ऑफ़बीट
शिकार को लेकर तेंदुए ने लिया बाघ से पंगा, भुगतना पड़ा नतीजा
बिहार के पश्चिमी चंपारण जिले के वाल्मीकिनगर व्याघ्र परियोजना क्षेत्र में एक बाघ और तेंदुए के बीच संघर्ष में तेंदुए की मौत हो गई। तेंदुए के शव को वन विभाग के अधिकारियों ने बरामद कर लिया है।
वन विभाग के एक अधिकारी ने बुधवार को बताया कि एक बाघ ने वाल्मीकि टाइगर रिजर्व प्रमंडल-2 के जटाशंकर वन परिसर में वन संख्या 31 के समीप तीन दिन पूर्व एक बाघ ने चीतल हिरण का शिकार किया था। कहा जाता है कि बाघ अपने शिकार को दो-तीन दिन बाद ही खाता है।
अधिकारी ने बताया कि मंगलवार की रात बाघ जब अपने रखे शिकार के पास पहुंचा, तो देखा कि एक तेंदुआ उसके शिकार को खा रहा है। यह देख बाघ ने तेंदुए पर हमला कर दिया।
वनपाल बी़ क़े पाठक ने बताया कि इस संघर्ष में तेंदुए की मौत हो गई। मृत तेंदुए के शरीर के विभिन्न जगहों पर बाघ के पंजे के निशान हैं। आसपास की जमीन पर खून बिखरा पड़ा है। तेंदुए के शव के पास ही चीतल हिरण का शव भी पड़ा हुआ है, उसका कुछ हिस्सा गायब है। उन्होंने बताया कि इसकी सूचना वरिष्ठ अधिकारियों को दे दी गई है।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि तेंदुआ के शव का बिसरा फॉरेंसिक जांच के लिए देहरादून भेजा जा रहा है। पोस्टमार्टम के बाद शव को वन क्षेत्र में ही दफना दिया जाएगा।
अन्य राज्य
सोशल मीडिया पर हवाबाजी करने के लिए युवकों ने रेलवे ट्रैक पर उतारी थार, सामने से आ गई मालगाड़ी
राजस्थान। सोशल मीडिया पर अपना वीडियो या रील बनाने वालों ने इन दोनों कानून और नियम कायदों को धता बताना अपना शग़ल बना लिया है। रील के लिए कोई पहाड़ से कूद जाता है तो कोई पानी के तेज बहाव की परवाह तक नहीं करता। जयपुर में भी ऐसा ही एक मामला सामने आया है जहां कुछ नौजवानों ने स्टंट की खातिर थार जीप को रेलवे ट्रेक पर उतार दिया। फिर जब थार पटरियों पर फँस गई तो उनके हाथ पांव फूल गए। पटरी पर इसी दौरान मालगाड़ी भी आ गई लेकिन लोको पायलट की सूझबूझ से दुर्घटना टल गई।
नशे में धुत्त तीन चार नौजवानों ने सोमवार को जयपुर के सिवांर इलाके में अपनी करतूत से लोगों को परेशानी में डाल दिया। इन युवकों ने पहले एक थार जीप किराए पर ली और उसे लेकर रेलवे ट्रेक पर पहुंच गए। इरादा था ट्रेक पर जीप दौड़ाने का। लेकिन अचानक थार फँस गई पटरियों के बीच। इसी दौरान कनकपुरा रेलवे स्टेशन की तरफ़ से एक मालगाड़ी को आता देख थार में सवार कुछ युवक तो उतरकर भाग गए लेकिन ड्राइवर बैठा रहा। इस बीच मालगाड़ी के लोको पायलट ने थार को ट्रैक पर देखकर ब्रेक लगा दिए जिससे जान माल का नुकसान होने से बच गया। इस दौरान वहाँ आरपीएफ के जवान और स्थानीय लोग भी पहुँच गए और सबने मिलकर ट्रैक से थार जीप को हटाया। लेकिन ये क्या जैसे ही थार ट्रैक से बाहर आई ड्राइवर उसे मौके से भगाकर ले गया । रास्ते में कई वाहनों और दुपहिया को टक्कर मारी लेकिन रुका नहीं। एक जगह बजरी के ढेर पर थार चढ़ गई लेकिन ड्राइवर ने रफ़्तार कम नहीं की और फ़रार हो गया।
इसके बाद पुलिस ने पड़ताल शुरू की तो घटनास्थल से चार किलोमीटर दूर थार जीप लावारिस खड़ी मिली। पुलिस में जीप को जब्त कर उसके मालिक की तलाश शुरू की तो पता चला कि थार को पारीक पथ सिंवार मोड़ निवासी कुशाल चौधरी चला रहा था।वो इस जीप को बेगस से किराए पर लेकर आया था। कुशल चौधरी अभी भी फ़रार है इस संबंध में आरपीएफ की तरफ से मुकदमा दर्ज किया गया है। रेलवे प्रोटेक्शन एक्ट की धारा 153 के अलावा धारा 147 और 174 में मामला दर्ज करके आरोपियों की तलाश जारी है। ये सभी ग़ैर जमानती धारा है इनके तीन साल तक की क़ैद का प्रावधान है।
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