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खेल-कूद

विलियमसन अच्छे कप्तान साबित होंगे : दीपक हुड्डा

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नई दिल्ली, 30 मार्च (आईएएनएस)| इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) की टीम सनराइजर्स हैदराबाद के युवा हरफनमौला खिलाड़ी दीपक हुड्डा का मानना है कि टीम के नए कप्तान न्यूजीलैंड के केन विलियमसन अच्छे कप्तान साबित होंगे और टीम उनके मार्गदर्शन में अच्छा प्रदर्शन करेगी।

आस्ट्रेलिया के डेविड वार्नर को केपटाउन टेस्ट में बॉल टेम्परिंग विवाद के कारण क्रिकेट आस्ट्रेलिया (सीए) ने 12 महीनों के लिए प्रतिबंधित कर दिया है और इसी के चलते बीसीसीआई ने वार्नर को आईपीएल के इस सीजन में खेलने की मनाही कर दी है।

वार्नर को हटाए जाने के बाद फ्रेंचाइजी ने न्यूजीलैंड की राष्ट्रीय टीम के कप्तान विलियमसन को कप्तान बनाया है। वार्नर के रहते ही सनराइजर्स ने 2016 में आईपीएल का खिताब जीता था।

दीपक ने आईएएनएस से फोन पर बातचीत में कहा कि वार्नर अच्छे कप्तान थे लेकिन उन्हें उम्मीद है कि विलियमसन के नेतृत्व में भी टीम शानदार प्रदर्शन करेगी।

दीपक ने कहा, डेविड वार्नर अच्छे कप्तान थे, लेकिन केन विलियमसन भी अच्छे कप्तान साबित होंगे। दो साल से वो भी टीम के साथ हैं। वो भी खिलाड़ियों को जानते हैं। हम उनके रहते आत्मविश्वास महसूस कर रहे हैं। वो अपनी देश की टीम के कप्तान हैं, इससे ज्यादा और क्या चाहिए।

आईपीएल के पिछले सीजन में टीम खिताब बचाने की दावेदार मानी जा रही थी, लेकिन ऐसा नहीं कर पाई। दीपक को लगता है कि पिछली बार टीम में जो कमी थी वो इस सीजन में नहीं है और इस बार टीम पहले से बेहतर प्रदर्शन करेगी।

बकौल दीपक, हमारी टीम अच्छी है। पिछले सीजन में टीम में जो कमियां थीं वो इस बार नहीं लग रही हैं और टीम पूरी लग रही है। मेरे हिसाब से टीम काफी अच्छी है और हम अच्छा प्रदर्शन करेंगे।

दीपक को दो बार भारतीय टीम में चुना गया था। वह पिछले साल दिसंबर में श्रीलंका के खिलाफ खेली गई तीन टी-20 मैचों की सीरीज में पहली बार टीम में जगह बनाने में सफल रहे थे। वहीं इसी साल निदास ट्रॉफी में भी वह राष्ट्रीय टीम का हिस्सा थे। वह हालांकि अंतिम एकादश में जगह नहीं बना पाए थे।

इस पर दीपक ने कहा कि उनके हाथ में सिर्फ अंतिम-15 में जगह बनाना है।

उन्होंने कहा, अंतिम एकदाश में जगह बनाना, सब समय की बात है। जब लिखा होगा तब मिलेगा। मेरे हाथ में 15 खिलाड़ियों में शामिल होना है। इसके बाद टीम प्रबंधन को देखना होता है कि उन्हें क्या चाहिए। उस हिसाब से मैं फिट नहीं बैठा होऊंगा। लेकिन, मौके कम नहीं हैं। आगे मौैके मिलते रहेंगे, बस उन्हें भुनाना है। आईपीएल अच्छा मौका है।

दो बार भारतीय टीम का हिस्सा बनने पर क्या सीखने को मिला? इस सवाल के जवाब में 22 साल के इस युवा खिलाड़ी ने कहा, मुझे सीखने को मिला कि वो (सीनियर खिलाड़ी) कैसे अपने आप को तैयार करते हैं। वो लोग काफी पेशेवर हैं। वो अपनी डाइट को लेकर काफी गंभीर हैं। टीम में काफी आत्मविश्वास है। वो प्रतिबद्ध रहते हैं कि बुरी परिस्थिति में भी हमको अच्छा खेलना है, कहां सुधार कर सकता हूं, मेरा टीम में क्यो रोल है। कैसे मैं बेहतर खिलाड़ी बन सकता हूं।

दीपक का निकनेम हरिकेन है। यह नाम उन्हें क्यों और किसने दिया इस पर दीपक ने कहा, अंडर-19 में जब खेल रहा था तब हमारे कोच आर. श्रीधर ने मुझे यह नाम दिया था। कारण यह था कि मैं मध्य क्रम में बल्लेबाजी करता था और मैच फीनिश करता था। तो जिस तरह हरिकेन शांत रहता है लेकिन परिस्थिति के आते ही वह चीजों को बदल देता है, उसी के कारण हरिकेन नाम दिया।

सनराइजर्स से पहले दीपक राजस्थान रॉयल्स में थे जहां उनके मेंटॉर राहुल द्रविड़ थे। वहीं सनराइजर्स में उनके मेंटॉर वीवीएस. लक्ष्मण हैं। दोनों के बारे में पूछने पर कहा कि दोनों एक जैसे हैं लेकिन समझाने का तरीका अलग है।

उन्होंने कहा, दोनों एक तरह के हैं। दोनों शांत रहते हैं। राहुल सर के साथ काफी मजा आया, उतना ही मजा लक्ष्मण सर के साथ आया। दोनों मानसिक तैयारी पर जोर देते हैं। हां, दोनों का समझाने का तरीका थोड़ा अलग है।

दीपक की नजरें इस आईपीएल में अच्छा प्रदर्शन कर एक बार फिर राष्ट्रीय टीम में जगह बनाने पर हैं।

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खेल-कूद

IND VS AUS: पर्थ में टूटा ऑस्ट्रेलिया का घमंड, भारत ने 295 रनों से दी मात

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पर्थ। भारतीय क्रिकेट टीम ने बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के पहले टेस्ट मैच में मेजबान ऑस्ट्रेलिया को धूल चटाते हुए नया कीर्तिमान रच दिया है। टीम इंडिया ने पर्थ में 16 साल बाद पहला टेस्ट मैच जीता है। इससे पहले भारत ने साल 2008 में कुंबले की कप्तानी में ऑस्ट्रेलिया को हराया था। हालांकि यह मैच पर्थ के ऑप्टस स्टेडियम में खेला गया। पहली पारी में 150 रन बनाने वाली टीम इंडिया ने ऑस्ट्रेलिया को पहली पारी में सिर्फ 104 रनों पर ढेर कर दिया था। इसके बाद टीम इंडिया ने अपनी दूसरी पारी 487/6 रन के स्कोर पर घोषित करते हुए ऑस्ट्रेलिया के सामने 534 रनों का विशाल लक्ष्य रखा।

इस पहाड़ जैसे लक्ष्य का पीछा करते हुए ऑस्ट्रेलिया की टीम दूसरी पारी में सिर्फ 238 रनों के स्कोर पर ढेर हो गई। इस तरह टीम इंडिया ने ऑस्ट्रेलिया को उसी के घर में 295 रनों से हराकर बड़ा इतिहास रच दिया। ध्यान देने वाली बात यह है कि टीम इंडिया में न तो रोहित शर्मा थे, न ही शुभमन गिल, न ही रवींद्र जडेजा और रविचंद्रन अश्विन और न ही मोहम्मद शमी थे। इसके बावजूद टीम इंडिया ने ऐतिहासिक जीत दर्ज की।

पर्थ टेस्ट की दूसरी पारी में यशस्वी जायसवाल ने 161 रन और विराट कोहली ने नाबाद शतकीय पारी खेली। दूसरी पारी में केेल राहुल ने भी 77 रनों की अहम पारी खेली। पहली पारी में टीम इंडिया 150 रनों पर सिमट गई थी पर भारतीय गेंदबाजों ने कमाल का कमबैक करते हुए पूरी ऑस्ट्रेलिया टीम को घुटनों पर ला दिया। ऑस्ट्रेलिया पहली पारी में 104 रन ही बना पाई। दूसरी पारी में टीम इंडिया ने कमाल का कमबैक करते हुए ऑस्ट्रेलिया के सामने 6 विकेट के नुकसान पर 487 रन बनाकर पारी घोषित कर दी। जिससे ऑस्ट्रेलिया को 534 रनो का टारगेट मिला। लेकिन चौथे दिन भारत ने ऑस्ट्रेलिया को 295 रनों से हरा दिया।

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