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IANS News

‘हवा हवाई’ के 50 साल के सफर को श्रद्धांजलि

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नई दिल्ली, 26 फरवरी (आईएएनएस)| तमिलनाडु के शिवकाशी में 13 अगस्त 1963 को जन्मी श्रीदेवी ने चार साल की उम्र में धार्मिक फिल्म ‘थुनइवां’ से अपने फिल्मी सफर की शुरुआत की थी। इस शुरुआत के बाद उन्होंने तमिल, तेलुगू, कन्नड़, मलयालम और हिंदी फिल्मों में काम करते हुए बॉलीवुड में 1980 और 1990 सबसे सफल अभिनेत्रियों में शामिल हो गई। दरअसल बॉलीवुड को पहली ‘महिला सुपरस्टार’ मिल गई थी।

नवंबर 2017 में एक कार्यक्रम में श्रीदेवी हंसते हुए बोल रही थीं, मैंने अभी कुछ हासिल नहीं किया. बहुत लंबा सफर तय करना है। मुझे लगता है कि मेरा सफर अभी शुरू हुआ है।

उनके अनुसार, उनकी ऐसी कोई इच्छा नहीं है कि बाल कलाकार से इंडिया की सुपरस्टार बनने तक के उनके शानदार सफर पर उनके प्रशंसक उनकी आत्मकथा की कहानिया पढ़ें। उन्होंने जोर देते हुए कहा था, मैं बिल्कुल नया जैसा महसूस करती हूं। मुझे लगता है कि मेरा सफर शुरू होने वाला है। यह खत्म नहीं हुआ है, यह शुरू होने वाला है।

श्रीदेवी के साथ 27 फिल्मों में काम कर चुके कमल हासन ने कहा, उन्होंने लगभग सभी भाषाओं में फिल्में की हैं और मेरे साथ लगभग 27 फिल्मों में काम किया। हम इतनी निरंतरता से काम करते थे कि हमारा निजी जीवन उसी के आसपास रहती थी।

‘सदमा’ के दिनों को याद करते हुए उन्होंने कहा, ‘सदमा’ का गीत अब मेरे कानों में गूंज रहा है। मुझे लगता है कि प्रतिभाशील, सुंदर श्रीदेवी को सुलाने के लिए यह एक महान लोरी है। हमारी तरफ से उनके लिए यही लोरी है। उन्होंने एक अच्छा जीवन जिया, उनके परिवार के प्रति मैं दिल से संवेदना व्यक्त करता हूं।

श्रीदेवी को मात्र ‘चालबाज’ में दोहरी भूमिका निभाने, ‘सदमा’ में रेट्रोगेट एम्नेसिया से पीड़ित महिला, ‘नगीना’ में रूप बदलने वाली महिला, ‘मिस्टर इंडिया’ में नासमझ पत्रकार, ‘इंग्लिश विंग्लिश’ में एक सक्रिय मां या ‘मॉम’ में खतरनाक और प्रतिशोध लेने वाली मां जैसे हजारों किरदार निभाने के लिए ही नहीं जाना जाता है, बल्कि उनकी बोलती आंखें, हाजिर जवाबी से हंसाने की क्षमता और प्रवाही नृत्य क्षमता से वे निर्देशकों को खुश कर देती थीं।

‘हवा हवाई’, ‘मैं तेरी दुश्मन’, ‘मोरनी’, ‘ना जाने कहां से आई है’, ‘मेरे हाथों में’ जैसे गानों में उन्होंने अपनी नृत्य क्षमता से अपने प्रशंसकों को रूबरू कराया।

साल 2013 में भारत सरकार ने उन्हें देश के चौथे सबसे बड़े नागरिक सम्मान ‘पद्मश्री’ से सम्मानित किया। कई अन्य सम्मानों से उन्हें सम्मानित कर उनके काम को सराहा गया।

सालों से फैशन आइकन श्रीदेवी कभी-कभी अपनी बेटियों को कड़ी टक्कर देती नजर आतीं थीं। कुछ अन्य लोगों की तरह वे लोकप्रियता को भुना पाईं।

उस उद्योग में जहां उम्र के हिसाब से काम मिलता है, पचास की उम्र पार कर चुकीं श्रीदेवी ने 15 साल बाद वापसी कराने वाली फिल्म ‘इंग्लिश विंग्लिश’ और पिछले साल ‘मॉम’ को अपने दम पर हिट कराकर अपनी क्षमता को साबित कर दिया। इससे पहले उनकी आखिरी फिल्म 1997 में ‘जुदाई’ थी। उन्होंने वापसी करते हुए ‘इंग्लिश विंग्लिश’ में एक पारंपरिक भारतीय गृहिणी का किरदार अद्वितीय तरीके से निभाया।

बोनी कपूर की पत्नी श्रीदेवी की दो बेटियां जाह्नवी और खुशी हैं। वे जाह्नवी की पदार्पण फिल्म ‘धनक’ के लिए बहुत उत्साहित थीं। ‘धनक’ कुछ महीनों में ही रिलीज होने वाली है।

जीवन की अप्रत्याशितता को देखते हुए कौन जानता था कि श्रीदेवी अपनी बेटी को पदार्पण करते हुए नहीं देख पाएंगी, जिसकी वे ‘बेताज मल्लिका’ रही हैं।

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टेनिस : दुबई चैम्पियनशिप में सितसिपास ने मोनफिल्स को हराया

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 दुबई, 1 मार्च (आईएएनएस)| ग्रीस के युवा टेनिस खिलाड़ी स्टेफानोस सितसिपास ने शुक्रवार को दुबई ड्यूटी फ्री चैम्पियनशिप के पुरुष एकल वर्ग के सेमीफाइनल में फ्रांस के गेल मोनफिल्स को कड़े मुकाबले में मात देकर फाइनल में प्रवेश कर लिया।

  वर्ल्ड नंबर-11 सितसिपास ने वर्ल्ड नंबर-23 मोनफिल्स को कड़े मुकाबले में 4-6, 7-6 (7-4), 7-6 (7-4) से मात देकर फाइनल में प्रवेश किया।

यह इन दोनों के बीच दूसरा मुकाबला था। इससे पहले दोनों सोफिया में एक-दूसरे के सामने हुए थे, जहां फ्रांस के खिलाड़ी ने सीधे सेटों में सितसिपास को हराया था। इस बार ग्रीस के खिलाड़ी ने दो घंटे 59 मिनट तक चले मुकाबले को जीत कर मोनफिल्स से हिसाब बराबर कर लिया।

फाइनल में सितसिपास का सामना स्विट्जरलैंड के रोजर फेडरर और क्रोएशिया के बोर्ना कोरिक के बीच होने वाले दूसरे सेमीफाइनल के विजेता से होगा। सितसिपास ने साल के पहले ग्रैंड स्लैम आस्ट्रेलियन ओपन में फेडरर को मात दी थी।

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