अन्तर्राष्ट्रीय
अमेरिकी सीनेट में 2 वर्ष के बजट को मंजूरी
वाशिंगटन, 8 फरवरी (आईएएनएस)| अमेरिकी सीनेट से अगले दो वर्ष के बजट के लिए मंजूरी मिल गई है। सीनेट में बहुमत के नेता मिच मैक्कॉनेल ने बुधवार को दो वर्ष के बजट के लिए रिपब्लिकन और डेमोक्रेट्सके बीच एक द्विदलीय समझौते का ऐलान किया।
उन्होंने कहा कि इस समझौते को व्हाइट हाउस का समर्थन है। हालांकि, उन्होंने इस संबंध में अन्य जानकारी नहीं दी।
मैक्कॉनेल ने कहा कि इस समझौते के तहत रक्षा और अन्य घरेलू कार्यक्रमों के लिए लगभग 300 अरब डॉलर बढ़ाना, आपदा राहत कार्यो के लिए 80 अरब डॉलर से अधिक की राशि आवंटित है।
हालांकि, इस बजट में सीमा सुरक्षा के लिए और अमेरिका में बच्चों के रूप में आए प्रवासियों (ड्रीमर्स) के संरक्षण देने को लेकर राशि आवंटित नहीं की गई है।
मैक्कॉनेल ने बुधवार को सीनेट में कहा, हम जिस सहमति पर पहुंचे हैं, इससे पिछले कई वर्षो में यह सुनिश्चित होगा कि हमारी सेनााओं को देश को सुरक्षित बनाए रखने के लिए अधिक संसाधनों की जरूरत होगी।
उन्होंने कहा कि इसमें पिछले साल तूफान मारिया इरमा और हार्वे से जूझ रहे प्यूटरे रिको, फ्लोरिडा और टेक्सास को आर्थिक मदद के लिए पैकेज दिया जाना भी शामिल है।
इस विधेयक को संसद में मंजूरी मिलना जरूरी हो गया था क्योंकि सरकार के पास सिर्फ गुरुवार आधीरात तक का ही सरकारी खर्च चलाने का बजट था।
हालांकि, सदन में अल्पमत की नेता नैंसी पेलोसी ने कहा कि वह इस सौदे का विरोध करेंगी क्योंकि इसमें ड्रीमर्स को संरक्षण नहीं दिया गया है।
–आईएएनएस
अन्तर्राष्ट्रीय
बांग्लादेश में चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी पर भारत ने जताई नाराजगी, कही ये बात
नई दिल्ली। मंगलवार को बांग्लादेश के हिंदू संगठन सनातनी जागरण जोत के प्रवक्ता चिन्मय कृष्ण दास प्रभु को गिरफ्तार कर लिया गया। बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों द्वारा चिन्मय कृष्ण दास के नेतृत्व में ही आंदोलन किया जा रहा है। बाद में अदालत ने भी चिन्मय कृष्ण दास की जमानत अर्जी खारिज कर उन्हें जेल भेज दिया। भारत सरकार के विदेश मंत्रालय ने भी इस पर नाराजगी जाहिर की।
विदेश मंत्रालय ने बयान में कहा कि हिंदुओं पर हमला करने वाले बेखौफ घूम रहे हैं, जबकि हिंदुओं के लिए सुरक्षा का अधिकार मांगने वाले हिंदू नेताओं को जेल में ठूंसा जा रहा है। वहीं बांग्लादेश सरकार ने विदेश मंत्रालय के बयान पर नाराजगी जाहिर की है और कहा है कि यह उनका आंतरिक मामला है और भारत के टिप्पणी करने से दोनों देशों के रिश्तों में खटास आ सकती है।
चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी के बाद बांग्लादेश में बड़े पैमाने पर विरोध-प्रदर्शन शुरू हो गए। इस प्रदर्शन को रोकने के लिए बड़े पैमाने पर आंसू गैस के गोले दागे गए और लाठीचार्ज भी किया गया, जिसमें 50 से अधिक लोग घायल हो गए। गंभीर रूप से घायलों को अस्पताल में भर्ती करवाया गया है।
चंदन कुमार धर प्रकाश चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी, जिन्हें चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी के नाम से भी जाना जाता है। दरअसल, चिन्मय कृष्ण दास बांग्लादेश के चटगांव स्थित इस्कॉन पुंडरीक धाम के प्रमुख भी हैं। चिन्मय कृष्ण दास को बीते सोमवार को शाम 4:30 बजे हजरत शाहजलाल इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर ढाका मेट्रोपॉलिटन पुलिस की डिटेक्टिव ब्रांच (डीबी) द्वारा हिरासत में लिया गया था।
मंगलवार को उन्हें कड़ी सुरक्षा के बीच चटगांव के छठे मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट काजी शरीफुल इस्लाम के समक्ष पेश किया गया। हालांकि, उनकी जमानत याचिका को खारिज कर दिया गया और उन्हें जेल भेज दिया गया। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, उन पर देशद्रोह का आरोप लगा है।
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