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अन्तर्राष्ट्रीय

अगले सप्ताह फिर खुलेगा रियाद का रिट्ज कार्लटन होटल

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रियाध, 5 फरवरी (आईएएनएस)| शाही परिवार के कुछ सदस्यों समेत बड़ी संख्या में लोगों के लिए अस्थायी कारावास बने रियाद के विलासितापूर्ण रिट्ज कार्लटन होटल को अगले सप्ताह फिर खोल दिया जाएगा।

सऊदी अरब के शहजादे मोहम्मद बिन सलमान की ओर से शुरू की गई भ्रष्टाचार रोधी जांच के बाद सैकड़ों लोगों को यहां हिरासत में रखा गया था। समाचार एजेंसी ‘सिन्हुआ’ के मुताबिक, रिट्ज कार्लटन की वेबसाइट पर रविवार को दिखाया गया कि होटल में 11 फरवरी से बुकिंग शुरू हो जाएगी और प्रति कमरा एक रात का किराया 666 डॉलर होगा।

क्राउन पिं्रस की ओर से भ्रष्टाचार के खिलाफ चार नवंबर 2017 को शुरू की गई अभूतपूर्व जांच के बाद से 500 कमरे व सुइट वाला यह होटल करीब तीन महीने से बंद था।

तीन सौ से अधिक राजकुमारों, मंत्रियों व व्यवसायियों को इस पंचसितारा होटल में रखा गया था। इन कैदियों में अरबपति राजकुमार अल-वलीद बिन तलाल भी शामिल थे जिन्हें सऊदी अरब का वारेन बफेट कहा जाता है।

अभी 56 लोग हिरासत में हैं जिन्हें दूसरी जगह भेज दिया गया है। जबकि, 90 लोगों को मामले के निपटारे के तहत धन की अदायगी के लिए राजी होने पर रिहा कर दिया गया है।

सऊदी अरब ने पिछले सप्ताह राजशाही के आधुनिक इतिहास में भ्रष्टाचार के खिलाफ चलाए गए सबसे बड़े अभियान में मामलों को निपटारे के अंतिम चरण की घोषणा की।

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अन्तर्राष्ट्रीय

बांग्लादेश में चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी पर भारत ने जताई नाराजगी, कही ये बात

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नई दिल्ली। मंगलवार को बांग्लादेश के हिंदू संगठन सनातनी जागरण जोत के प्रवक्ता चिन्मय कृष्ण दास प्रभु को गिरफ्तार कर लिया गया। बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों द्वारा चिन्मय कृष्ण दास के नेतृत्व में ही आंदोलन किया जा रहा है। बाद में अदालत ने भी चिन्मय कृष्ण दास की जमानत अर्जी खारिज कर उन्हें जेल भेज दिया। भारत सरकार के विदेश मंत्रालय ने भी इस पर नाराजगी जाहिर की।

विदेश मंत्रालय ने बयान में कहा कि हिंदुओं पर हमला करने वाले बेखौफ घूम रहे हैं, जबकि हिंदुओं के लिए सुरक्षा का अधिकार मांगने वाले हिंदू नेताओं को जेल में ठूंसा जा रहा है। वहीं बांग्लादेश सरकार ने विदेश मंत्रालय के बयान पर नाराजगी जाहिर की है और कहा है कि यह उनका आंतरिक मामला है और भारत के टिप्पणी करने से दोनों देशों के रिश्तों में खटास आ सकती है।

चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी के बाद बांग्लादेश में बड़े पैमाने पर विरोध-प्रदर्शन शुरू हो गए। इस प्रदर्शन को रोकने के लिए बड़े पैमाने पर आंसू गैस के गोले दागे गए और लाठीचार्ज भी किया गया, जिसमें 50 से अधिक लोग घायल हो गए। गंभीर रूप से घायलों को अस्पताल में भर्ती करवाया गया है।

चंदन कुमार धर प्रकाश चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी, जिन्हें चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी के नाम से भी जाना जाता है। दरअसल, चिन्मय कृष्ण दास बांग्लादेश के चटगांव स्थित इस्कॉन पुंडरीक धाम के प्रमुख भी हैं। चिन्मय कृष्ण दास को बीते सोमवार को शाम 4:30 बजे हजरत शाहजलाल इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर ढाका मेट्रोपॉलिटन पुलिस की डिटेक्टिव ब्रांच (डीबी) द्वारा हिरासत में लिया गया था।

मंगलवार को उन्हें कड़ी सुरक्षा के बीच चटगांव के छठे मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट काजी शरीफुल इस्लाम के समक्ष पेश किया गया। हालांकि, उनकी जमानत याचिका को खारिज कर दिया गया और उन्हें जेल भेज दिया गया। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, उन पर देशद्रोह का आरोप लगा है।

 

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