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आम बजट : जेटली का जोर अर्थव्यवस्था की मजबूती पर

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नई दिल्ली | केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने वित्त वर्ष 2015-16 का आम बजट शनिवार को संसद में पेश किया। इस दौरान उन्होंने उन बिंदुओं पर विशेष ध्यान दिया है, जिससे देश की अर्थव्ययवस्था को मजबूती मिल सके। जेटली ने अपने बजट भाषण में कहा कि उनकी सरकार के सुधारवादी कदमों से देश की साख दोबारा मजबूत हुई है और इससे आज अर्थव्यवस्था बेहतर स्थिति में है।

जेटली ने कहा, “मैं एक ऐसे आर्थिक परिवेश में यह बजट पेश कर रहा हूं, जो पिछले समय की तुलना में अधिक सकारात्मक है। विश्व की प्रमुख अर्थव्यवस्थाएं मुश्किल में हैं। भारत उच्च विकास के मार्ग पर बढ़ रहा है।” उन्होंने कहा, “वित्त वर्ष 2014-15 में वास्तविक जीडीपी विकास दर 7.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है। इससे भारत को विश्व की तेजी से बढ़ रही अर्थव्यवस्था बनने में मदद मिलेगी।” उन्होंने यह भी कहा कि विकास दर अब दहाई अंक में संभव है। उन्होंने कहा, “हमारा उद्देश्य महंगाई पर काबू करना है। साल के अंत तक महंगाई दर पांच प्रतिशत रहेगी।” जेटली ने कहा कि सरकार की मंशा सब्सिडी बंद करना नहीं, बल्कि उसे बेहतर तरीके से लक्षित करना है।

उन्होंने कहा, “किसानों को ऋण के रूप में लगभग 8.5 लाख करोड़ रुपये मुहैया कराए जाएंगे। सिंचाई के लिए 5,300 करोड़ रुपये आवंटित किए जाएंगे।”  जेटली ने कहा कि मनरेगा के अंतर्गत कार्यों की गुणवत्ता और प्रभावशीलता में सुधार लाने पर ध्यान दिया जाएगा। जेटली ने मध्यवर्ग के लिए स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम पर कटौती की सीमा को 15,000 रुपये से बढ़ाकर 25,000 रुपये करने का प्रस्ताव किया है। वहीं, वरिष्ठ नागरिकों के मामले में इसे 20,000 रुपये से बढ़ाकर 30,000 रुपये करने का प्रस्ताव किया गया है। बजट में घरेलू विनिर्माण एवं ‘मेक इन इंडिया’ को प्रोत्साहन देने के लिए सीमा शुल्क एवं उत्पाद शुल्क में कई रियायतें घोषित की गई हैं।

बजट में स्वच्छ भारत और गंगा सफाई पर भी ध्यान दिया गया है। स्वच्छ भारत कोष (निवासी और अनिवासी दोनों द्वारा) और स्वच्छ गंगा निधि (निवासी द्वारा) में दिया गया दान (कंपनी अधिनियम 2013 की धारा 135 के अनुसार किए गए सीएसआर अंशदान को छोड़कर) आयकर अधिनियम की धारा 80जी के तहत 100 फीसदी कटौती का पात्र होगा। बजट में आयकर अधिनियम की धारा 80 जेजेएए के प्रावधानों में संशोधन का प्रस्ताव किया गया है। देश के कई धरोहर स्थलों के संरक्षण के लिए संसाधन का प्रस्ताव भी बजट में किया गया है। इन धरोहर स्थलों में पुराने गोवा के गिरिजाघर और कॉन्वेंट्स के अलावा राजस्थान के कई किले और प्रधानमंत्री का संसदीय क्षेत्र वाराणसी शहर शामिल है।

जेटली ने बजट में आगमन पर वीजा सुविधा वाले देशों की संख्या 43 से बढ़ाकर 150 करने का प्रस्ताव किया है। जेटली ने आशा जताई है कि आने वाले समय में आईएफसी संसद में पेश किया जा सकता है। फिलहाल, भारतीय वित्तीय कोड (आईएफसी) की समीक्षा न्यायमूर्ति कृष्णा समिति द्वारा की जा रही है। बजट में वस्तु वायदा बाजार के निगमन को मजबूत बनाने और अंधाधुंध सट्टेबाजी रोकने के लिए वायदा बाजार आयोग का सेबी में विलय करने का प्रस्ताव है। वित्त विधेयक-2015 में सरकारी प्रतिभूति अधिनियम और भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम में संशोधन का प्रस्ताव है। बजट में कर्मचारियों को कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) के तहत अब दो विकल्प देने की बात कही गई है। पहले विकल्प के तौर पर कर्मचारी या तो ईपीएफ चुने या नई पेंशन योजना। दूसरे विकल्प के तौर पर निश्चित मासिक आय के नीचे के कर्मचारियों के लिए ईपीएफ में योगदान वैकल्पिक होगा और यह मालिकों के योगदान को कम किए बिना या प्रभावित किए बिना होगा।

ईएसआई के संदर्भ में कर्मचारियों को ईएसआई या बीमा निगमन विकास प्राधिकरण (आईआरडीए) द्वारा मान्यता प्राप्त स्वास्थ्य बीमा उत्पाद में से किसी एक को चुनने का विकल्प होगा। बजट में कंपनी कर दर के अगले चार वर्षों के दौरान वर्तमान 30 प्रतिशत से घटाकर 25 प्रतिशत करने का प्रावधान है। बजट में स्वरोजगार और प्रतिभा का उपयोग (सेतु) की स्थापना की बात भी है। इसके लिए, नीति आयोग में आरंभिक रूप में 1000 करोड़ रुपये निर्धारित किए गए हैं। बजट में सरकार की ‘एक्ट ईस्ट’ नीति के तहत कंबोडिया, म्यांमार, लाओस, और वियतनाम नामक सीएमएलवी देशों में विनिर्माण केंद्रों के गठन की घोषणा की गई है।

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पीएम मोदी पर लिखी किताब के प्रचार के लिए स्मृति ईरानी चार देशों की यात्रा पर

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नई दिल्ली। पूर्व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी एक नवीनतम पुस्तक ‘मोडायलॉग – कन्वर्सेशन्स फॉर ए विकसित भारत’ के प्रचार के लिए चार देशों की यात्रा पर रवाना हो गई हैं। यह दौरा 20 नवंबर को शुरू हुआ और इसका उद्देश्य ईरानी को मध्य पूर्व, ओमान और ब्रिटेन में रहने वाले भारतीय समुदाय के लोगों से जोड़ना है।

स्मृति ईरानी ने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा कि,

एक बार फिर से आगे बढ़ते हुए, 4 देशों की रोमांचक पुस्तक यात्रा पर निकल पड़े हैं! 🇮🇳 जीवंत भारतीय प्रवासियों से जुड़ने, भारत की अपार संभावनाओं का जश्न मनाने और सार्थक बातचीत में शामिल होने के लिए उत्सुक हूँ। यह यात्रा सिर्फ़ एक किताब के बारे में नहीं है; यह कहानी कहने, विरासत और आकांक्षाओं के बारे में है जो हमें एकजुट करती हैं। बने रहिए क्योंकि मैं आप सभी के साथ इस अविश्वसनीय साहसिक यात्रा की झलकियाँ साझा करता हूँ

कुवैत, दुबई, ओमान और ब्रिटेन जाएंगी स्मृति ईरानी

डॉ. अश्विन फर्नांडिस द्वारा लिखित यह पुस्तक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के शासन दर्शन पर प्रकाश डालती है तथा विकसित भारत के लिए उनके दृष्टिकोण पर ध्यान केंद्रित करती है। कार्यक्रम के अनुसार ईरानी अपनी यात्रा के पहले चरण में कुवैत, दुबई, फिर ओमान और अंत में ब्रिटेन जाएंगी।

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