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खेल-कूद

राष्ट्रमंडल खेलों में यादगार पदार्पण करना चाहते हैं नीरज

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नई दिल्ली, 27 मार्च (आईएएनएस)| भाला फेंक स्पर्धा में जूनियर स्तर पर इतिहास रचने वाले भारतीय एथलीट नीरज चोपड़ा अब आस्ट्रेलिया में होने वाले राष्ट्रमंडल खेलों में अपने पदार्पण को ऐतिहासिक बनाना चाहते हैं।

चार अप्रैल से आस्ट्रेलिया के गोल्ड कोस्ट में राष्ट्रमंडल खेलों का आयोजन हो रहा है। इसमें नीरज पहली बार हिस्सा ले रहे हैं और इसे वह विशेष बनाना चाहते हैं। आईएएनएस के साथ एक साक्षात्कार में उन्होंने अपनी इस इच्छा को जाहिर किया।

नीरज ने दो साल पहले पोलैंड में अंडर-20 विश्व चैंपियनशिप में भाला फेंक स्पर्धा में भारत के लिए इतिहास रच दिया था। उस समय 18 साल के नीरज ने 86.48 मीटर की दूरी तय कर जूनियर विश्व रिकॉर्ड बनाया था।

इस स्पर्धा में नीरज ने लातविया के जिगिस्मंड सिरमायस के 84.69 मीटर के रिकॉर्ड को तोड़ा था।

राष्ट्रमंडल खेलों में नीरज भारत के लिए पदक जीतने के प्रबल दावेदारों में हैं। 20 वर्षीय एथलीट गोल्ड कोस्ट पहुंच चुके हैं और इन खेलों में हिस्सा लेने के लिए उत्साहित हैं।

नीरज ने आईएएनएस के साथ एक साक्षात्कार में कहा, मैं पहली बार राष्ट्रमंडल खेलों में हिस्सा ले रहा हूं और बहुत उत्साहित हूं। मैंने दक्षिण एशियाई खेलों में हिस्सा लिया था, लेकिन राष्ट्रमंडल खेल बड़ी प्रतियोगिता है और मैं अपना 100 प्रतिशत देने के लिए प्रतिबद्ध हूं। मैं अपने पदार्पण को यादगार बनाना चाहता हूं।

उन्होंने कहा, मैं आस्ट्रेलिया में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन देने के लिए हूं और अगर मैं ऐसा करने में कामयाब होता हूं, तो मैं यहां पदक के साथ लौटूंगा।

नीरज इस बात से परिचित हैं कि उनके लिए राष्ट्रमंडल जैसे खेलों में पदक जीतना आसान नहीं होगा, क्योंकि यहां उन्हें दिग्गज एथलीटों से कड़ी टक्कर मिलने वाली है।

अपने प्रतिद्वंद्वी खिलाड़ियों के बारे में नीरज ने कहा, मेरे लिए प्रतियोगिता बेहद मुश्किल होने वाली है, क्योंकि मुझे अपने प्रतिद्वंद्वियों के रूप में 2015 विश्व चैम्पियन जूलियस येगो और ओलम्पिक चैम्पियन केशरेन वालकोट जैसे एथलीट मिलेंगे। इन प्रतिद्वंद्वियों में विश्व अंडर-20 कांस्य पदक विजेता एंडरसन पीटर्स भी शामिल हैं।

नीरज ने इस माह पटियाला में आयोजित फेडरेशन कप एथलेटिक्स चैम्पियनशिप भाला फेंक स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीतने के साथ ही राष्ट्रमंडल खेलों में प्रवेश हासिल किया था।

भारतीय जमीन पर अपने भाले से 85.94 मीटर की दूरी तय कर उन्होंने राष्ट्रीय रिकॉर्ड भी कायम किया था। यह उनके करियर का दूसरा सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन था।

गोल्ड कोस्ट के लिए रवाना हुए पहले भारतीय दल में शामिल नीरज का मानना है कि जल्दी पहुंचने से उन्हें यहां की परिस्थितियों के साथ परिचित होने में काफी मदद मिली है और इससे उनका आत्मविश्वास भी बढ़ा है।

नीरज पहली बार आस्ट्रेलिया गए हैं और अभी तक का उनका अनुभव यहां अच्छा रहा है। उन्हें आशा है कि वह यहां से कुछ नया सीखेंगे।

अपने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन को और भी बेहतर करने की आशा रखने वाले नीरज के लिए पिछला साल आसान नहीं रहा। उन्हें कई परेशानियों का सामना करना पड़ा।

नीरज के पूर्व कोच गैरी काल्वर्ट अपने करार के समाप्त होने के कारण पिछले साल मई में आस्ट्रेलिया लौट गए थे। ऐसे में उन्हें कई माह तक अकेले ही प्रशिक्षण करना पड़ा।

इस बारे में नीरज ने कहा, मेरे लिए वह समय काफी मुश्किल था, क्योंकि मुझे अकेले प्रशिक्षण करना पड़ा। हालांकि, मैंने किसी तरह इस स्थिति को संभाल लिया।

बकौल नीरज, कोच के साथ प्रशिक्षण करना हमेशा बेहतर होता है। कोच के न होने के कारण मेरे प्रदर्शन पर भी फर्क पड़ा था।

गैरी के जाने के बाद नीरज को जर्मनी के दिग्गज उवे हॉन के रूप में नया कोच मिला और फिर उनके लिए स्थिति और भी बेहतर हो गई।

अपने नए कोच के बारे में नीरज ने कहा, मैं हॉन के मार्गदर्शन में प्रशिक्षण लेकर बहुत खुश हूं। उनके साथ अब तक का सफर अच्छा रहा है और आशा है कि भविष्य में भी यह ऐसा ही रहेगा। उन्होंने मुझे कई नई तकनीक सिखाई और मैं इन पर काम कर रहा हूं।

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खेल-कूद

IND VS AUS: पर्थ में टूटा ऑस्ट्रेलिया का घमंड, भारत ने 295 रनों से दी मात

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पर्थ। भारतीय क्रिकेट टीम ने बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के पहले टेस्ट मैच में मेजबान ऑस्ट्रेलिया को धूल चटाते हुए नया कीर्तिमान रच दिया है। टीम इंडिया ने पर्थ में 16 साल बाद पहला टेस्ट मैच जीता है। इससे पहले भारत ने साल 2008 में कुंबले की कप्तानी में ऑस्ट्रेलिया को हराया था। हालांकि यह मैच पर्थ के ऑप्टस स्टेडियम में खेला गया। पहली पारी में 150 रन बनाने वाली टीम इंडिया ने ऑस्ट्रेलिया को पहली पारी में सिर्फ 104 रनों पर ढेर कर दिया था। इसके बाद टीम इंडिया ने अपनी दूसरी पारी 487/6 रन के स्कोर पर घोषित करते हुए ऑस्ट्रेलिया के सामने 534 रनों का विशाल लक्ष्य रखा।

इस पहाड़ जैसे लक्ष्य का पीछा करते हुए ऑस्ट्रेलिया की टीम दूसरी पारी में सिर्फ 238 रनों के स्कोर पर ढेर हो गई। इस तरह टीम इंडिया ने ऑस्ट्रेलिया को उसी के घर में 295 रनों से हराकर बड़ा इतिहास रच दिया। ध्यान देने वाली बात यह है कि टीम इंडिया में न तो रोहित शर्मा थे, न ही शुभमन गिल, न ही रवींद्र जडेजा और रविचंद्रन अश्विन और न ही मोहम्मद शमी थे। इसके बावजूद टीम इंडिया ने ऐतिहासिक जीत दर्ज की।

पर्थ टेस्ट की दूसरी पारी में यशस्वी जायसवाल ने 161 रन और विराट कोहली ने नाबाद शतकीय पारी खेली। दूसरी पारी में केेल राहुल ने भी 77 रनों की अहम पारी खेली। पहली पारी में टीम इंडिया 150 रनों पर सिमट गई थी पर भारतीय गेंदबाजों ने कमाल का कमबैक करते हुए पूरी ऑस्ट्रेलिया टीम को घुटनों पर ला दिया। ऑस्ट्रेलिया पहली पारी में 104 रन ही बना पाई। दूसरी पारी में टीम इंडिया ने कमाल का कमबैक करते हुए ऑस्ट्रेलिया के सामने 6 विकेट के नुकसान पर 487 रन बनाकर पारी घोषित कर दी। जिससे ऑस्ट्रेलिया को 534 रनो का टारगेट मिला। लेकिन चौथे दिन भारत ने ऑस्ट्रेलिया को 295 रनों से हरा दिया।

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