प्रादेशिक
अराजकता फैलाने वालों से निपटेगी परशुराम स्वाभिमान सेना
नई दिल्ली। परशुराम स्वाभिमान सेना का कहना है कि वह भगवान परशुराम के मूल मंत्र शस्त्र और शास्त्र के द्वारा वर्तमान में राष्ट्र के समक्ष उपस्थित विभिन्न खतरों से निपटेगी। संगठन देश में मठ, मंदिरों और पुजारियों की दशा में सुधार पर भी जोर देगा। संगठन का मानना है कि अब नेता केवल जातिवादी संगठनो की आड़ लेकर राजनीतिक रोटियां सेंकते हैं। ऐसे में स्वाभिमानी संगठन को बढ़ाने पर बल दिया जाए।
ये बातें संतकबीरनगर के सांसद शरद त्रिपाठी के आवास पर आयोजित परशुराम स्वाभिमान सेना की बैठक में सामने आईं। बैठक की अध्यक्षता संगठन के राष्ट्रीय संयोजक देवदत्त शर्मा और संचालन पूर्व आईएफएस धर्मवीर कपिल ने किया।
धार्मिक, सांस्कृतिक मुद्दों पर बने सहमति
बैठक में मुख्य अतिथि आचार्य राधाकृष्ण मनोड़ी ने वर्तमान समय में परशुराम स्वाभिमान सेना के महत्व व प्रभाव क्षेत्र के बारे में विस्तृत चर्चा की। उन्होंने कहा कि आज देश में ऐसे स्वाभिमानी संगठन को खड़ा होने की आवश्यकता है। उन्होंने विभिन्न धार्मिक, सांस्कृतिक मुद्दों पर आम सहमति बनाने पर जोर दिया। उन्होंने भगवान परशुराम के मूल मंत्र शस्त्र और शास्त्र के द्वारा वर्तमान में राष्ट्र के समक्ष उपस्थित विभिन्न खतरों से निपटने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि समाज में कई कुरीतियां हैं जैसे ब्राह्मणों का अपमान, मंदिरों का अपमान, महिलाओ और बच्चियों के साथ दुराचार की घटनाएं बढ़ी हैं। इसी तरह समाज में जो अज्ञानता है उसको दूर करने का काम संगठन करेगा।
जातिगत समीकरण को तवज्जो मिलना ठीक नहीं
सांसद शरद त्रिपाठी ने कहा कि वर्तमान सामाजिक स्थिति ऐसी है जिसमें ब्राह्मण को निचले पायदान पर खड़ा कर दिया गया है। यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है। इस समस्या से निपटने के लिए और देश की खोई हुई गरिमा को पुन: प्राप्त करने के लिए परशुराम स्वाभिमान सेना जैसे संगठन की अत्यधिक आवश्यकता है। कई बार जातिगत समीकरण इतने हावी होते हैं कि उन्हीं के अनुसार सरकारी अफसरों की नियुक्तियां होती है और योग्यता को निम्न स्तर पर रखा जाता है। यह समाज को पीछे धकेलने के समान है।
वर्तमान कमेटी भंग
इस मौके पर परशुराम स्वाभिमान सेना के राष्ट्रीय संरक्षक सुनील भराला ने संगठन की मजबूती पर जोर देते हुए वर्तमान कमेटी को भंग कर दिया। उन्होंने घोषणा की कि जब तक नई कमेटी का गठन नहीं किया जाता तब तक परशुराम स्वाभिमान सेना का पूरा दायित्व संगठन के राष्ट्रीय संयोजक देवदत्त शर्मा संभालेंगे।
सुनील भराला ने कहा कि जहां भी समाज में कुरीतियां, संस्कारों की अवहेलना, स्त्री और बच्चियों पर दुराचार होंगे, जहां मठ-मंदिर व पुजारियों का अनादर किया जाएगा वहां परशुराम स्वाभिमान सेना हर कदम पर साथ देगी और अन्याय के खिलाफ एक बुलंद आवाज के रूप में बुराइयों के खिलाफ लड़ेगी। भराला ने कहा कि विश्व के सबसे पुराने सनातन धर्म और भारत की संस्कृति की रक्षा के लिए पुरानी रीतियों जैसे यज्ञ, अनुष्ठान, पूजा और मंदिरों की शुद्धता, सफाई पर संगठन द्वारा विशेष ध्यान दिया जाएगा।
संगठन के राष्ट्रीय संयोजक देवदत्त शर्मा बैठक में आए सभी पदाधिकारियों को धन्यवाद देते हुए संस्था के उद्देश्य और संगठनात्मक मजबूती पर जोर देते हुए ऊर्जावान युवाओं का आह्वान किया। इस मौके पर परामर्शदात्री समिति का गठन किया गया जिसमें सांसद शरद त्रिपाठी, पूर्व आईएफएस धर्मवीर कपिल, नरेन्द्र गौंड, डॉ. महेश शर्मा, स्वाति पांड्या, राजेश वशिष्ठ शामिल हुए। कार्यक्रम में प्रकाश पांडेय, बोधेश कौशल, परशुराम राम शर्मा, संजीव त्यागी, गजेन्द्र शर्मा, गोपाल शर्मा, केडी पाठक, गौरव, आशुतोष शर्मा, राहुल देव शर्मा, कपिल देव शर्मा इत्यादि प्रमुख लोग उपस्थित रहे।
उत्तर प्रदेश
पांच करोड़ जरुरतमंदों ने उठाया समाज कल्याण की योजनाओं का लाभ, 40 हजार करोड़ बांटे गये
लखनऊ| योगी सरकार प्रदेश के गरीब, वंचितों, महिलाओं और बुजुर्ग समेत हर वर्ग की मदद के लिए विभिन्न योजनाएं चला रही है। इन योजनाओं को लाभ प्रदेश भर में बिना भेदभाव के सभी को दिया जा रहा है। योगी सरकार सबका साथ सबका विकास के तहत काम कर रही है। बीते छह वर्ष के डेटा पर नजर डालें तो समाज कल्याण विभाग की विभिन्न योजनाओं का करीब पांच करोड़ जरूरतमंदों ने लाभ उठाया है। इसके लिए योगी सरकार ने पिछले छह वर्ष में 40 हजार करोड़ से अधिक की धनराशि खर्च की है, जो यह दर्शाता है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ प्रदेश की जनता के लिए हमेशा संकट मोचक की तरह खड़े रहते हैं।
3 करोड़ से अधिक पेंशनधारकों को वितरित की गयी पेंशन
समाज कल्याण के निदेशक कुमार प्रशांत ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा के अनुरुप आखिरी पायदान पर खड़े व्यक्ति को भी योजनाओं को लाभ देने के लिए निरंतर अभियान चलाया जा रहा है। अभियान के जरिये विभाग की 11 विभिन्न योजनाओं को लाभ दिया जा रहा है। इसी के तहत पिछले छह वर्षों 2018-19 से 23-24 के बीच 4,86,38,827 जरुरतमंद लाभार्थियों को लाभ दिया गया। इसके लिए योगी सरकार की ओर से 40,667 करोड़ रुपये खर्च किये गये। उन्होंने बताया कि विभाग की राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन योजना के तहत बुजुर्गों को हर माह पेंशन दी जाती है। योजना के तहत पिछले छह वर्षों में 3,62,57,918 लाभार्थियों को 25,09,730 लाख रुपये की धनराशि वितरित की गयी। इसी तरह राष्ट्रीय पारिवारिक लाभ योजना के तहत गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले परिवार के मुखिया को एक मुश्त 30,000 रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। इसके तहत 6,77,755 परिवार को 2,03,326 लाख रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की गयी।
छह वर्षों में 3,67,652 जोड़ों की करायी गयी शादी
निदेशक कुमार प्रशांत ने बताया कि सीएम योगी के निर्देश पर हर जरुरतमंदों की स्क्रीनिंग कर योजनाओं का लाभ दिया जा रहा है। विभाग की ओर से मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत विभिन्न समुदाय एवं धर्मों के रीति रिवाजों के अनुसार वैवाहिक कार्यक्रम संपन्न कराया जाता है। योजना के तहत 3,67,652 जोड़ों की शादी करायी गयी। इसके लिए योगी सरकार ने 1,84,030 लाख रुपये खर्च किये हैं। इसके अलावा छात्रवृत्ति एवं शुल्क प्रतिपूर्ति योजना के तहत अनुसूचित जाति एवं सामान्य वर्ग के छात्रों को छात्रवृत्ति दी जाती है। पूर्वदशम् छात्रवृति वितरण योजना के तहत अनुसूचित जाति के 19,85,389 छात्रों को 47,308 लाख रुपये तथा सामान्य वर्ग के 6,38,669 छात्रों को 17,202 लाख रुपये की छात्रवृत्ति वितरित की गयी। इसी तरह दशमोत्तर छात्रवृत्ति एवं शुल्क प्रतिपूर्ति योजना के तहत अनुसूचित जाति के 51,96,409 छात्रों को 4,84,405 लाख रुपये तथा सामान्य वर्ग के 30,60,875 छात्रों को 3,43,088 लाख रुपये की छात्रवृत्ति वितरित की गयी। वहीं अत्याचार से उत्पीड़ित अनुसूचित जाति के व्यक्तियों को आर्थिक सहायता योजना के तहत सहायता प्रदान की जाती है। योजना के तहत 1,35,030 परिवार को 1,29,568 लाख रुपये की सहायता प्रदान की गयी। इतना ही नहीं योगी सरकार की ओर से परीक्षा पूर्व प्रशिक्षण केंद्रों का संचालन किया जा रहा है। इसके तहत 5,103 छात्रों ने योजना का लाभ उठाया। इसके लिए 2,913 लाख रुपये खर्च किये गये।
मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना का 51,608 छात्रों ने उठाया लाभ
विभाग की ओर से प्रदेश भर में अनुसूचित जाति छात्रावास का संचालन किया जा रहा है। इसका पिछले छह वर्षों में 53,862 छात्रों ने लाभ उठाया है। इसके लिए 18,670 लाख रुपये खर्च किये गये हैं। इसके अलावा प्रदेश भर में जय प्रकाश नारायण सर्वोदय विद्यालय (पूर्ववर्ती नाम राजकीय आश्रम पद्धति विद्यालय) का संचालन किया जा रहा है। इसका पिछले छह वर्षों में 2,01,693 लाभार्थियों ने लाभ उठाया। इस मद में योगी सरकार ने 18,670 लाख रुपये खर्च किये। वहीं मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना का पिछले चार वर्षों में 51,608 लाभार्थियों ने लाभ उठाया। इसके लिए योगी सरकार ने 4,666 लाख रुपये खर्च किये हैं। वहीं उत्तर प्रदेश माता पिता और वरिष्ठ नागरिकों का भरण पोषण एवं वृद्धाश्रमों का संचालन किया जा रहा है। इसका एक वर्ष में 6,864 लोगों ने लाभ लिया है। इसके लिए 6,193 लाख रुपये खर्च किये गये हैं। योगी सरकार ने प्रदेश के ट्रांसजेंडर को मुख्यधारा से जोड़ने के लिए उत्तर प्रदेश ट्रांसजेंडर कल्याण बोर्ड का गठन किया। इसके जरिये ट्रांसजेंडर के अधिकारियों के संरक्षण को लेकर प्रदेश भर में अभियान और विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं।
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