अन्तर्राष्ट्रीय
रूस की 2018 में होने वाले मध्यावधि चुनाव में दखल की योजना : टिलरसन
वाशिंगटन, 7 फरवरी (आईएएनएस)| अमेरिका के विदेश मंत्री रेक्स टिलरसन का कहना है कि रूस पहले से ही अमेरिका में 2018 में होने वाल मध्यावधि चुनावों में दखल देने की कोशिश में जुटा है और वाशिंगटन 2016 के चुनाव की तरह ही उसकी दखलदंजादी पर लगाम लगाने के लिए पर्याप्त रूप से तैयार नहीं है।
टिलरसन ने ‘फॉक्स न्यूज’ को दिए साक्षात्कार में कहा, अगर दखल देने की उनकी मंशा है तो वे इसके लिए रास्ते तलाश लेंगे। हम कदम उठा सकते हैं, लेकिन एक बार यह तय हो जाए कि वे ऐसा करने जा रहे हैं क्योंकि पहले से ही इसकी कवायद शुरू करना कठिन है।
उन्होंने कहा, रूस पहले से ही अमेरिका में 2018 में कांग्रेस के लिए होने वाले मध्यावधि चुनाव में दखल देने की कोशिश कर रहा है जैसा कि उसने 2016 के राष्ट्रपति चुनाव में किया था।
टिलरसन ने कहा, अमेरिका के लिए आंखें मूंद लेने के बजाय रूस का मुकाबला करना जरूरी है।
खुफिया एजेंसी सीआईए के निदेशक माइक पोमपियो ने भी पिछले महीने यही आकलन किया था। उन्होंने कहा था कि उन्हें पूरी तरह से लगता है कि रूस इस साल होने वाले मध्यावधि चुनाव में प्रभाव डालने की कोशिश करेगा।
अमेरिकी खुफिया समुदाय ने 2017 में जारी एक रिपोर्ट में कहा था कि रूस ने 2016 के राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप को मदद करने के मकसद से एक अभियान चलाया था।
ट्रंप प्रशासन ने पिछले सप्ताह कहा कि वह रूस पर नई पाबंदी नहीं लगाएगा क्योंकि प्रतिबंध लगाने की चेतावनी से ही काम चल जा रहा है।
अन्तर्राष्ट्रीय
बांग्लादेश में चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी पर भारत ने जताई नाराजगी, कही ये बात
नई दिल्ली। मंगलवार को बांग्लादेश के हिंदू संगठन सनातनी जागरण जोत के प्रवक्ता चिन्मय कृष्ण दास प्रभु को गिरफ्तार कर लिया गया। बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों द्वारा चिन्मय कृष्ण दास के नेतृत्व में ही आंदोलन किया जा रहा है। बाद में अदालत ने भी चिन्मय कृष्ण दास की जमानत अर्जी खारिज कर उन्हें जेल भेज दिया। भारत सरकार के विदेश मंत्रालय ने भी इस पर नाराजगी जाहिर की।
विदेश मंत्रालय ने बयान में कहा कि हिंदुओं पर हमला करने वाले बेखौफ घूम रहे हैं, जबकि हिंदुओं के लिए सुरक्षा का अधिकार मांगने वाले हिंदू नेताओं को जेल में ठूंसा जा रहा है। वहीं बांग्लादेश सरकार ने विदेश मंत्रालय के बयान पर नाराजगी जाहिर की है और कहा है कि यह उनका आंतरिक मामला है और भारत के टिप्पणी करने से दोनों देशों के रिश्तों में खटास आ सकती है।
चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी के बाद बांग्लादेश में बड़े पैमाने पर विरोध-प्रदर्शन शुरू हो गए। इस प्रदर्शन को रोकने के लिए बड़े पैमाने पर आंसू गैस के गोले दागे गए और लाठीचार्ज भी किया गया, जिसमें 50 से अधिक लोग घायल हो गए। गंभीर रूप से घायलों को अस्पताल में भर्ती करवाया गया है।
चंदन कुमार धर प्रकाश चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी, जिन्हें चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी के नाम से भी जाना जाता है। दरअसल, चिन्मय कृष्ण दास बांग्लादेश के चटगांव स्थित इस्कॉन पुंडरीक धाम के प्रमुख भी हैं। चिन्मय कृष्ण दास को बीते सोमवार को शाम 4:30 बजे हजरत शाहजलाल इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर ढाका मेट्रोपॉलिटन पुलिस की डिटेक्टिव ब्रांच (डीबी) द्वारा हिरासत में लिया गया था।
मंगलवार को उन्हें कड़ी सुरक्षा के बीच चटगांव के छठे मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट काजी शरीफुल इस्लाम के समक्ष पेश किया गया। हालांकि, उनकी जमानत याचिका को खारिज कर दिया गया और उन्हें जेल भेज दिया गया। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, उन पर देशद्रोह का आरोप लगा है।
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