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प्रादेशिक

‘ऑनर किलिंग’ को लेकर केंद्र ने लिया यह बड़ा फैसला

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केंद्र ने बुधवार को सर्वोच्च न्यायालय को बताया कि वह ‘ऑनर किलिंग’ (तथाकथित सम्मान के नाम पर हत्या) को संज्ञेय अपराध की श्रेणी में लाने वाला एक कानून लाने जा रहा है जिससे तत्काल पुलिस कार्रवाई हो और दोषियों के खिलाफ आपराधिक मामला तुरंत शुरू हो सके। केंद्र ने प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति ए.एम. खानविलकर और न्यायमूर्ति डी.वाई. चंद्रचूड़ की खंडपीठ को बताया कि प्रस्तावित ‘वैवाहिक गठबंधन की स्वतंत्रता के साथ हस्तक्षेप का निषेध विधेयक’ पर 23 राज्यों ने अपने विचार भेजे हैं।

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अदालत को बताया गया कि अन्य राज्यों को भी जल्द से जल्द अपने विचार भेजने के लिए कहा गया है।

केंद्र ने सर्वोच्च न्यायालय को बताया कि कानून व्यवस्था राज्य सरकार के अंतर्गत आने के कारण राज्यों से राय मांगी गई है।

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केंद्र ने हालांकि न्यायालय से कहा कि अभी इस कानून के लंबित होने कारण वह पुलिस को उन युगलों के खिलाफ अपराध रोकने के लिए तत्काल निर्देश दे सकता है जिन्होंने अपने मन से शादी करने का निर्णय लिया है या जो शादी कर चुके हैं।

केंद्र ने कहा, “पुलिस को ऐसे युगलों को सुरक्षा आवासों में रखकर या किसी अन्य तरीके से उनकी जान की रक्षा करनी होगी।”

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केंद्र ने न्यायालय से आग्रह किया कि वह ऐसे युगलों की शिकायत दर्ज करने के लिए प्रत्येक जिले में विशेष सेल स्थापित करने का निर्देश दें।

सर्वोच्च न्यायालय ने बुधवार को गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) शक्ति वाहिनी की उस याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रखा जिसके तहत एनजीओ ने ‘ऑनर किलिंग’ की घटनाओं को रोकने, खाप पंचायतों द्वारा मानवाधिकारों का उल्लंघन तथा शादी करने के इच्छुक वयस्कों के सम्मान की रक्षा करने के लिए कहा था।

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न्यायालय ने जोर दिया कि जाति, पंथ या धर्म कोई भी हो, अगर दो वयस्कों ने विवाह करने का निर्णय लिया है तो कोई तीसरा पक्ष इसमें हस्तक्षेप नहीं कर सकता।

न्यायालय ने पांच फरवरी को कहा था कि खाप पंचायतें समाज के विवेक रक्षक की तरह काम नहीं कर सकतीं।

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उत्तर प्रदेश

संभल हिंसा: 2500 लोगों पर केस, शहर में बाहरी की एंट्री पर रोक, इंटरनेट कल तक बंद

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संभल। संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान रविवार को भड़की हिंसा के बाद सोमवार सुबह से पूरे शहर में तनाव का माहौल है। हिंसा प्रभावित इलाकों में कर्फ्यू जैसे हालात हैं। प्रशासन ने स्थिति नियंत्रण में लाने के लिए कड़े कदम उठाए हैं। डीआईजी मुनिराज जी के नेतृत्व में पुलिस बल ने हिंसा प्रभावित इलाकों में फ्लैग मार्च किया। शहर के सभी प्रमुख चौराहों पर बैरिकेडिंग की गई है, और प्रवेश मार्गों पर पुलिस तैनात है। पुलिस ने अभी तक 25 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। इसमें दो महिलाएं भी शामिल हैं। इंटरनेट अब कल तक बंद रहेगा।

इसके अलावा कोई भी बाहरी व्यक्ति, अन्य सामाजिक संगठन अथवा जनप्रतिनिधि जनपद संभल की सीमा में सक्षम अधिकारी की अनुमति के बिना एक दिसंबर तक प्रवेश नहीं करेगा। ये आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा। इस आदेश का उल्लंघन भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 223 के अंतर्गत दंडनीय अपराध होगा। इसके अलावा संभल और आसपास के क्षेत्रों में इंटरनेट बंद कर दिया गया है। साथ ही स्कूलों को बंद करने का भी आदेश जारी किया गया है। हिंसा मामले में 25 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनके साथ 2500 लोगों पर भी केस दर्ज किया गया है। साथ ही पुलिस की तरफ से दुकानों को बंद नहीं किया गया है।

इसके साथ ही संभल पुलिस ने समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क और विधायक नवाब इकबाल महमूद के बेटे सुहैल इकबाल पर एफआईआर दर्ज की है। दोनों नेताओं पर संभल में हिंसा भड़काने के मामले में एफआईआर दर्ज की गई है। उल्लेखनीय है कि रविवार (24 नवंबर) की सुबह संभल की शाही जामा मस्जिद का सर्वेक्षण किया गया था। इस दौरान मस्जिद के पास अराजक तत्वों ने सर्वेक्षण टीम पर पथराव कर दिया। देखते ही देखते माहौल बिगड़ता चला गया। पुलिस ने हालात को काबू करने के लिए आंसू गैसे के गोले छोड़े और अराजक तत्वों को चेतावनी भी दी। हालांकि, हिंसा के दौरान चार लोगों की मौत हो गई।

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