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प्रादेशिक

छात्रा बोली- मेरे पीरियड्स चल रहे हैं, फिर भी टीचरों ने कपड़े उतरवाकर किया ये काम

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मुंबई। महाराष्ट्र के पुणे जिले के एक प्राइवेट स्कूल में नकल रोकने के नाम पर छात्राओं के साथ दुर्व्यवहार का मामला सामने आया है। यहां टीचरों ने नक़ल रोकने के लिए छात्राओं के पूरे कपड़े उतारकर उनकी तलाशी ली। इस दौरान एक छात्रा के पीरियड्स चल रहे थे। उसने टीचर से बोला भी कि मेरे पीरियड्स चल रहे हैं इसलिए पैंट उतरवाकर मेरी तलाशी न ली जाए लेकिन इसके बाद उसकी तलाशी ली गई।

यह घटना पुणे के लोणीकालभोर गांव में स्थित एमआइटी कॉलेज के विश्वशांति गुरुकुल स्कूल की है। इस प्राइवेट स्कूल में 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षा का सेंटर है। शनिवार को 12वीं की परीक्षा देने आईं पृथ्वीराज कपूर जूनियर कॉलेज की करीब 14 छात्राओं ने इस कॉलेज के दो महिला कर्मचारियों पर गंभीर आरोप लगाए हैं। छात्राओं का कहना है कि ये जानने के लिए कहीं छात्राएं कॉपी करने के लिए नकल के पुर्जे ड्रेस में छिपाकर तो नहीं ले जा रही हैं स्कूल की दो महिला कर्मचारियों ने उनकी कपड़े उतरवाकर तलाशी ली। इस काम में स्कूल की टीचरों ने भी उनका साथ दिया।

छात्राओं ने बताया कि पेपर शुरू होने से पहले हमें महिला गार्ड और एक टीचर हमें जांच के लिए दूसरे रूम में लेकर गए, साथ ही पूरे कपड़े उतारने को कहा गया. महिला गार्ड ने एक छात्रा को पैंट निकालने को कहा। तब छात्रा ने कहा कि मेरे पीरियड्स चल रहे हैं, मैं पैंट नहीं उतार सकती. ऐसा बताने के बावजूद महिला गार्ड ने मुझे पैंट उतारने के लिए मजबूर किया और मेरे साथ आपत्तिजनक हरकत की।

यह सिलसिला लगातार तीन से चार पेपर के दौरान चला. छात्राओं की सहनशक्ति जब खत्म हो गई तो उन्होंने अपने परिवार से इस बात की शिकायत की। अभिभावकों ने कॉलेज जाकर नाराजगी जताई और उसके बाद पुलिस स्टेशन में जाकर मामला दर्ज कराया। छात्राओं के आरोप के बाद पुलिस ने दो महिला शिक्षकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है।

उत्तर प्रदेश

संभल हिंसा: 2500 लोगों पर केस, शहर में बाहरी की एंट्री पर रोक, इंटरनेट कल तक बंद

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संभल। संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान रविवार को भड़की हिंसा के बाद सोमवार सुबह से पूरे शहर में तनाव का माहौल है। हिंसा प्रभावित इलाकों में कर्फ्यू जैसे हालात हैं। प्रशासन ने स्थिति नियंत्रण में लाने के लिए कड़े कदम उठाए हैं। डीआईजी मुनिराज जी के नेतृत्व में पुलिस बल ने हिंसा प्रभावित इलाकों में फ्लैग मार्च किया। शहर के सभी प्रमुख चौराहों पर बैरिकेडिंग की गई है, और प्रवेश मार्गों पर पुलिस तैनात है। पुलिस ने अभी तक 25 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। इसमें दो महिलाएं भी शामिल हैं। इंटरनेट अब कल तक बंद रहेगा।

इसके अलावा कोई भी बाहरी व्यक्ति, अन्य सामाजिक संगठन अथवा जनप्रतिनिधि जनपद संभल की सीमा में सक्षम अधिकारी की अनुमति के बिना एक दिसंबर तक प्रवेश नहीं करेगा। ये आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा। इस आदेश का उल्लंघन भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 223 के अंतर्गत दंडनीय अपराध होगा। इसके अलावा संभल और आसपास के क्षेत्रों में इंटरनेट बंद कर दिया गया है। साथ ही स्कूलों को बंद करने का भी आदेश जारी किया गया है। हिंसा मामले में 25 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनके साथ 2500 लोगों पर भी केस दर्ज किया गया है। साथ ही पुलिस की तरफ से दुकानों को बंद नहीं किया गया है।

इसके साथ ही संभल पुलिस ने समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क और विधायक नवाब इकबाल महमूद के बेटे सुहैल इकबाल पर एफआईआर दर्ज की है। दोनों नेताओं पर संभल में हिंसा भड़काने के मामले में एफआईआर दर्ज की गई है। उल्लेखनीय है कि रविवार (24 नवंबर) की सुबह संभल की शाही जामा मस्जिद का सर्वेक्षण किया गया था। इस दौरान मस्जिद के पास अराजक तत्वों ने सर्वेक्षण टीम पर पथराव कर दिया। देखते ही देखते माहौल बिगड़ता चला गया। पुलिस ने हालात को काबू करने के लिए आंसू गैसे के गोले छोड़े और अराजक तत्वों को चेतावनी भी दी। हालांकि, हिंसा के दौरान चार लोगों की मौत हो गई।

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