता परीक्षाओं से संबंधित पत्रिकाएं, सम-सामयिक पत्रिकाएं, आध्यात्मिक एवं धार्मिक विषयों की पुस्तकें भी शामिल हैं।

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नेशनल

रेलवे बोर्ड ने अपने सभी जोन के लिए जारी किया निर्देश, ट्रेन में या ट्रेन की पटरियों पर रील बनाने वालों के खिलाफ दर्ज होगा केस

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नई दिल्ली। रेलवे बोर्ड ने अपने सभी जोन के लिए निर्देश जारी कर कहा है कि रेल सुरक्षा के लिए खतरा पैदा करने पर केस दर्ज किया जाएगा। यानी अगर कोई शख्स ट्रेन में या ट्रेन की पटरियों पर रील बनाएगा तो उसके खिलाफ केस दर्ज किया जाएगा।

क्या है पूरा मामला?

दरअसल लोग सोशल मीडिया पर वायरल होने के लिए रेल और रेल की पटरियों पर रील बनाते हैं। कई जगह ये भी देखा गया है कि रील बनाते-बनाते लोग चलती ट्रेन से घायल भी हुए हैं। युवाओं में खासकर यह क्रेज है कि वह रेलवे की पटरियों पर जाकर एक्शन रील बनाते हैं या फिर कुछ एक्सपेरिमेंट करते हैं, जैसेकि ट्रेन की पटरी पर पत्थर रख दिया या कोई सामान रख दिया। इस तरह की रील बनाने वाले लोग खुद के साथ-साथ रेल यात्रियों की जिंदगी भी खतरे में डालते हैं।

ऐसे में रेल पटरियों और चलती ट्रेनों में रील बनाने को लेकर सरकार सख्त रवैया अपना रही है। ऐसा करने पर आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज किया जाएगा। रेलवे बोर्ड ने इस मामले में अपने सभी जोन को निर्देश दिया है, जिसमें कहा गया है कि अगर रील बनाने वाले सुरक्षित रेल परिचालन के लिए खतरा उत्पन्न करते हैं या कोचों या रेल परिसरों में यात्रियों के लिए असुविधा का कारण बनते हैं तो उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जाए।

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