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आध्यात्म

शिवरात्रि पर ऐसे करें रुद्राभिषेक, हर मनोकामना होगी पूर्ण

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शिव पुराण के अनुसार महाशिवरात्रि के दिन शिवलिंग की उत्पत्ति हुई थी, इसीलिए इस दिन किया गया शिव पूजन, रुद्राभिषेक और व्रत अनंत फलदायी होता है। शिव पूजन में जलधारा से अभिषेक का विशेष महत्व है। अभिषेक का शाब्दिक अर्थ है स्नान करना या कराना।

शिवजी के अभिषेक को रुद्राभिषेक भी कहा जाता है। रुद्राभिषेक का मतलब है भगवान रुद्र (शिव) का अभिषेक करना। शास्त्रों के अनुसार अभिषेक कई प्रकार के बताए गए हैं। रुद्रमंत्रों द्वारा शिवलिंग का अभिषेक किया जाता है, इसे ही रुद्राभिषेक कहा जाता है। अभिषेक जलधारा से किया जाता है। अभिषेक करते समय ओम नम: शिवाय का जप करते रहें।

क्या है पौराणिक मान्यता
शास्त्रों के अनुसार समुद्र मंथन के समय दुर्लभ रत्नों के साथ ही भयंकर विष भी निकला था। इस विष की वजह से समस्त सृष्टि पर प्राणियों का जीवन संकट में आ गया था। सृष्टि को बचाने के लिए शिवजी ने इस विष का पान किया था। विष पान की वजह से शिवजी के शरीर में गर्मी का असर काफी तीव्र हो गया था।

इस गर्मी को खत्म करने के लिए ही शिवलिंग पर लगातार जलधारा से अभिषेक करने की परंपरा प्रारंभ हुई। जल से शिवजी को शीतलता प्राप्त होती है और विष की गर्मी शांत होती है।

रुद्राभिषेक के दौरान शिवलिंग पर ऐसी कई चीजें अर्पित की जाती हैं, जिनकी तासीर ठंडी होती है। ठंडी तासीर वाली चीजों से शिवजी को शीतलता प्राप्त होती है। जो भी भक्त नियमित रूप से शिवलिंग पर जल अर्पित करता है, उसे सभी सुख-सुविधाएं प्राप्त होती हैं। कार्यों में भाग्य का साथ भी मिलने लगता है।

उत्तर प्रदेश

जगतगुरु कृपालु जी महाराज की तीनों बेटियों का एक्सीडेंट, बड़ी बेटी डॉ. विशाखा त्रिपाठी की मौत

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नोएडा। उत्तर प्रदेश के नोएडा में यमुना एक्सप्रेसवे पर रविवार सुबह करीब 5 बजे भीषण हादसा हो गया। इस हादसे में जगतगुरु कृपालु जी महाराज की बड़ी बेटी डॉ. विशाखा त्रिपाठी की मौत हो गई। इसके अलावा उनकी दो बेटियां गंभीर रूप से घायल हैं। घायल दोनों बेटियों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है जहां उनका इलाज चल रहा है। हादसे के बाद जगतगुरु कृपालु परिषत की ओर से शोक संदेश भी जारी किया गया है। संदेश जारी करने के बाद भक्तों द्वारा इस घटना को लेकर दुख व्यक्त किया जा रहा है।

दिल्ली जाते समय हुआ हादसा बताया जा रहा है कि मथुरा से जगतगुरु कृपालु जी महाराज की तीनों बेटियां डॉ. विशाखा त्रिपाठी, डॉ. कृष्णा त्रिपाठी और डॉ. श्यामा त्रिपाठी कार से दिल्ली एयरपोर्ट जाने के लिए निकलीं थीं। उनके साथ आश्रम से जुड़े अन्य लोग भी मौजूद थे। दिल्ली एयरपोर्ट से उनको फ्लाइट पड़कर सिंगापुर जाना था। कार यमुना एक्सप्रेसवे पर दनकौर कोतवाली क्षेत्र में पहुंची थी। इसी दौरान तेज रफ्तार की एक डीसीएम ने आगे चल रही दोनों कारों में टक्कर मार दिया। टक्कर लगने के बाद कार क्षतिग्रस्त हो गईं।

हादसे में बड़ी बेटी का निधन

हादसे में कृपालु जी की बड़ी बेटी 65 साल की डॉ. विशाखा त्रिपाठी का निधन हुआ है. हादसा दो छोटी बेटियों, डॉ. श्यामा त्रिपाठी व डॉ. कृष्णा त्रिपाठी की हालत गंभीर बताई जाती जा रही है. सभी घायलों को पास के अस्पताल में भर्ती करवाया गया है. सिंगापुर जाने के लिए तीनों बहनें फ्लाइट पकड़ने एयरपोर्ट के लिए जा रही थीं.

 

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