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प्रादेशिक

पत्नी को नहीं भेजा ससुराल तो ससुर को चाकू से गोदकर मार डाला

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बरेली। उत्तर प्रदेश के बरेली जिले में एक सनसनीखेज मामला सामने आया है। बरेली के हुसैनबाग इलाके में दामाद ने अपने ही ससुर की बेरहमी से हत्या कर दी। बताया जा रहा है कि आरोपी पत्नी को मायके से विदा नहीं किए जाने से बेहद नाराज था जिसके चलते उसने अपने ससुर को चाकू से ताबड़तोड़ वार करके मौत के घाट उतार दिया। बाद में आरोपी ने खुद थाने में पहुंचकर आत्मसमर्पण कर दिया।

वारदात बरेली के हुसैनबाग इलाके की है। जहां रहने वाले 65 वर्षीय मुहम्मद रईस मियां ने दिसम्बर 2010 में अपनी बेटी सीमा का निकाह फहीम नाम के एक शख्स के साथ किया था। फहीम और सीमा के बीच आए दिन झगड़े होते रहते थे जिसकी वजह से वह अपने मायके में ही रह रही थी।

पुलिस के मुताबिक सीमा ने साल 2013 में अपने पति फहीम के खिलाफ दहेज उत्पीड़न का मुकदमा दर्ज कराया था। हालांकि बाद में उन दोनों के बीच सुलह हो गई थी, लेकिन मुकदमा चलता रहा। इसी बीच करीब दस महीने पहले सीमा अपने मायके चली आई। फहीम का कहना है कि पिछले दस महीने में वह कई बार अपनी पत्नी को लेने अपनी ससुराल गया, लेकिन उसके ससुर रईस मियां ने सीमा को भेजने से साफ मना कर दिया। जानकारी के मुताबिक सीमा भी वापस उसके घर नहीं जाना चाहती थी।

फहीम का आरोप है कि उसे उसके बेटे से भी नहीं मिलने नहीं दिया गया। जब उसने तलाक की बात कही तो रईस ने सीमा के लिये मकान खरीदकर देने की शर्त रखी, जिसे पूरा करना फहीम के लिए मुमकिन नहीं था। फहीम का कहना है कि सोमवार की रात भी वह सीमा को लेने गया था।

तभी फहीम को घर के पास उसके ससुर रईस मिल गए। फहीम ने उनसे फिर सीमा को उनके साथ भेजने की गुहार लगाई। लेकिन उसके ससुर रईस ने सीमा को उसके साथ भेजने से साफ इनकार कर दिया। इस बात से फहीम के सर पर खून सवार हो गया और उसने अपने ससुर को वहीं चाकू से गोद डाला। जिससे मौके पर ही उनकी मौत हो गई। हत्या की वारदात को अंजाम देने के बाद फहीम खुद थाने पहुंचा और वहां जाकर आत्मसमर्पण कर दिया। पुलिस ने उसे फौरन गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने इस संबंध में मुकदमा दर्ज कर लिया है।

 

IANS News

वसुधैव कुटुंबकम’ भारत का शाश्वत संदेश : योगी आदित्यनाथ

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लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘वसुधैव कुटुंबकम’ के आदर्श वाक्य के महत्व पर जोर देते हुए इसे भारत की वैश्विक मानवता के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक बताया है। उन्होंने इसे भारत का शाश्वत संदेश बताते हुए कहा कि हमने हमेशा से शांति, सौहार्द और सह-अस्तित्व को प्राथमिकता दी है। सीएम योगी ने यह बात शुक्रवार को एलडीए कॉलोनी, कानपुर रोड स्थित सिटी मॉन्टेसरी स्कूल (सीएमएस) के वर्ल्ड यूनिटी कन्वेंशन सेंटर में विश्व के मुख्य न्यायाधीशों के 25वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करने के दौरान अपने संबोधन में कही। कार्यक्रम में 56 देशों के 178 मुख्य न्यायाधीश और डेलिगेट्स ने भाग लिया।

‘अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक’
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक बताया। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद सम्मानजनक अंतरराष्ट्रीय संबंधों को विकसित करने और संघर्षों को शांतिपूर्ण ढंग से हल करने के लिए नैतिक मार्ग का अनुसरण करने के लिए हम सभी को प्रेरित करता है। उन्होंने समारोह को प्रेरणादायक बताते हुए कहा कि 26 नवंबर 2024 को संविधान अंगीकरण के 75 वर्ष पूरे होंगे। यह संविधान के अंगीकृत होने के अमृत महोत्सव वर्ष की शुरुआत के दौरान आयोजित हो रहा है।

‘युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है’
योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संयुक्त राष्ट्र के ‘समिट ऑफ दि फ्यूचर’ में दिये गये संबोधन की चर्चा करते हुए कहा कि युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है। युद्ध ने दुनिया के ढाई अरब बच्चों के भविष्य को खतरे में डाला है। उन्होंने दुनिया के नेताओं से आग्रह किया कि वे एकजुट होकर आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वच्छ, सुरक्षित और भयमुक्त समाज का निर्माण करें। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सम्मेलन को वैश्विक संवाद और सहयोग का मंच बताते हुए विश्वास व्यक्त किया कि अनुच्छेद 51 की भावना के अनुरूप यह आयोजन विश्व कल्याण के मार्ग को प्रशस्त करेगा। उन्होंने दुनिया भर के न्यायाधीशों से इस दिशा में सक्रिय योगदान देने का भी आह्वान किया।

‘भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध’
मुख्यमंत्री ने संविधान के अनुच्छेद 51 की चर्चा करते हुए कहा कि यह वैश्विक शांति और सौहार्द की दिशा में भारत की सोच को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद संघर्षों के शांतिपूर्ण समाधान और सभी देशों के बीच सम्मानजनक संबंधों को बढ़ावा देने का संदेश देता है। मुख्यमंत्री ने भारत की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की सक्रिय भागीदारी से यह स्पष्ट होता है कि भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध है।

सीएमएस के संस्थापक को दी श्रद्धांजलि
सीएमएस के संस्थापक डॉ. जगदीश गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी दूरदृष्टि और प्रयासों से यह सम्मेलन एक महत्वपूर्ण मंच बना है। उन्होंने डॉ. भारती गांधी और गीता गांधी को इस कार्यक्रम को अनवरत जारी रखने के लिए धन्यवाद दिया।

इस अवसर पर हंगरी की पूर्व राष्ट्रपति, हैती रिपब्लिक के पूर्व प्रधानमंत्री सहित दुनिया के 56 देशों से आए हुए न्यायमूर्तिगण, सीएमएस की संस्थापक निदेशक डॉ भारती गांधी, प्रबंधक गीता गांधी किंगडन समेत स्कूली बच्चे और अभिभावकगण मौजूद रहे।

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