Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

IANS News

राजनीतिक परिस्थितियों पर रोने की बजाय हंसना बेहतर है : अश्वनी धीर

Published

on

Loading

नई दिल्ली, 14 मार्च (आईएएनएस)| फिल्मकार अश्वनी धीर का मानना है कि मुद्दों को हंसकर सुलझाना चाहिए। धीर अपने टेलीविजन धारावाहिक ‘हर शाख पे उल्लू बैठा है’ के माध्यम से भी यही दिखाना चाहते हैं। उनका कहना है कि लोगों को राजनीति और इसके इसके आसपास के मुद्दों पर बातचीत करनी चाहिए।

स्टार प्लस पर प्रसारित होने वाले शो ‘हर शाख पे उल्लू बैठा है’ भ्रष्ट और मजाकिया राजनीतिज्ञ पर आधारित है।

धीर ने एक ईमेल साक्षात्कार में आईएएनएस से कहा, लोग आम तौर पर राजनीति के बारे में खुले तौर पर बात नहीं करते और मेरे मन में इस विषय पर शो बनाने का विचार कुछ साल पहले आया था जब मैंने टीवी शो ‘ऑफिस ऑफिस’ लिखा था।

उन्होंने कहा, हमारे पास नौकरशाही है और राजनीति में भी काफी कुछ होता रहता है, जिस पर कोई नहीं लिखता और हम इन बातों के आदि हो चुके हैं, इसलिए इस स्थिति पर रोने के बजाय हंसना बेहतर है।

उन्होंने कहा, लोगों को इस पर ज्यादा बातचीत करनी चाहिए। एक रिपोर्टर, लेखक और एक अच्छे राजनेता का राजनीति को लेकर अपना दृष्टिकोण होता है, लेकिन मैंने शो के माध्यम से उनके विचारों के साथ न्याय करने की कोशिश की है।

धीर बॉलीवुड में ‘सन ऑफ सरदार’, ‘गेस्ट इन लंदन’ और ‘वन टू थ्री’ का निर्देशन कर चुके हैं। इसके अलावा, टेलीविजन पर वह ‘चिड़िया घर’ और ‘लापतागंज’ जैसे धारावाहिकों का निर्माण कर चुके हैं।

‘हर शाख पे उल्लू बैठा है’ धीर द्वारा लिखित और निर्देशित है। उनका कहना है कि यह धारावाहिक उनके विचारों और अवलोकन पर आधारित है।

उन्होंने कहा, चैनल ने इस प्रयास में मेरा साथ दिया और उद्योग में यह बहुत दुर्लभ है। उदाहरण के लिए, एक लेखक के तौर पर आप अपने अनुसार एक अच्छी किताब लिख सकते हैं, लेकिन कई प्रकाशन इसे प्रकाशित नहीं करते।

फिल्मकार ने धारावहिक के माध्यम से आम आदमी पर भी निशाना साझा है।

उन्होंने कहा, धारावाहिक का नाम ‘हर शाख पे उल्लू बैठा है’ है। इसका अर्थ है कि कोई राजनीतिज्ञ ‘उल्लू’ हो सकता है या कोई आम आदमी हो सकता है। लोग देश बनाते हैं, राजनेता नहीं, और यही कारण है कि आम आदमी ‘उल्लू’ है।

उन्होंने कहा, हम सिर्फ खुद को व्यक्त करना चाहते हैं और चाहते हैं कि लोग शो के विषय को समझें। इस शो के निर्माण के दौरान मैंने टीआरपी या रेटिंग के बारे में नहीं सोचा था।

यह पूछे जाने पर कि इस विषय पर फिल्म के बजाय टीवी शो क्यों बनाया?

इस पर उन्होंने कहा, इसलिए, क्योंकि आप दो घंटे की फिल्म में केवल एक विषय को ही छू सकते हैं। इस टीवी शो में कई मुद्दों पर बातचीत की गई है। उदाहरण के लिए, हमारी शिक्षा प्रणाली एक ऐसा विषय है जो हमारे लिए महत्वपूर्ण है..कई मुद्दे हैं और इन सभी को एक ही फिल्म में शामिल नहीं किया जा सकता था, यही कारण है कि शो के लिए टेलीविजन एकदम सही मंच है।

Continue Reading

IANS News

टेनिस : दुबई चैम्पियनशिप में सितसिपास ने मोनफिल्स को हराया

Published

on

Loading

 दुबई, 1 मार्च (आईएएनएस)| ग्रीस के युवा टेनिस खिलाड़ी स्टेफानोस सितसिपास ने शुक्रवार को दुबई ड्यूटी फ्री चैम्पियनशिप के पुरुष एकल वर्ग के सेमीफाइनल में फ्रांस के गेल मोनफिल्स को कड़े मुकाबले में मात देकर फाइनल में प्रवेश कर लिया।

  वर्ल्ड नंबर-11 सितसिपास ने वर्ल्ड नंबर-23 मोनफिल्स को कड़े मुकाबले में 4-6, 7-6 (7-4), 7-6 (7-4) से मात देकर फाइनल में प्रवेश किया।

यह इन दोनों के बीच दूसरा मुकाबला था। इससे पहले दोनों सोफिया में एक-दूसरे के सामने हुए थे, जहां फ्रांस के खिलाड़ी ने सीधे सेटों में सितसिपास को हराया था। इस बार ग्रीस के खिलाड़ी ने दो घंटे 59 मिनट तक चले मुकाबले को जीत कर मोनफिल्स से हिसाब बराबर कर लिया।

फाइनल में सितसिपास का सामना स्विट्जरलैंड के रोजर फेडरर और क्रोएशिया के बोर्ना कोरिक के बीच होने वाले दूसरे सेमीफाइनल के विजेता से होगा। सितसिपास ने साल के पहले ग्रैंड स्लैम आस्ट्रेलियन ओपन में फेडरर को मात दी थी।

Continue Reading

Trending