Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

प्रादेशिक

एनसीडी से निपटने के लिए विशेष रणनीति चाहते हैं विशेषज्ञ

Published

on

Loading

नई दिल्ली| देश भर के चिकित्सा पेशेवरों और स्वास्थ्य नीति विश्लेषकों ने बढ़ रहे गैर-संचारी रोगों (एनसीडी) से निपटने के लिए सशक्त रूप से एक समेकित कार्य योजना लाने की वकालत की। राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति 2015 के मसौदे में पहली बार एनसीडी को शामिल करने की प्रशंसा करते हुए उन्होंने कहा है कि इसे स्वस्थ भारत के लक्ष्य को हासिल करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में देखा जाना चाहिए।

स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने जोर देकर कहा है कि जागरूकता पर विशेष ध्यान और रोग के पूर्व निदान, एनसीडी की व्यवस्थित, स्वास्थ्य देखरेख के लिए वित्त, स्वास्थ्यकर्मियों और पराचिकित्सीय कर्मियों के लिए प्रशिक्षण व विकास पर ध्यान दिए जाने के साथ ही एक परिणाम केंद्रित कार्य योजना लाया जाना आवश्यक है।

देश में एनसीडी के लिए एकीकृत कार्य योजना की जरूरत पर बल देते हुए ‘पार्टनरशिप टू फाइट क्रॉनिक डिजीज’ (पीएफसीडी) के अध्यक्ष डॉ केनेथ थोरपे ने कहा, “एनसीडी देश में मृत्यु दर का सबसे प्रमुख कारण है। बीमारियों की जांच, बचाव, जोखिम को नियंत्रित करने और स्वास्थ्य को बढ़ावा देने पर ध्यान दिए जाने के साथ प्राथमिक स्वास्थ्य देखरेख नेटवर्क के निर्माण और सशक्तीकरण से एनसीडी से होने वाली मृत्यु दर को कम करने के लिए एकीकृत कार्य योजना की संरचना तैयार करनी चाहिए।”

उन्होंने आगे कहा कि प्राथमिक स्तर पर स्वास्थ्यकर्मियों को प्रशिक्षण दिया जाना आवश्यक है। इसके साथ ही कार्य योजना को प्रभावी रूप से क्रियान्वित करने के लिए स्वास्थ्य देखरेख के लिए धन मुहैया कराना भी समान रूप से महत्वपूर्ण है।

बीमारी विशेष बीमा उत्पादों, दवाइयों, नई प्रौद्योगिकी और जीवनशैली में बदलाव से भी एनसीडी से होने वाली चुनौतियों से निपटने में मदद मिल सकती है।

भयावह तथ्य :

– देश में एनसीडी से होने वाली मृत्यु दर 2008 में 53 प्रतिशत से बढ़ कर 2030 तक 73 प्रतिशत तक होने की संभावना है।

– एनसीडी की वजह से वैश्विक उत्पादकता घाटे में भारत की हिस्सेदारी 2030 तक 25 प्रतिशत हो सकती है।

– देश में 20-79 वर्ष की आयु के मधुमेह के मरीजों की संख्या 2030 तक बढ़ कर 10.12 करोड़ होने की संभावना है।

– एनसीडी और मानसिक विकारों की वजह से 2012 से 2030 के बीच 4.58 खरब डॉलर तक का आर्थिक नुकसान हो सकता है।

– 2014 में हृदयवाहिनी रोगों (सीवीडी) से देश में 26 प्रतिशत मृत्यु हुई, जबकि श्वास की पुरानी बीमारियों से 13 प्रतिशत, कैंसर से सात प्रतिशत और मधुमेह से दो प्रतिशत लोगों की मृत्यु हुई।

– देश की 20 प्रतिशत से अधिक की आबादी कम से कम एक पुरानी बीमारी से पीड़ित हैं और दस प्रतिशत से अधिक आबादी एक से ज्यादा पुरानी बीमारियों से ग्रस्त हैं।

– लोगों के स्वास्थ्य के लिए तंबाकू सबसे गंभीर चुनौती है। सिर्फ भारत में ही वार्षिक तौर पर 700 अरब बीड़ी का सेवन किया जाता है।

 

Continue Reading

उत्तर प्रदेश

संभल हिंसा: 2500 लोगों पर केस, शहर में बाहरी की एंट्री पर रोक, इंटरनेट कल तक बंद

Published

on

Loading

संभल। संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान रविवार को भड़की हिंसा के बाद सोमवार सुबह से पूरे शहर में तनाव का माहौल है। हिंसा प्रभावित इलाकों में कर्फ्यू जैसे हालात हैं। प्रशासन ने स्थिति नियंत्रण में लाने के लिए कड़े कदम उठाए हैं। डीआईजी मुनिराज जी के नेतृत्व में पुलिस बल ने हिंसा प्रभावित इलाकों में फ्लैग मार्च किया। शहर के सभी प्रमुख चौराहों पर बैरिकेडिंग की गई है, और प्रवेश मार्गों पर पुलिस तैनात है। पुलिस ने अभी तक 25 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। इसमें दो महिलाएं भी शामिल हैं। इंटरनेट अब कल तक बंद रहेगा।

इसके अलावा कोई भी बाहरी व्यक्ति, अन्य सामाजिक संगठन अथवा जनप्रतिनिधि जनपद संभल की सीमा में सक्षम अधिकारी की अनुमति के बिना एक दिसंबर तक प्रवेश नहीं करेगा। ये आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा। इस आदेश का उल्लंघन भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 223 के अंतर्गत दंडनीय अपराध होगा। इसके अलावा संभल और आसपास के क्षेत्रों में इंटरनेट बंद कर दिया गया है। साथ ही स्कूलों को बंद करने का भी आदेश जारी किया गया है। हिंसा मामले में 25 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनके साथ 2500 लोगों पर भी केस दर्ज किया गया है। साथ ही पुलिस की तरफ से दुकानों को बंद नहीं किया गया है।

इसके साथ ही संभल पुलिस ने समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क और विधायक नवाब इकबाल महमूद के बेटे सुहैल इकबाल पर एफआईआर दर्ज की है। दोनों नेताओं पर संभल में हिंसा भड़काने के मामले में एफआईआर दर्ज की गई है। उल्लेखनीय है कि रविवार (24 नवंबर) की सुबह संभल की शाही जामा मस्जिद का सर्वेक्षण किया गया था। इस दौरान मस्जिद के पास अराजक तत्वों ने सर्वेक्षण टीम पर पथराव कर दिया। देखते ही देखते माहौल बिगड़ता चला गया। पुलिस ने हालात को काबू करने के लिए आंसू गैसे के गोले छोड़े और अराजक तत्वों को चेतावनी भी दी। हालांकि, हिंसा के दौरान चार लोगों की मौत हो गई।

Continue Reading

Trending